अक्तूबर का महीना जम्मू-कश्मीर में रक्त रंजित रहा। आतंकियों ने निर्दोष लोगों का खून बहाया। इन घटनाओं से आतंकियों के आकाओं ने घाटी के आवाम को डराने—धमकाने की साजिश रची। लेकिन वही आवाम अब आतंक के खिलाफ सिर उठाकर बोल रही है कि बेगुनाहों का कत्ल करने वाले इस्लाम व कश्मीर के दुश्मन हैं। दरअसल गत सोमवार को डाउन-टाउन के बोहरीकदल इलाके में कश्मीरी हिदू डा.संदीप मावा के शोरूम में लंबे समय से सेल्समैन का काम करते आ रहे मुहम्मद इब्राहिम खान को आतंकियों ने निशाना बनाया था। इब्राहिम उस रात शोरूम के बाहर डॉ. मावा की कार को घर पहुंचाने के लिए स्टार्ट ही कर रहे थे कि अचानक आए आतंकियों ने उनकी हत्या कर दी। खबरों के अनुसार आतंकियों का निशाना डॉ.मावा ही थे। इब्राहिम की हत्या की खबर जैसे ही इलाके में फैली लोग सन्न रह गए। इस दौरान परिजन सिर्फ एक ही बात कह रहे थे कि इब्राहिम एक सीधा-साधा सेल्समैन था। फिर आतंकियों ने उसे क्यों मार डाला ? उसका क्या कसूर था ? जिसने भी यह किया है, वह शैतान ही होगा। जिन्होंने हमारी जिंदगी को जहुन्नम बनाया है, खुदा उनको दोजख की आग में जलाए। बता दें कि पिछले महीने डॉ. संदीप मावा के जीजा मक्खन लाल बिंदरू की आतंकियों ने हत्या कर दी थी।
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