आतंकियों के मददगार जेल विभाग के उप अधीक्षक और एक स्कूल प्रधानाचार्य को जम्मू—कश्मीर प्रशासन ने बर्खास्त कर दिया है। इन दोनों के खिलाफ संविधान के अनुच्छेद 311(2) के तहत कार्रवाई की गई है। खबरों के अनुसार जेल विभाग के उप अधीक्षक फिरोज अहमद लोन ने आतंकी सरगनाओं के साथ मिलकर युवाओं को हथियारों के प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान एवं पीओजेके भेजने की साजिश रची थी। मंशा यह थी कि जो युवा प्रशिक्षित होकर वापस आएंगे, वे कश्मीर में आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के सक्रिय आतंकी के रूप में काम करेंगे। खबर यह भी है कि फिरोज अहमद हिज्बुल आतंकी रियाज नायकू के लिए काम कर रहा था। यह सभी जानते हैं कि 2019 से पहले जम्मू-कश्मीर की जेलें आतंकियों के लिए सुरक्षित पनागाह थीं। यहीं से वे मजहबी कट्टरता फैलाते थे और स्लीपर सेल के माध्यम से आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिलाते थे। फिरोज लोन जैसे महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोग इन साजिशों में सहयोग करते थे और जेल की व्यवस्था को पूरी तरह तहस-नहस करते थे।
इसी तरह गवर्नमेंट गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल बिजबिहाड़ा का प्रिसिंपल जावेद अहमद शाह कट्टरता का पक्षधर और आतंकी समर्थक माना जाता है। 2016 में आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद भड़की हिंसा में हुर्रियत व जमात के लिए सलाहकार के तौर पर काम कर रहा था। प्रधानाचार्य के तौर पर वह न केवल अपने स्कूल बल्कि आसपास के स्कूलों में हुर्रियत के हड़ताल कैलेंडर को लागू कराना सुनिश्चित करता था।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त 40 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त किया है तो बहुतों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
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