उत्तरकाशी की हर्षिल घाटी में भी केसर के फूलों की खुशबू बिखरने लगी है। प्रयोग के तौर पर उगाई गई केसर की उपज ने उत्साहजनक परिणाम दिए हैं। अब इन फूलों की गुणवत्ता की कश्मीर के केसर से तुलना की जा रही है। अभी तक केसर के उत्पादन में कश्मीर का ही वर्चस्व रहा है। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में चिलियासौड़ कृषि विज्ञान केंद्र ने हर्षिल घाटी में केसर के फूलों का उत्पादन कराने के लिए चार गांवों के 38 किसानों को सितंबर में बीज दिए थे। डेढ़ महीने में ये बीज अंकुरित होकर फूल बनकर खिल गए हैं।
कृषि विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार सुक्की, झाला, मुखरा, जसपुर और पुराली गांवों में जिन किसानों को केसर के बीज दिए गए थे उनकी कृषि भूमि की सबसे पहले मिट्टी की जांच की गई थी और वहां के मौसम के विषय मे जानकारी ली गई थी। केंद्र के प्राभारी रंजीत सिंह ने बताया कि हर्षिल घाटी में जो केसर के फूल हुए हैं, उनकी गुणवत्ता की तुलना कश्मीरी केसर के साथ की जा रही है। उन्होंने बताया कि यदि गुणवत्ता बराबर रही तो हमारे केसर की कीमत कश्मीर के केसर की तुलना में कम रहेगी और कश्मीर का बाजार में वर्चस्व भी टूटेगा।
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