सुनील राय
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर जिले के कप्तानगंज और सेवरही में जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने 'अब्बाजान' शब्द का प्रयोग किया. बीते दिनों अखिलेश यादव ने 'अब्बाजान' शब्द पर नाराजगी जाहिर की थी और सपा ने विधानसभा में हंगामा किया था.
उन्होंने कहा कि हर गरीब को शौचालय, आवास, राशन, पेंशन जैसी योजनाओं का लाभ बिना भेदभाव मिल रहा है. पहले लोग बिजली के लिए तरसते थे, अब जिले से लेकर गांव तक 16 से 24 घंटे बिजली मिल रही है. कांग्रेस के शासन में, अब्बाजान कहने वालों के राज में और बहनजी की सत्ता में बिजली नहीं मिलती थी. हमारी सरकार ने 5.51 लाख आवास एक साथ दिए. वर्चुअल संवाद कार्यक्रम में एक मुसहर महिला से हुए संवाद का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2016 में एक मुसहर की भूख से हुई मौत पर उनका कुशीनगर आना हुआ था. पहले सपा-बसपा के लोग गरीबों का अन्न खा जाते थे. वर्ष 2017 में उनकी सरकार बनने के बाद कुशीनगर ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में भूख के चलते एक भी मौत नहीं हुई है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूर्व की सरकार में अब्बाजान कहने वाले गरीबों की नौकरी पर डकैती डालते थे. नौकरी दिलाने के नाम पर खानदान झोला लेकर वसूली पर निकल जाता था. बीते साढ़े चार साल में हमारी सरकार ने पारदर्शिता के साथ सरकारी नौकरी दी है. इनमें वह महिला पुलिसकर्मी भी शामिल हैं जो अब्बा जान कहने वाले मजनुओं को ठीक से सबक सिखा रही हैं.
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि “अखिलेश यादव के अब्बा जान कहते थे कि अयोध्या में परिंदा पर नहीं मार सकता.” इस वक्तव्य में अब्बाजान शब्द प्रयोग किये जाने को लेकर अखिलेश यादव ने नाराजगी जाहिर की थी. अखिलेश यादव ने कहा था कि "उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, मेरे पिता के बारे में कुछ कहेंगे तो खुद भी सुनने के लिए तैयार रहें." उसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री एवं प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने अपने बयान में कहा था कि " अखिलेश अपने पिता को पिता जी तो कहते नहीं हैं. डैडी कहते हैं. अंग्रेजी के शब्द से उनको दिक्कत नहीं है मगर उर्दू से दिक्कत है. उनके पिता मुलायम सिंह यादव भी अखिलेश यादव को टीपू कहकर बुलाते हैं "
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