पिछले एक सप्ताह से हो रही पहाड़ों में बारिश से भूस्खलन हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। सीमावर्ती धारचूला तहसील के जुम्मा गांव में बादल फटने से 7 लोगों की मौत हो गयी है तो वहीं 15 स्थानों पर राष्ट्रीय राजमार्ग बन्द पड़े हैं।
उत्तराखंड ब्यूरो
पिछले एक सप्ताह से हो रही पहाड़ों में बारिश से भूस्खलन हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। सीमावर्ती धारचूला तहसील के जुम्मा गांव में बादल फटने से 7 लोगों की मौत हो गयी है तो वहीं 15 स्थानों पर राष्ट्रीय राजमार्ग बन्द पड़े हैं। उत्तराखंड में भारी बारिश के दौरान पहाड़ दरकने से पिछले एक हफ्ते में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। भूस्खलन की वजह से 205 स्थानीय सड़के बन्द हैं। चमोली जिले में जोशीमठ से नीति माना बॉर्डर तक जाने वाली सड़क भूस्खलन के कारण पिछले 17 दिनों से बंद है।
पिछली रात जुम्मा गांव में बादल फटने से 5 मकान बह गए, जिसमें 7 लोगों की मलबे में दब कर मौत हो गयी। एसडीआरएफ और एसएसबी के जवानों को राहत के कामों में लगाया गया है।पिथौरागढ़ जिले में बारिश आफत बनकर आयी है। जिलाधिकारी आशीष चौहान ने मौके पर जाकर धटना स्थल का जायजा लिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि मौसम खराब है। ठीक होते ही वे खुद भी मौके पर जाएंगे। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को सख्त हिदायत दी है कि वे मौके पर जाकर सभी सड़कों को तीन दिन में खोलें। उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ, और बॉर्डर एरिया में तैनात एसएसबी, आईटीबीपी के जवान भी आपदा प्रभावितों की मदद में लगे हुए हैं।
उत्तराखंड में आज 7वें दिन भी पहाड़ों में कभी तेज़ कभी रुक रुक कर बारिश होती रही। मौसम विभाग ने अभी अगले दो दिन और बारिश का अलर्ट जारी किया हुआ है।
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