इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने झूठ बोलकर कन्वर्जन कराकर निकाह मामले से जुड़ी सुनवाई करते हुए बेहद तीखी टिप्पणी की है। न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने कहा है कि धर्म के ठेकेदारों को अपने में सुधार लाना चाहिए। बहुसंख्यक समाज से जुड़े नागरिकों के धर्म परिवर्तन से देश कमजोर होता है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने झूठ बोलकर कन्वर्जन कराकर निकाह मामले से जुड़ी सुनवाई करते हुए बेहद तीखी टिप्पणी की है। न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने कहा है कि धर्म के ठेकेदारों को अपने में सुधार लाना चाहिए। बहुसंख्यक समाज से जुड़े नागरिकों के धर्म परिवर्तन से देश कमजोर होता है। न्यायालय ने यह भी कहा है कि इतिहास गवाह है कि जब-जब हम बंटे हैं, देश पर आक्रमण हुआ है। इस तल्ख टिप्पणी के साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने आरोपी जावेद अंसारी की जमानत याचिका खारिज कर दी। हाईकोर्ट ने जावेद अंसारी पर अपहरण, षड्यंत्र और धर्मांतरण कानून के आरोप को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि हर नागरिक को किसी धर्म को अपनाने का अधिकार है। अपनी मर्जी से शादी करना संवैधानिक अधिकार है। मामले के अनुसार जावेद उर्फ जाविद अंसारी पर इच्छा के विरुद्ध झूठ बोल कर कन्वर्जन कराकर निकाह करने का भी आरोप लगा है। इन मामलों में जमानत के लिए जावेद ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। दरअसल, पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिया कि जावेद ने सादे और उर्दू में लिखे कागज पर दस्तखत कराए। पीड़िता ने यह भी बताया कि जावेद ने यह बात भी छिपाई कि वह पहले से शादीशुदा है और उसने झूठ बोलकर कन्वर्जन कराया।
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