पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की युवा ईकाई के अध्यक्ष वहीद उर रहमान पारा के खिलाफ एक विशेष अदालत ने आतंकी गतिविधियों के मामलों में आरोप तय कर दिए हैं। ज्ञात हो कि महीने की शुरुआत में जम्मू—कश्मीर पुलिस के आरोपपत्र पर बचाव और अभियोजन पक्ष की दलीलों को सुना था। जिसके आधार पर ही आरोप तय किए गए हैं। आतंकियों के साथ साठगांठ करने वाले वहीद पारा का पत्रकार से नेता बनने के 13 साल के सफर को पुलिस ने आरोपपत्र में छलकपट और झूठ की कहानी बताया। पारा ने राजनीतिक फायदे के लिए आतंकियों से सहयोग लिया और बदले में उन्हें आतंकी हमलों समेत अन्य गतिविधियों में सहयोग और संरक्षण प्रदान किया था।
सुनवाई के दौरान अदालत ने आरोप तय करते हुए आदेश में कहा कि वहीद पारा के खिलाफ तथाकथित तौर पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के तहत किए गए अपराधों को साबित करने के पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध हैं। अदालत ने उस पर आतंकी संगठनों से गठजोड़ होने, आतंकियों के लिए चंदा जुटाने और आतंकी संगठन का मददगार होने का आरोप तय किया है। इसके अलावा उस पर देश के खिलाफ जंग छेड़ने की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपों के अलावा सरकार के खिलाफ जनाक्रोश पैदा करने को भी आरोपित बनाया है।
सुनवाई के दौरान जज ने अपने आदेश में कहा कि मैंने पुलिस रिपोर्ट और गवाहों के बयानों का आकलन किया है। रिपोर्ट में बताए गए हालात और तथ्यों का भी अध्ययन किया है। वहीद पारा के खिलाफ उपलब्ध डिजिटल साक्ष्यों को भी देखा है, जो लगाए गए आरोपों और उसके द्वारा किए गए अपराधों को साबित करने के लिए पर्याप्त हैं।
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