तमिलनाडु में 200 गैर-ब्राह्मण को पुजारी नियुक्‍त करने की तैयारी
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत तमिलनाडु

तमिलनाडु में 200 गैर-ब्राह्मण को पुजारी नियुक्‍त करने की तैयारी

by WEB DESK
Jun 14, 2021, 01:27 pm IST
in तमिलनाडु
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

तमिलनाडु में सत्‍ता में आते ही एम.के स्‍टालिन की अगुवाई वाली डीएमके सरकार ने हिंदू विरोधी नीतियों पर काम शुरू कर दिया है। सत्‍ता में आते ही डीएमके ने दोहरी चाल चली है। उसने राज्‍य के हिंदू मंदिरों में गैर-ब्राह्मण पुजारियों को नियुक्‍त करने की घोषणा की है।

तमिलनाडु में सत्‍ता में आते ही एम.के स्‍टालिन की अगुवाई वाली डीएमके सरकार ने हिंदू विरोधी नीतियों पर काम शुरू कर दिया है। सत्‍ता में आते ही डीएमके ने दोहरी चाल चली है। उसने राज्‍य के हिंदू मंदिरों में गैर-ब्राह्मण पुजारियों को नियुक्‍त करने की घोषणा की है। ऐसा करके वह हिंदू समाज को बांटना चाहती है। साथ ही, स्‍टालिन सरकार मंदिरों को अपने नियंत्रण में लेना चाहती है। उधर, राज्‍य के धर्मार्थ मामलों के मंत्री पी.के. शेखर बाबू ने साफ तौर पर कहा है कि मंत्रालय के अधीन आने वाले मंदिरों में पूजा-अर्चना तमिल में होगी। भाजपा ने द्रमुक सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध किया है। पार्टी का कहना है कि द्रमुक हिंदू समाज को बांटने की नीति पर चल रही है।

राज्‍य के 36,000 मंदिरों पर नजर

स्‍टालिन सरकार ने मंदिरों में अगले 100 दिन में 200 गैर-ब्राह्मण पुजारियों को नियुक्‍त करने की घोषणा की है। इसके लिए सरकार बाकायदा ‘शैव अर्चक’ नाम से एक पाठ्यक्रम भी शुरू करने जा रही है, जिसे पूरा करने के बाद कोई भी राज्‍य के प्रमख मंदिरों में पुजारी बन सकता है। यह पाठ्यक्रम 100 दिनों का होगा। धर्मार्थ मामलों के मंत्री शेखर बाबू ने कहा है कि मंदिरों पूजा तमिल में होगी। साथ ही, कहा कि गैर-ब्राह्मण, जिन्होंने आगम के अनुसार एक वर्षीय जूनियर शैव अर्चक पाठ्यक्रम पूरा कर लिया है, उन्हें 100 दिनों के भीतर पुजारी बना दिया जाएगा। मुख्‍यमंत्री का काम बोलेगा। उनके इस फैसले से सभी को खुशी होगी। दरअसल, तमिलनाडु में 36,000 मंदिर हैं, जो तमिलनाडु हिंदू रिलीजियस एंड चैरिटेबल इंडोमेंट डिपार्टमेंट (एचआर एंड सीई) के अंतर्गत आते हैं। गैर-ब्राह्मण पुजारियों की नियुक्तियां इन्‍हीं मंदिरों में की जाएगी। राज्‍य सरकार जल्‍द ही ऐसे पुजारियों की सूची जारी करने वाली है। पहले चरण में 70 से 100 गैर-ब्राह्मण पुजारियों की सूची जारी की जाएगी।

चर्च या मस्जिद पर नियंत्रण क्‍यों नहीं?

स्‍टालिन सरकार की इस घोषणा को भाजपा ने हिंदू विरोध से प्रेरित बताया है। पार्टी के वरिष्‍ठ नेता नारायणन तिरुपति ने कहा कि राज्‍य के मंदिरों में हजारों साल से गैर-ब्राह्मण पुजारी हैं। वहीं, प्रदेश भाजपा उपाध्‍यक्ष के.टी. राघवन कहते हैं कि सरकार चाहती है कि मंत्र तमिल में बोले जाएं। ऐसा कैसे हो सकता है? डीएमके राजनीतिक फायदे के लिए हिंदुओं के बीच मतभेद पैदा करने की कोशिश कर रही है। पार्टी का कहना है कि द्रमुक की स्‍थापना ही हिंदू विरोध वाली विचारधारा पर हुई है। राज्‍य सरकार क्‍या मस्जिद या चर्च को अपने नियंत्रण में लेगी? इस पर डीएमके सांसद एम.के. कनिमोझी का कहना है कि भाजपा खुद को हिंदुओं की रक्षक बताती है, लेकिन वह समाज के एक वर्ग के साथ ही क्‍यों खड़ी है?

सैकड़ों साल पुरानी परंपरा पर खतरा

तमिलनाडु के मंदिरों में पूजा-अर्चना की एक अलग परंपरा है, जो सैकड़ों साल चली आ रही है। ब्राह्मण पुजारी संघ के प्रतिनिधि एन. श्रीनिवासन ने प्रस्‍तावित पाठ्यक्रम पर सवाल उठाते हुए कहा कि 100 दिन की पढ़ाई करके कोई पुजारी कैसे बन सकता है? यह तो मंदिरों में चली आ रही सदियों पुरानी परंपरा का अपमान है। तमिल विद्वान वी. नजराजन का कहना है कि ग्रैर-ब्राह्मण पुजारी राज्‍य के धार्मिक अनुष्‍ठान का हिस्‍सा रहे हैं। ये लोग शैव एवं वैष्‍णव संप्रदाय के प्राचीन मंदिरों में अपनी भागीदारी चाहते हैं, लेकिन उन मंदिरों में दशकों से ब्राह्मण पुजारी पूजा की जिम्‍मेदारी संभाल रहे हैं। दूसरी जातियों के लिए इसे खोलने के कई परिणाम होंगे।

50 साल से यही कर रही डीएमके

1970 में एम. करुणानिधि के नेतृत्व वाली डीएमके सरकार ने राज्‍य के मंदिरों में पुजारियों के वंशानुगत उत्तराधिकार की प्रथा को समाप्त कर दिया। लेकिन 1972 में सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने इस पर रोक लगा दी। बाद में 1982 में तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री एम.जी. रामचंद्रन ने महाराजन आयोग गठित किया था, जिसने सभी जातियों के लोगों को प्रशिक्षण के बाद पुजारी नियुक्त करने की सिफारिश की थी।

कानून में संशोधन भी‍ किया

25 साल बाद डीएमके सरकार ने 2006 में गैर-ब्राह्मणों को अर्चक के रूप में नियुक्त करने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती अधिनियम में संशोधन किया और 2007 में एक साल का पाठ्यक्रम भी शुरू किया। लेकिन इन दोनों कदमों को सर्वोच्‍च न्‍यायालय में चुनौती दी गई थी। एम. करुणानिधि की सरकार ने तमिलनाडु के एचआर एंड सीई के 6 मंदिरों में यह पाठ्यक्रम शुरू किया था। 206 लोगों ने इसकी पढ़ाई की। इसके बाद 2011 में जब अन्‍नाद्रमुक की सरकार सत्‍ता में आई तो उसने पुजारियों के लिए पाठ्यक्रम को बंद करा दिया। 2015 में सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने सभी जातियों के सदस्‍यों को पुजारी नियुक्‍त करने के राज्‍य सरकार के फैसले को बरकरार रखा।

2018 में पहला गैर-ब्राह्मण पुजारी नियुक्‍त

इसके बाद 2018 में पहली बार अन्‍नाद्रमुक सरकार ने मदुरै जिले के तल्‍लाकुलम स्थित अय्यपन मंदिर में गैर-ब्राह्मण पुजारी मरीमाची की नियुक्ति की। इसके दो साल बाद त्‍यागराजन को नागमलाई पुदुक्‍कोट्टई के सिद्धि विनायक मंदिर में नियुक्‍त किया गया। नियुक्ति पाने वाले उन्‍हीं 206 लोगों में से हैं, जिन्‍होंने पहली बार इस पाठ्यक्रम की पढ़ाई की थी।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

पुलवामा हमले के लिए Amazon से खरीदे गए थे विस्फोटक

गोरखनाथ मंदिर और पुलवामा हमले में Amazon से ऑनलाइन मंगाया गया विस्फोटक, आतंकियों ने यूज किया VPN और विदेशी भुगतान

25 साल पहले किया था सरकार के साथ फ्रॉड , अमेरिका में हुई अरेस्ट; अब CBI लायेगी भारत

Representational Image

महिलाओं पर Taliban के अत्याचार अब बर्दाश्त से बाहर, ICC ने जारी किए वारंट, शीर्ष कमांडर अखुंदजदा पर भी शिकंजा

एबीवीपी का 77वां स्थापना दिवस: पूर्वोत्तर भारत में ABVP

प्रतीकात्मक तस्वीर

रामनगर में दोबारा सर्वे में 17 अवैध मदरसे मिले, धामी सरकार के आदेश पर सभी सील

प्रतीकात्मक तस्वीर

मुस्लिम युवक ने हनुमान चालीसा पढ़कर हिंदू लड़की को फंसाया, फिर बनाने लगा इस्लाम कबूलने का दबाव

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पुलवामा हमले के लिए Amazon से खरीदे गए थे विस्फोटक

गोरखनाथ मंदिर और पुलवामा हमले में Amazon से ऑनलाइन मंगाया गया विस्फोटक, आतंकियों ने यूज किया VPN और विदेशी भुगतान

25 साल पहले किया था सरकार के साथ फ्रॉड , अमेरिका में हुई अरेस्ट; अब CBI लायेगी भारत

Representational Image

महिलाओं पर Taliban के अत्याचार अब बर्दाश्त से बाहर, ICC ने जारी किए वारंट, शीर्ष कमांडर अखुंदजदा पर भी शिकंजा

एबीवीपी का 77वां स्थापना दिवस: पूर्वोत्तर भारत में ABVP

प्रतीकात्मक तस्वीर

रामनगर में दोबारा सर्वे में 17 अवैध मदरसे मिले, धामी सरकार के आदेश पर सभी सील

प्रतीकात्मक तस्वीर

मुस्लिम युवक ने हनुमान चालीसा पढ़कर हिंदू लड़की को फंसाया, फिर बनाने लगा इस्लाम कबूलने का दबाव

प्रतीकात्मक तस्वीर

उत्तराखंड में भारी बारिश का आसार, 124 सड़कें बंद, येलो अलर्ट जारी

हिंदू ट्रस्ट में काम, चर्च में प्रार्थना, TTD अधिकारी निलंबित

प्रतीकात्मक तस्वीर

12 साल बाद आ रही है हिमालय सनातन की नंदा देवी राजजात यात्रा

पंजाब: अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्कर गिरोह का पर्दाफाश, पाकिस्तानी कनेक्शन, 280 करोड़ की हेरोइन बरामद

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies