कर्णावती में सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत तिरंगे को सलामी देते हुए (बाएं) और अगरतला में सरकार्यवाह श्री भैयाजी जोशी ध्वजारोहण करते हुए (दाएं)। गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने कर्णावती में और सरकार्यवाह श्री भैयाजी जोशी ने अगरतला में तिरंगा फहराया। कर्णावती संघ कार्यालय में झंडोतोलन के बाद श्री भागवत ने कहा कि हम जब ‘जन गण मन’ गाते हैं, तब ध्यान में आता है कि भारत भाग्यविधाता को नमन करके हम अपने देश का स्मरण करते हैं। देश की भूमि, उसकी सीमाएं, पहाड़, नदियां, जन, जंगल, पशु, पुत्र, पर्यावरण, भूमि ये सभी हमारी आंखों के सामने आते हैं। भारत के लोग आस्तिक बुद्धि के हैं। वे अपनी श्रद्धा को सुरक्षित रखकर देश के लिए प्रार्थना करते हैं। उस प्रार्थना में भारत माता के स्वरूप का वैचारिक दृष्टि से दर्शन करके और भारत माता के पूजन के समय उनके अखंड स्वरूप का चिंतन करते हैं। उन्होंने कहा कि तिरंगे के रंग त्याग, पवित्रता, समृद्धि के प्रतीक हैं। सबको स्वीकारना, संयमपूर्वक जीवन जीना और सतत कर्म करते हुए सर्वत्र मंगल करना, यही अपने देश का प्रयोजन है। उन्होंने कहा कि यह अपना गणतंत्र है, जिसे चलाने वाले हम ही हैं। हमारे संविधान में नागरिक अधिकार के साथ नागरिक दायित्व की भी बात कही गई है। संविधान पढ़ते ही देश को किस दिशा में आगे ले जाना है, वह पता चलता है, इसीलिए उसे अवश्य पढ़ना चाहिए। अगरतला में त्रिपुरेश्वरी विद्या मंदिर गांधीग्राम में आयोजित ध्वजारोहण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे श्री भैयाजी जोशी। इस अवसर पर त्रिपुरा प्रांत के प्रांत संघचालक श्री बिमलकांति रॉय भी उपस्थित रहे। नागपुर के महाल स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के केंद्रीय कार्यालय में भी राष्ट्रध्वज फहराया गया। नागपुर महानगर के संघचालक श्री राजेश लोया ने तिरंगा फहराया तथा ध्वज वंदन किया। https://www.panchjanya.com/Encyc/2021/2/2/Sarsanghchalak-and-Sarkaryavah-hoisted-the-tricolor.html
टिप्पणियाँ