शक के दायरे में नीयत
July 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

शक के दायरे में नीयत

by
Sep 25, 2017, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 25 Sep 2017 10:56:22

मीडिया का काम सिर्फ विरोध ही नहीं, बल्कि घटनाओं की सही तस्वीर और तथ्यों को सामने रखना भी है

जैसी कि उम्मीद थी, रोहिंग्या मुसलमानों के मामले में भी मीडिया के बड़े तबके ने भारत विरोधी रवैया अपनाया। इस बार भी एनडीटीवी ही इस जमात की अगुआई कर रहा है। तमाम चैनलों व अखबारों में छिपे वामपंथी देशहित के इस मामले में अपनी विचारधारा की घुट्टी घोलने में जुटे हैं। जो कल तक भारतीय परंपराओं का मजाक उड़ाते रहे, वे हमें ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की याद दिला रहे हैं। जो बताते रहे कि भारत में मुसलमानों पर अत्याचार हो रहा है, वे अचानक इसे रोहिंग्या मुसलमानों के लिए सुरक्षित जगह बताने लगे। एनडीटीवी पर बताया गया कि भारत तो शरणार्थियों से ही बना देश है। इंडियन एक्सप्रेस लगभग रोज ऐसी तस्वीरें छाप रहा है, जिससे लोगों में रोहिंग्याओं के लिए संवेदना पैदा हो सके। लोग पूछ रहे हैं कि क्या कश्मीर और पाकिस्तान से भगाए गए हिंदुओं की बदहाली को लेकर एनडीटीवी व इंडियन एक्सप्रेस जैसे संस्थान कभी संवेदनशील रहे हैं? अगर नहीं, तो इस मामले में उनकी नीयत शक के दायरे में है।
मीडिया का काम सिर्फ विरोध करना ही नहीं, बल्कि घटनाओं की सही तस्वीर और तथ्यों को सामने रखना भी है। अगर वह ऐसा नहीं कर रहा, तो मतलब यही है कि वह अफवाह फैला रहा है। सरकार के विरोध के नाम पर झूठी और मनगढ़ंत खबरें छापने और दिखाने की तो मानो छूट-सी मिली हुई है। राजस्थान के गो तस्कर पहलू खान के मामले में गलत तरीके से नामजद किए गए छह लोगों को पूरी जांच के बाद छोड़ा गया तो कई अखबारों ने ऐसे खबर छापी मानो सारे आरोपियों को छोड़ दिया गया हो। इकॉनोमिक टाइम्स ने छापा कि दिल्ली मेट्रो बनाने वाले ई. श्रीधरन ने बुलेट ट्रेन का विरोध किया है, जबकि यह गलत खबर थी। उनका आशय बुलेट ट्रेन से नहीं, बल्कि मुंबई-अमदाबाद मार्ग से था। ऐसी खबरें कौन लोग गढ़ते हैं तथा उसके पीछे मंशा क्या होती है, समझना मुश्किल नहीं है।
उत्तर प्रदेश में किसानों का एक लाख रुपये तक का कर्ज माफ किया जा रहा है। लाभ लेने वाले किसानों की संख्या करोड़ों में है। चैनलों और अखबारों की नजर से देखें तो पूरे प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ है। सवाल यह है कि क्या मीडिया यह नहीं समझता कि जहां इतना बड़ा अभियान चल रहा हो, वहां कुछ दर्जन मामलों में भूल-चूक हो सकती है? जिन किसानों के कर्ज के 10-20 रुपये ही बचे थे, उन्हें उतने की ही माफी का प्रमाणपत्र भेजा गया। इसे लेकर भ्रम फैलाने की पूरी कोशिश की गई। ऐसी किसी भी खबर में मीडिया की जिम्मेदारी होती है कि वह संबंधित अधिकारी या नेता से उसका भी पक्ष पूछे, लेकिन इसे बड़ी सफाई से नजरअंदाज कर दिया गया।
इधर एक और बात सामने आ रही है कि कुछ खास पत्रकारों को रोज नकारात्मक विषयों पर बाकायदा सूचनाएं और दूसरी सामग्री भेजी जा रही है। हमारी जानकारी के मुताबिक, यह एक बड़े विपक्षी दल की तरफ से प्रायोजित हो रहा है। इस सूचना व सामग्री के आधार पर कुछ अग्रणी चैनलों पर कार्यक्रम तैयार कराए और प्रसारित भी किए जा रहे हैं। ध्यान से देखें तो कुछ चैनलों पर रोज झूठी और भ्रामक खबरों को योजनाबद्घ तरीके से प्रसारित किया जा रहा है। किसी मामले में जब कोई पत्रकार पकड़ा जाता है तो बहुत जरूरी होने पर खेद जता देते हैं। पर एक बार गलत खबर चल गई तो वह सोशल मीडिया के जरिए फैलती रहती है और बड़ी संख्या में लोगों द्वारा सच मान ली जाती है। क्या बिना किसी लालच के झूठी खबरों का यह कारोबार इतनी आसानी से चल सकता है?
फिलहाल कांग्रेस नेता और उसके समर्पित पत्रकारों की बौखलाहट इतनी बढ़ चुकी है कि वे गाली-गलौज पर उतारू हैं। मनीष तिवारी, मृणाल पांडे और देह व्यापार के आरोपी एक कांग्रेसी नेता के पत्रकार भाई ने सोशल मीडिया पर अभद्रता व गाली-गलौज की भाषा का इस्तेमाल किया। इनमें भाजपा समर्थकों से लेकर प्रधानमंत्री के परिवार तक को अपमानित करने की मंशा थी। कुछ दिन पहले एक आम व्यक्ति की अभद्र भाषा के लिए प्रधानमंत्री को दोषी ठहरा रहे पत्रकार इस बार चुप बैठ गए। कुछ ने तो इस अभद्रता को सही ठहराना भी शुरू कर दिया। लोग इस पाखंड को अच्छी तरह देख व समझ रहे हैं।
उधर, रिपब्लिक चैनल ने हाल ही में माकपा से निष्कासित सांसद रिताब्रत बनर्जी का साक्षात्कार लेकर वामपंथी खेमे के विरोधाभासों को उजागर कर दिया। यह साक्षात्कार वामपंथ की अंदरूनी राजनीति पर ही नहीं, बल्कि पूरी विचारधारा पर सवाल खड़े करता है। रिताब्रत बनर्जी ने केरल के कन्नूर में स्वयंसेवकों की बर्बर तरीके से हत्या के सच को उजागर किया। उन्होंने बताया कि कैसे राज्य में जगह-जगह मार्शल आर्ट अकादमी के नाम पर वामपंथी आतंकवाद के प्रशिक्षण केन्द्र खोले गए हैं। लगभग पूरा वामपंथ इस्लामी कट्टरपंथियों के कब्जे में जा चुका है। यह एक बड़ा खुलासा था जिस पर मीडिया के जरिए एक बड़ी बहस की गुंजाइश थी, लेकिन पत्रकार के नाम पर बैठे कामरेडों ने पूरी मुस्तैदी के साथ मामले को दबा दिया। इसकी बजाए अब रिपब्लिक चैनल और उसके संपादक पर ही चौतरफा हमले तेज हो गए हैं।    ल्ल

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

लव जिहाद : राजू नहीं था, निकला वसीम, सऊदी से बलरामपुर तक की कहानी

सऊदी में छांगुर ने खेला कन्वर्जन का खेल, बनवा दिया गंदा वीडियो : खुलासा करने पर हिन्दू युवती को दी जा रहीं धमकियां

स्वामी दीपांकर

भिक्षा यात्रा 1 करोड़ हिंदुओं को कर चुकी है एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने का संकल्प

पीले दांतों से ऐसे पाएं छुटकारा

इन घरेलू उपायों की मदद से पाएं पीले दांतों से छुटकारा

कभी भीख मांगता था हिंदुओं को मुस्लिम बनाने वाला ‘मौलाना छांगुर’

सनातन के पदचिह्न: थाईलैंड में जीवित है हिंदू संस्कृति की विरासत

कुमारी ए.आर. अनघा और कुमारी राजेश्वरी

अनघा और राजेश्वरी ने बढ़ाया कल्याण आश्रम का मान

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

लव जिहाद : राजू नहीं था, निकला वसीम, सऊदी से बलरामपुर तक की कहानी

सऊदी में छांगुर ने खेला कन्वर्जन का खेल, बनवा दिया गंदा वीडियो : खुलासा करने पर हिन्दू युवती को दी जा रहीं धमकियां

स्वामी दीपांकर

भिक्षा यात्रा 1 करोड़ हिंदुओं को कर चुकी है एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने का संकल्प

पीले दांतों से ऐसे पाएं छुटकारा

इन घरेलू उपायों की मदद से पाएं पीले दांतों से छुटकारा

कभी भीख मांगता था हिंदुओं को मुस्लिम बनाने वाला ‘मौलाना छांगुर’

सनातन के पदचिह्न: थाईलैंड में जीवित है हिंदू संस्कृति की विरासत

कुमारी ए.आर. अनघा और कुमारी राजेश्वरी

अनघा और राजेश्वरी ने बढ़ाया कल्याण आश्रम का मान

ऑपरेशन कालनेमि का असर : उत्तराखंड में बंग्लादेशी सहित 25 ढोंगी गिरफ्तार

Ajit Doval

अजीत डोभाल ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तान के झूठे दावों की बताई सच्चाई

Pushkar Singh Dhami in BMS

कॉर्बेट पार्क में सीएम धामी की सफारी: जिप्सी फिटनेस मामले में ड्राइवर मोहम्मद उमर निलंबित

Uttarakhand Illegal Majars

हरिद्वार: टिहरी डैम प्रभावितों की सरकारी भूमि पर अवैध मजार, जांच शुरू

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies