पुस्तक समीक्षा : मुखर्जी का बहुआयामी व्यक्तित्व
July 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

पुस्तक समीक्षा : मुखर्जी का बहुआयामी व्यक्तित्व

by
Sep 4, 2017, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 04 Sep 2017 10:11:56

डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी पर अनेकानेक ग्रंथों एवं पुस्तकों की रचना हुई है, लेकिन प्रस्तुत पुस्तक 'डॉ. श्यामाप्रसाद मुकर्जी- एक शिक्षाविद्' उनके बहुआयामी व्यक्तित्व के एक ऐसे पहलू को विवेचित करती है जिसकी चर्चा वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में बहुत कम होती है।
डॉ. मुखर्जी भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष, संविधान सभा के सदस्य, नेहरू मंत्रिपरिषद में वाणिज्य मंत्री और कश्मीर पर अपनी वैचारिक दृढ़ता, स्पष्टता और अन्तत: कश्मीर के लिए प्राणों का उत्सर्ग करने के लिए जाने जाते हैं। लेकिन जिस परिवेश, पृष्ठभूमि, विरासत और कृतित्व ने उन्हें भविष्य के लिए तैयार किया, उन्हें महानतम श्रेणी में स्थापित किया, वह प्रारंभिक जीवन में शिक्षा के क्षेत्र में उनका उल्लेखनीय, अविस्मरणीय कार्य है जो वर्तमान में भी अनुकरणीय है। पुस्तक में आगमनात्मक, ऐतिहासिक एवं तुलनात्मक पद्धति का उपयोग किया गया है। यह उपसंहार के अलावा आठ अध्यायों में है। पुस्तक में प्रस्तावना, वेश, परंपरा व विरासत, प्रारंभिक जीवन, विद्यार्थी से विचारक तक, युवा कुलपति, उनके शैक्षणिक विचारों की प्रासंगिकता आदि के साथ महत्वपूर्ण परिशिष्ट को भी शामिल किया गया है। पुस्तक के आरंभ में ही डॉ. मुखर्जी का समर्पण 'लीव्स फ्रॉम अ डायरी, 1946' उद्धृत है। उनके शब्द उनकी वैचारिक एवं आध्यात्मिक विशिष्टता का दर्शन कराते हैं।
पुस्तक प्रथम चार अध्यायों में व्यक्ति एवं व्यक्तित्व निर्माण की आधारशिला तैयार करने का महती कार्य आपके पिता डॉ. आशुतोष मुखर्जी, कुलपति कलकत्ता विश्वविद्यालय एवं कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश द्वारा किए गए विमर्श एवं उद्धरण को साथ लेकर चलती है। डॉ. मुखर्जी ने अपनी एक पुस्तिका में लिखा था 'मैं महान बनना चाहता हूं। मैं धन नहीं चाहता'। निश्चित ही यह उनका राष्ट्रभाव था। पृष्ठ 35 पर अनूदित संदर्भ 'उच्च शिक्षा प्राप्त कर भारत लौटें, देशवासियों के हितार्थ कार्य करें।' 'जीवन का तात्पर्य मौजमस्ती नहीं, यह दूसरों की सेवा के लिए मिला है।' 'विद्यार्थी अगर पढ़ाई छोड़ देंगे तो देश के विकास में कैसे हाथ बंटाएंगे', आदि इसके परिचायक हैं। उनका मानना था कि 'वैचारिक युद्ध पुस्तकों के बिना नहीं लड़ा जा सकता है।' पुस्तकों से उन्हें अगााध प्रेम था। वे ग्रीक विचारक सिसरो के विचार 'पुस्तक विहीन कमरा आत्मा विहीन शरीर की भांति है' से सहमत नजर आते हैं। उन्होंने 1952 में 85,000 पुस्तकों का अनमोल भंडार राष्ट्र को समर्पित कर दिया था।
शिक्षा की प्रासंगिकता के परिपे्रक्ष्य में उनका मानना था कि यह मनुष्य के विकास के साथ राष्ट्र निर्माण के लिए अति आवश्यक है। वे उन सभी शैक्षणिक एवं अन्य सिद्धांतों का खंडन करते हैं जो वस्तुत: राष्ट्र के पुनर्जागरण की अवधारणा से पृथक राष्ट्र निर्माण की विवेचना पर जोर देते हैं। डॉ. मुखर्जी धर्मपरायण थे, पर रूढि़वादिता से बहुत दूर थे। उन्होंने आधुनिक शिक्षा, विशेषकर समाजोपयोगी और व्यवसायोपयोगी शिक्षा पर बल दिया। उनका मानना था कि 'भारत विश्व का पहला राष्ट्र है जो मूलभूत स्वरूप में समर्पण, समानता व सांस्कृतिक जीवन मूल्यों को सर्वोच्चता प्रदान करता रहा है। बंकिमचंद्र की भांति वे 'बाबू प्रथा' और अंग्रेजी भाषा के बढ़ते प्रभाव एवं वर्चस्व से विचलित थे।
विश्वविद्यालयों की वित्तीय स्थिति पर उन्होंने कहा था कि विश्वविद्यालय राष्ट्रीय धरोहर हैं जिस पर हर भारतीय को गर्व होना चाहिए। विश्वविद्यालयों को हर परिस्थिति में पर्याप्त फंड मिलें ताकि विश्वविद्यालय जीवित रह सकें। मंत्रिमंडल की बैठक में उन्होंने कहा था, ''मुस्लिम सदस्यों का कर्तव्य है कि वे अपने समुदाय में ऐसा जनमत बनाएं ताकि युवा शैक्षिक सुविधाओं का पूरा लाभ उठा सकें। यूनिवर्सिटी सभी के लिए समान अवसर प्रदान करती है चाहे कोई किसी भी जाति, धर्म, मत अथवा समुदाय का विद्यार्थी हो। दोनों समुदायों में गलतफहमी का कोई कारण नहीं होना चाहिए।'' उन्होंने परीक्षा प्रणाली, समय सारणी व ट्यूटोरियल का एक स्वरूप प्रस्तुत किया था जो आज भी उतना ही प्रासंगिक है। छठा अध्याय शिक्षा के संप्रदायीकरण के संदर्भ में है, जबकि सातवां अध्याय समग्रता को स्थापित करता है।
पुस्तक कहीं कुछ छोटी-मोटी त्रुटियों को छोड़कर अपनी संरचना और रचना पद्धति के साथ न्याय करती है। लेखक बधाई के पात्र हैं कि उन्होंने पुस्तक में सहजता, तारतम्यता, अनुकूलता और विषय के यथार्थ को
अपनाए रखा।      -प्रो. श्रीप्रकाश सिंह

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Nepal Rasuwagadhi Flood

चीन ने नहीं दी बाढ़ की चेतावनी, तिब्बत के हिम ताल के टूटने से नेपाल में तबाही

Canada Khalistan Kapil Sharma cafe firing

खालिस्तानी आतंकी का कपिल शर्मा के कैफे पर हमला: कनाडा में कानून व्यवस्था की पोल खुली

Swami Dipankar

सावन, सनातन और शिव हमेशा जोड़ते हैं, कांवड़ में सब भोला, जीवन में सब हिंदू क्यों नहीं: स्वामी दीपांकर की अपील

Maulana chhangur

Maulana Chhangur: 40 बैंक खातों में 106 करोड़ रुपए, सामने आया विदेशी फंडिंग का काला खेल

प्रतीकात्मक तस्वीर

बलूचिस्तान में हमला: बस यात्रियों को उतारकर 9 लोगों की बेरहमी से हत्या

Chmaba Earthquake

Chamba Earthquake: 2.7 तीव्रता वाले भूकंप से कांपी हिमाचल की धरती, जान-माल का नुकसान नहीं

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Nepal Rasuwagadhi Flood

चीन ने नहीं दी बाढ़ की चेतावनी, तिब्बत के हिम ताल के टूटने से नेपाल में तबाही

Canada Khalistan Kapil Sharma cafe firing

खालिस्तानी आतंकी का कपिल शर्मा के कैफे पर हमला: कनाडा में कानून व्यवस्था की पोल खुली

Swami Dipankar

सावन, सनातन और शिव हमेशा जोड़ते हैं, कांवड़ में सब भोला, जीवन में सब हिंदू क्यों नहीं: स्वामी दीपांकर की अपील

Maulana chhangur

Maulana Chhangur: 40 बैंक खातों में 106 करोड़ रुपए, सामने आया विदेशी फंडिंग का काला खेल

प्रतीकात्मक तस्वीर

बलूचिस्तान में हमला: बस यात्रियों को उतारकर 9 लोगों की बेरहमी से हत्या

Chmaba Earthquake

Chamba Earthquake: 2.7 तीव्रता वाले भूकंप से कांपी हिमाचल की धरती, जान-माल का नुकसान नहीं

प्रतीकात्मक तस्वीर

जबलपुर: अब्दुल रजाक गैंग पर बड़ी कार्रवाई, कई गिरफ्तार, लग्जरी गाड़ियां और हथियार बरामद

China Rare earth material India

चीन की आपूर्ति श्रृंखला रणनीति: भारत के लिए नया अवसर

भारत का सुप्रीम कोर्ट

बिहार में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पर रोक लगाने से SC का इंकार, दस्तावेजों को लेकर दिया बड़ा सुझाव

भगवंत मान, मुख्यमंत्री, पंजाब

CM भगवंत मान ने पीएम मोदी और भारत के मित्र देशों को लेकर की शर्मनाक टिप्पणी, विदेश मंत्रालय बोला- यह शोभा नहीं देता

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies