सींखचों में पहुंचे सिमी के आतंकी
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

सींखचों में पहुंचे सिमी के आतंकी

by
Mar 6, 2017, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 06 Mar 2017 15:47:03

इंदौर की एक अदालत ने प्रतिबंधित संगठन सिमी के 11 आतंकवादियों को आजीवन कारावास की सजा दी। जो नेता सिमी से प्रतिबंध हटाने की मांग करते थे और जो वकील (कांग्रेस के एक नेता) अदालत में पैरवी करते थे, क्या अब वे लोग देश से माफी मांगेंगे? 

 महेश शर्मा

मध्य प्रदेश में एक विशेष अदालत ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए प्र्रतिबंधित आतंकी संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के 11 आतंकवादियों को देशद्रोह के आरोप पर उम्रकैद की सजा सुनाई है। देश में यह पहला मौका है जब सिमी आतंकियों को ऐसी सजा सुनाई गई। 27 फरवरी को इंदौर में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए न्यायाधीश बी़ के़ पालोदा ने यह सजा सुनाई। इनमें से 10  आतंकवादी अमदाबाद बम विस्फोट मामले में गुजरात की साबरमती जेल में बंद हैं। एक आतंकी जमानत पर रिहा था जिसे फैसले के तुरंत बाद हिरासत में ले लिया गया।
मध्य प्रदेश पुलिस ने महत्वपूर्ण सफलता हासिल करते हुए 26 मार्च, 2008 की रात को इंदौर में इन्हें गिरफ्तार किया था। इन आतंकवादियों में सिमी का पूर्व महासचिव सफदर नागौरी और अनेक राज्यों के सिमी मुखिया शामिल हैं। आतंकवादियों में चार मध्य प्रदेश, चार कर्नाटक और तीन केरल के हैं। सफदर नागौरी वर्ष 1997 से ही फरार था। 2008 में इंदौर के श्याम नगर स्थित एक मकान से उसके साथ उसका भाई और सिमी की आंध्र प्रदेश इकाई का कमरुद्दीन भी गिरफ्त में आया था। इन दोनों की तलाश देश के अनेक राज्यों की पुलिस को थी, क्योंकि देश में हुए अनेक बम विस्फोटों में कहीं न कहीं इनके तार जुड़ते नजर आ रहे थे। इनके साथ ही सिमी की कर्नाटक इकाई का प्रमुख हाफिज हुसैन खान भी पकड़ा गया था, लेकिन महत्वपूर्ण थी सिमी के दक्षिण भारत प्रमुख शिबली पीडिक्कल अब्दुल की गिरफ्तारी। शिबली का नाम जुलाई, 2006 में मुंबई की लोकल रेलगाडि़यों में हुए विस्फोटों में सामने आया था। विशेष न्यायाधीश ने इनके अतिरिक्त मध्य प्रदेश के आमिल परवेज और कामरान हाजी, कर्नाटक के मुनरोज, यासिन और अहमद बेग तथा केरल के शादुली करीम और अंसार को देशद्रोह, भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध छेड़ने, अवैध हथियार रखने तथा विधि विरुद्ध क्रियाकलापों के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। उज्जैन जिले के महिदपुर के रहने वाले नागौरी को चार अलग-अलग धाराओं में तीन उम्रकैद और एक में सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई, जबकि मध्य प्रदेश में ही उज्जैन के समीप उन्हेल के रहने वाले आमिल परवेज को चार उम्र कैद, दो साल की कैद, तीन साल की कैद, सात साल की कैद और दस साल का कठोर कारावास दिया गया। कमरुद्दीन को भी चार अलग-अलग धाराओं में चार उम्रकैद की सजा सुनाई गई। जिला लोक अभियोजक विमल मिश्र कहते हैं, ''आतंकवादियों को भारतीय दंड संहिता की सेक्शन 122 और 124 ए के अतिरिक्त मजहबी विद्वेष फैलाने, भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की कोशिश, नौजवानों को भड़का कर उन्हें हथियारों और विस्फोटकों का प्रशिक्षण देने के आरोपों में कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की गई थी जिससे यह फैसला एक मिसाल बन सके।''

आतंकवादियों को भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की कोशिश, नौजवानों को भड़का कर उन्हें हथियारों और विस्फोटकों का प्रशिक्षण देने के आरोपों में कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की गई थी जिससे यह फैसला एक मिसाल बन सके।
—  विमल मिश्र, जिला लोक अभियोजक

मध्य प्रदेश पुलिस ने 2008 में गुप्तचर ब्यूरो द्वारा प्रदान की गई सूचना के आधार पर कार्रवाई की थी और गिरफ्तार आतंकवादियों की निशानदेही पर खरगोन जिले के पलवाड़ा थाना क्षेत्र में चोरल नदी के पास स्थित एक फार्म हाउस से 122 जिलेटिन की छड़ें और अन्य विस्फोटक, 100 डिटोनेटर, दो बंडल तार और प्रचुर मात्रा में आपत्तिजनक साहित्य बरामद किया था। इस फार्म हाउस का इस्तेमाल प्रशिक्षण शिविर के रूप में किया जा रहा था और हथियार तथा विस्फोटक वहीं छुपाकर रखे गए थे। इस प्रशिक्षण शिविर में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल और झारखंड के अनेक युवाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया था। ऐसे ही शिविर केरल, महाराष्ट्र और कर्नाटक के अनेक स्थलों पर लगाए गए थे। मध्य प्रदेश में उज्जैन के निकट उन्हेल नामक स्थान पर भी शिविर लगाया गया था। बाद में सिमी की दूसरी पंक्ति के आतंकवादियों की गिरफ्तारी के बाद सिमी के प्रशिक्षण की कार्यसूची मिली थी। इससे स्पष्ट हुआ कि इन्हें आतंकवादी बनाने के लिए कड़ा प्रशिक्षण दिया जाता था। इस प्रशिक्षण कार्यसूची के अनुसार अनेक आतंकवादी हथियार चलाने का प्रशिक्षण ले चुके थे। पानी के भीतर पांच मिनट तक रहने का अभ्यास, लम्बे समय तक जंगल में रहने का अभ्यास, पहाड़ों पर चढ़ने का अभ्यास, खाना बनाने और खाने के अभाव में लंबे समय तक भूखे रहने का अभ्यास इनके प्रशिक्षण में शामिल था। पैन ड्राइव और जब्त सीडी से पता चला कि इनमें सिर कलम करने के वीडियो थे जिन्हें नौजवानों को दिखाया जाता था।
पुलिस के आरोपों को सत्य पाते हुए न्यायाधीश पालोदा ने अपने फैसले में लिखा कि आरोपियों की गतिविधियों से स्पष्ट होता है कि इनका भारत सरकार में, भारत के संविधान में  विश्वास नहीं है। ये लोग देश की अखंडता और एकता के लिए खतरा हैं और ऐसे लोगों को किसी तरह की रियायत नहीं दी जा सकती। अदालत ने यह भी कहा कि ये संपूर्ण मानवता को मजहबी विद्वेष के आधार पर गंभीर खतरा उत्पन्न करने के लिए अवैध गतिविधियां संचालित कर रहे थे। ऐसे में सभी परिस्थितियों और राष्ट्रहित को देखते हुए यह अदालत सभी को उम्रकैद और अन्य सजा सुनाती है।

कुछ वषार्ें से प्रदेश में विशेषकर मालवा में पुलिस को सिमी के रूप में एक नई चुनौती का सामना करना पड़ रहा था। वर्ष 1977 में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में प्रो़ एम़ ए़ सिद्दीकी द्वारा कट्टरवादी युवाओं के सहयोग से गठित इस संगठन ने सफदर नागौरी के माध्यम से मालवा में पैठ बनाई। आरंभ में सैद्धांतिक आंदोलन का उद्देश्य रखने वाला यह संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तोयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों से संबंध के कारण अत्यंत खतरनाक होता जा रहा था। वर्ष 2001 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने इस पर पोटा के तहत प्रतिबंध लगाया था, क्योंकि शताब्दी एक्सप्रेस में हुए बम विस्फोट में सिमी का हाथ होने के प्रमाण उपलब्ध हो गए थे। इसके बाद भी देश के अनेक हिस्सों में सिमी की गतिविधि जारी रही और मुंबई के घाटकोपर ट्रेन विस्फोट तथा विले पार्ले में हुए विस्फोटों में सिमी का नाम ही सामने आया। 11 जुलाई, 2006 को मुंबई की सात उपनगरीय रेलगाडि़यों में बीस मिनट तक एक के बाद एक हुए विस्फोटों में भी लश्कर के भारतीय सूत्र के रूप में सिमी का ही नाम आया और सिमी की महाराष्ट्र इकाई का महासचिव एहतेशाम सिद्दीकी को गिरफ्तार भी किया गया था। सिद्दीकी ने मुंबई पुलिस की आतंकवाद विरोधी दस्ता (ए.टी.एस.) को बताया था कि विस्फोट के पहले नागौरी के सहयोग से उसने उज्जैन के निकट एक बैठक आयोजित की थी।
इंदौर में इन आतंकवादियों की गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ में अनेक महत्वपूर्ण खुलासे हुए और बाद में सिमी के दूसरी पंक्ति के आतंकी पकड़े गए जिससे इस प्रतिबंधित संगठन की कमर टूट गई। 

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies