केरल में गैर कम्युनिस्टों का जीवन सदैव खतरे में रहता है
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

केरल में गैर कम्युनिस्टों का जीवन सदैव खतरे में रहता है

by
Aug 29, 2016, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 29 Aug 2016 12:28:38

इतिहास के पन्नों से
पाञ्चजन्य, वर्ष: 14  अंक: 3
3 अगस्त ,1959
केरल का आंखों देखा हाल-2
श्री क.मा. मुंशी
(गतांक से आगे)
गृहमंत्री श्री अच्युत मेनन के साले श्री राघवन त्रिचूर में एक प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट श्री कोराथू के पास पहुंचे और उनसे एक कम्युनिस्ट के विरुद्ध चल रहे मामले को समाप्त करने की मांग की। मजिस्ट्रेट ने इस प्रार्थना को अस्वीकार कर दिया और कहा कि उन्हें न्यायालय के बीच हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। तब श्री राघवन ने उसी स्थल पर उत्तर दिया कि यदि आपने सरकार की इच्छाओं का पालन नहीं किया तो आपका स्थानांतरण करा दिया जाएगा। अगले ही प्रात: तार द्वारा श्री कोराथूू मजिस्ट्रेट के अधिकारों से वंचित कर दिए गए और रेवेन्यू अधिकारी बनाकर दूसरे स्थान पर भेज दिए गए।
पुलिस की गोली-वर्षा का उद्देश्य अपराध को रोकना   नहीं तो गैर कम्युनिस्टों को आतंकित करना होता है। पार्टी के एजेण्ट पुलिस की गाडि़यों में पुलिस के साथ बैठकर  गैर कम्युनिस्ट ग्रामों पर आक्रमण करने के लिए जाते हैं। विशेषतया उन ग्रामों में जहां बहुसंख्या ईसाइयों की है।
इस मुद्दे को और स्पष्ट करने की दृष्टि से निम्न उदाहरण को लीजिए।  3 जुलाई की प्रात:       चेरियाथुरा ग्राम, जो त्रिवेन्द्रम से तीन मील दूर स्थित है, से कुछ महिलाएं त्रिवेन्द्रम के कलक्टरी कार्यालय पर धरना देने के लिए गईं। दोपहर के लगभग  एक कम्युनिस्ट कार्यकर्ता के नेतृत्व में पुलिस उस ग्राम में आ धमकी और उसने अपना पागलपन प्रारम्भ कर दिया। उसने चारों ओर अंधाधुंध गोलियां चलाना  प्रारंभ कर दिया ताकि एक फर्लांग के क्षेत्रफल में जो भी सामने आ जाए, वही गोली का शिकार बन सके। यहां तक कि गोलियां चर्च की दीवारों से भी टकराईं। प्रत्येक दिशा में बौखलाकर भागती हुई पुलिस ने एक गर्भवती स्त्री, जो कुएं से पानी भर रही थी, को गोली से मार डाला। एक व्यक्ति जो अपनी झोपड़ी में सो रहा था और जिसकी हाल ही में शादी हुई थी,उसे खिड़की के द्वारा गोली चलाकर मार दिया गया। …
हाल में आतंकवाद की उस विधि में कुछ परिवर्तन कर दिया गया। पुलिस की सहायता लेने के बदले क्योंकि उसे भारत की जनता में विपरीत प्रतिक्रियाएं उत्पन्न होती हैं, कम्युनिस्ट पार्टी के किराए के गुण्डे ग्रामों में आतंक मचाए हुए हैं। जिन चार दिनों मैं केरल में रहा, मेरी यात्रा के दौरान सड़क के किनारे के ग्रामों से उस प्रकार की अनेक घटनाओं का हाल मुझे सुनाया गया। क्विलोन के निकटवर्ती ग्राम कल्लड़ में कई दिन तक मार-पीट चली। क्लेक्टर ने पुलिस की छत्रछाया में उक्त ग्राम का दौरा किया और वे जनता को शांत रहने का संक्षिप्त उपदेश देकर क्षणभर में गायब हो गए। वहां अनेक आदमियों को छुरा  घोंपा गया। इनमें एक व्यक्ति तो घटनास्थल पर ही मर गया। तीसरे ग्राम में संघर्ष अभी भी चल रहा है। स्थिति कम्युनिस्टों एवं शेष जनता के बीच गृहयुद्ध तक पहुंच गई है।

राष्ट्रीय घटना चक्र
मुहर्रम के अवसर पर स्थान-स्थान पर मुसलमानों द्वारा दंगे।
मुस्लिम लीग का गड़ा मुर्दा पुन: जिंदा न होने दें-
होली के अवसर पर उ.प्र. के विभिन्न स्थानों में, रामनमवी के अवसर पर सीतामढ़ी और अख्ता में तथा रंगपंचमी के अवसर पर भोपाल में पाकिस्तानी तत्वों द्वारा रचे गए भीषण उत्पातों की कहानी अभी पुरानी नहीं हुई है कि पुन:  मुहर्रम के अवसर पर देश के विभिन्न भागों में ऐसी घटनाएं घटित होने के समाचार प्राप्त हुए हैं, जो गंभीर चिंता को जन्म देते हैं।
भारत-विभाजन से पूर्व हिन्दुस्थान का मुसलमान समझता था कि भारत की हर सड़क पर उसकी बपौती है और वह जैसे भी और जिस प्रकार भी चाहे, ताजिए निकाल सकता है। अगर कोई भी वृक्ष, कोई भी मकान, कोई भी बिजली का तार उसके ताजियों को झुकाने का संकेत करता है, तो उसे नेस्तानाबूद करने का उसे खुदा की ओर से पूरा-पूरा अधिकार है।  किन्तु जबसे स्वाधीनता मिली और मुसलमानों की जन्नत उठकर भारत के पार पाकिस्तान में चली गई,  तब से उन्होंने ताजिए निकालने ही बंद कर दिए।  मगर धीरे-धीरे फिर हवा बदल रही है, मुहर्रम का मातम फिर से छा रहा है, ताजियों का जोर फिर से हो रहा है। मुहर्रम का मातम मने, ताजिए निकलें-इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं हो सकती। मगर जब ताजियों के साथ 1947 के पहले की राष्ट्रघाती मुस्लिम वृत्ति लौटती दिखती है, पेड़ों को काटने की, बिजली या टेलीफोन के तारों को  काटने की मांग उठती है तो लगता है मानो एक नया नक्शा तैयार किया जा रहा है। उ. प्र. विधानमण्डल के एक मुसलमान सदस्य (कांग्रेस) ने कुछ समय पूर्व कहा था कि अब तक मुसलमानों ने शान्त रहकर बहुत कुछ सहा है, अब वे क्रांति करेंगे। शायद क्रांति के ही कुछ नक्शे तैयार हो रहे हैं।  

दिशाबोध – पश्चिमी अर्थशास्त्र कर्तव्य-प्रेरणा का विचार नहीं करता
''आजकल यह नारा दिया जा रहा है कि 'कमाने वाला खाएगा।' सामान्यत: यह नारा कम्युनिस्ट दिया करते हैं। किंतु पूंजीवादी भी इस नारे में निहित मूल सिद्धांत से असमहत नहीं हंै। दोनों में झगड़ा इस बात का है कि इस कमाई में बड़ा भाग किसका होगा। पूंज्ीवादी पूंजी तथा औद्योगिक साहस को अधिक महत्व देते हैं, अत: उनका मानना है कि कमाई में उनका भाग बड़ा होना चाहिए। इसके विपरीत कम्युनिस्ट मानते हैं कि कामगार ही सम्पत्ति का निर्माता है और इसीलिए सम्पत्ति पर सच्चा अधिकार उसी का है। किंतु ये दोनों विचार उचित नहीं हैं। वास्तव में नारा तो यह होना चाहिए कि 'कमाने वाला खिलाएगा' और 'जो जन्मा है वह खायेगा'। कारण, खाने का अधिकार जन्मत: ही प्राप्त होता है। कमाने की योग्यता शिक्षण से आती है। समाज में उन लोगों को भी खिलाना होता है जो कमाते नहीं। बच्चे, बूढ़े, बीमार, अपाहिज-सबकी चिंता समाज को करनी पड़ती है। प्रत्येक समाज यह कर्तव्य करता रहता है। इस कर्तव्य को निभाने की क्षमता उत्पन्न करना ही अर्थव्यवस्था का काम है। पश्चिमी अर्थशास्त्र इस कर्तव्य की प्रेरणा का विचार नहीं करता।''
    —पं. दीनदयाल उपाध्याय (विचार-दर्शन, खण्ड-4, पृ. 29)

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

माता वैष्णो देवी में सुरक्षा सेंध: बिना वैध दस्तावेजों के बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

माता वैष्णो देवी में सुरक्षा सेंध: बिना वैध दस्तावेजों के बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

Britain NHS Job fund

ब्रिटेन में स्वास्थ्य सेवाओं का संकट: एनएचएस पर क्यों मचा है बवाल?

कारगिल विजय यात्रा: पूर्व सैनिकों को श्रद्धांजलि और बदलते कश्मीर की तस्वीर

four appointed for Rajyasabha

उज्ज्वल निकम, हर्षवर्धन श्रृंगला समेत चार हस्तियां राज्यसभा के लिए मनोनीत

Kerala BJP

केरल में भाजपा की दोस्तरीय रणनीति

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies