'स्वयंसेवकों ने विकसित किए 200 आदर्श ग्राम'
July 16, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

'स्वयंसेवकों ने विकसित किए 200 आदर्श ग्राम'

by
May 2, 2016, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 02 May 2016 14:26:41

 

 

पिछले दो दशक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने देशभर में युगानुकूल ग्रामीण पुनर्रचना के सराहनीय प्रयोग किए हैं जिनका असर एक हजार से अधिक गांवों में साफ देखा जा सकता है। स्वयंसेवकों द्वारा किए जा रहे इस काम को समझने के लिए ऑर्गेनाइजर के वरिष्ठ संवाददाता प्रमोद कुमार ने संघ के अखिल भारतीय ग्राम विकास प्रमुख डॉ. दिनेश से बात की। प्रस्तुत हैं बातचीत के मुख्य अंश:

केन्द्र सरकार ने 'ग्रामोदय से भारत उदय' अभियान शुरू किया है। इसे आप किस रूप में देखते हैं?

ग्राम विकास के लिए ईमानदारी से जो भी प्रयास होता है, उसका स्वागत किया जाना चाहिए। ग्राम विकास के विषय पर जो लोग अथवा संगठन लंबे समय से काम कर रहे हैं उन्हें नीति निर्माण में शामिल किया जाता है तो परिणाम और भी बेहतर हो सकते हंै।

देश में ऐसे कितने गांव हैं, जहां स्वयंसेवकों द्वारा किए जा रहे विकास कार्य का असर साफ दिखायी देता है?

करीब 200 गांव हैं, जहां विकास का अच्छा काम हुआ है। उनका आसपास के काफी ग्रामों पर असर हुआ है।

ग्राम विकास के संदर्भ में संघ की सोच क्या है?

हमारी सोच है युगानुकूल ग्रामीण पुनर्रचना। प्रकृति संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण। गांव से जुड़ीं मूलभूत चीजों का विकास ही गांव का विकास है। कृषि यानी भूमि की उर्वरा शक्ति, जल यानी सिंचाई एवं पेजयल, जैव संपदा, वनीकरण, ऊर्जा जिसमें सौर ऊर्जा, जल ऊर्जा, गोबर गैस शामिल हैं, जनसंपदा, रोजगार, स्वास्थ्य आदि ग्राम विकास की मूलभूत बातें हैं। ये चीजें नगरीय और ग्रामीण सभी क्षेत्रों के लिए समान रूप से जरूरी हैं।

विकास से अभिप्राय गांव को शहर बनाना है या गांव में शहर जैसी सुविधाएं प्रदान करना है?

बदलते वक्त के अनुसार जो जरूरी है, वह होना ही चाहिए। इसीलिए हम युगानुकूल ग्रामीण पुनर्रचना शब्द का प्रयोग करते हैं। ग्राम सड़क योजना के माध्यम से गांवों में बहुत बड़ा काम हुआ है। स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी मूलभूत चीजें तो चाहिए, लेकिन यह विकास गांव की आत्मा के अनुरूप होना चाहिए। हम प्रकृतिपूरक विकास चाहते हैं। इसमें गांव और शहरों में कोई अंतर नहीं है। कोयम्बटूर के माता अमृतानन्दमयी मठ में हुए वृक्षारोपण के कारण शहर की तुलना में मठ का तापमान प्राय: तीन डिग्री कम रहता है। वहां आने वाले सभी छात्रों के लिए वृक्षारोपण करना अनिवार्य है। यह शिक्षा के साथ पर्यावरण संरक्षण को जोड़ने का ही असर है।

यदि स्वयंसेवकों द्वारा विकसित शीर्ष 10 गांव की बात करें तो आप किन गांवों का नाम लेंगे?

असम के नलबाड़ी जिले में स्थित सांदाकुर्ची गांव शून्य लागत कृषि के कारण आसपास के दस गांवों का केन्द्र बना है। बडे़ पंचगव्य उत्पादों का निर्माण भी वहां पैमाने पर होता है। मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के मोहद गांव का असर आसपास के पांच गांवों पर है। वहां एक बडे़ ग्राम पुंज में जैविक कृषि, जलसंरक्षण, हर घर में शौचालय और स्वच्छता के सफल प्रयोग हुए हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में देवबंद के पास मिरगपुर गांव है, जहां वषार्ें से लोग किसी भी प्रकार का नशा नहीं करते। गोपालन और व्यसनमुक्ति को लेकर वहां देखने लायक काम है। उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के मनेरी विकास खंड के 60 गांवों में सशक्त काम हुआ है। गुजरात में सूरत के पास देवगढ़ नामक वनवासी गांव है। वहां स्वावलम्बन का काम आसपास के 25 गांवों में है। राजस्थान के झालावाड़ जिले में मानपुरा गांव है, जहां जैविक कृषि का उल्लेखनीय काम हुआ है। आसपास के 20 गांवों पर इसका असर है। वहां की पैदावार पूरे देश में जाती है। बिहार के हाजीपुर जिले में मंडुवा गांव है जहां युवाओं को दिए गए प्रशिक्षण के कारण आसपास के 10 गांवों से 50 नौजवान सेना तथा रेलवे में भर्ती हुए हैं। पश्चिम बंगाल के तारकेश्वर जिले में ताजपुर गांव है, जहां शिक्षा प्रसार का काम हुआ है। दक्षिण भारत में ऐसे विकसित ग्रामों की श्रृंखला बहुत लंबी है। कर्नाटक में जैविक कृषि का बहुत विशाल काम हुआ है। तीर्थहल्ली और इदकिडु में अच्छा काम है। महाराष्ट्र के जालना जिले में दहीग्वाहण नामक गांव है, जहां गोबर गैस ऊर्जा और जल संरक्षण का प्रेरक प्रयोग हुआ है। आंध्र के वारंगल जिले में गंगदेवपल्ली नामक गांव है जहां एक ही जलस्रोत से सभी को पेयजल उपलब्ध कराने व जल के दुरुपयोग को रोकने का सराहनीय प्रयोग हुआ है। ओडिशा और तेलंगाना की सीमा पर बसे श्रीकाकुलम जिले में कडमू गांव है। वहां एक गांव के कारण दस गांवों में बाल संस्कार का बहुत अच्छा प्रयोग हुआ है।

आपका कहना है कि करीब 200 गांवों में दर्शनीय काम हुआ है। कुछ ऐसे भी गांव होंगे, जहां अच्छे प्रयास शुरू हुए हैं?

ऐसे करीब 700 गांव हैं। इन्हें हम 'उदय ग्राम' कहते हैं। जिन गांवों में शुरू हुए प्रयोगों को आसपास के गांवों में अपनाया गया है, उन्हें हम 'प्रभात ग्राम' कहते हैं। जहां ग्राम विकास को लेकर चिंतन शुरू हो गया है उन्हें हम 'किरण ग्राम' कहते हैं।

 ग्राम विकास के काम को गति प्रदान करने के लिए क्या कोई विशेष योजना बनी है?

हर विकास खंड में एक गांव और प्रत्येक जिले में कम से कम एक प्रभात ग्राम खड़ा करने के प्रयास हो रहे हैं। संस्थागत प्रयासों में दीनदयाल धाम मथुरा, दीनदयाल शोध संस्थान, ग्राम भारती आन्ध्र प्रदेश के द्वारा अच्छे प्रयास हुए हैं। गायत्री परिवार, आर्य समाज, स्वाध्याय परिवार ने भी काफी काम किया है। इसके अलावा स्वत: स्फूर्त कामों की गति भी बढ़ी है।

 

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

ए जयशंकर, भारत के विदेश मंत्री

पाकिस्तान ने भारत के 3 राफेल विमान मार गिराए, जानें क्या है एस जयशंकर के वायरल वीडियो की सच्चाई

Uttarakhand court sentenced 20 years of imprisonment to Love jihad criminal

जालंधर : मिशनरी स्कूल में बच्ची का यौन शोषण, तोबियस मसीह को 20 साल की कैद

पिथौरागढ़ में सड़क हादसा : 8 की मौत 5 घायल, सीएम धामी ने जताया दुःख

अमृतसर : स्वर्ण मंदिर को लगातार दूसरे दिन RDX से उड़ाने की धमकी, SGPC ने की कार्रवाई मांगी

राहुल गांधी ने किया आत्मसमर्पण, जमानत पर हुए रिहा

लखनऊ : अंतरिक्ष से लौटा लखनऊ का लाल, सीएम योगी ने जताया हर्ष

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ए जयशंकर, भारत के विदेश मंत्री

पाकिस्तान ने भारत के 3 राफेल विमान मार गिराए, जानें क्या है एस जयशंकर के वायरल वीडियो की सच्चाई

Uttarakhand court sentenced 20 years of imprisonment to Love jihad criminal

जालंधर : मिशनरी स्कूल में बच्ची का यौन शोषण, तोबियस मसीह को 20 साल की कैद

पिथौरागढ़ में सड़क हादसा : 8 की मौत 5 घायल, सीएम धामी ने जताया दुःख

अमृतसर : स्वर्ण मंदिर को लगातार दूसरे दिन RDX से उड़ाने की धमकी, SGPC ने की कार्रवाई मांगी

राहुल गांधी ने किया आत्मसमर्पण, जमानत पर हुए रिहा

लखनऊ : अंतरिक्ष से लौटा लखनऊ का लाल, सीएम योगी ने जताया हर्ष

छत्रपति शिवाजी महाराज

रायगढ़ का किला, छत्रपति शिवाजी महाराज और हिंदवी स्वराज्य

शुभांशु की ऐतिहासिक यात्रा और भारत की अंतरिक्ष रणनीति का नया युग : ‘स्पेस लीडर’ बनने की दिशा में अग्रसर भारत

सीएम धामी का पर्यटन से रोजगार पर फोकस, कहा- ‘मुझे पर्यटन में रोजगार की बढ़ती संख्या चाहिए’

बांग्लादेश से घुसपैठ : धुबरी रहा घुसपैठियों की पसंद, कांग्रेस ने दिया राजनीतिक संरक्षण

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies