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जब पूरा चेन्नै पानी में डूबा हुआ था तब संघ के स्वयंसेवक सड़कों पर उतरकर अपनी जान की परवाह किए बिना सिर्फ लोगों की सहायता का लक्ष्य लिए सेवा कार्य में जुटे हुए थे। स्वयंसेवक बच्चों के लिए दूध हो या फिर बुजुर्गों के लिए दवाइयां लेकर, पानी में डूबे हर इलाके तक पहुंचे और लोगों की भरसक मदद की।
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