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भुवनेश्वर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का राष्ट्रीय अधिवेशन 26 से 29 नवंबर तक भुवनेश्वर में संपन्न हुआ जिसमें देश के प्रत्येक हिस्से से एक हजार से अधिक छात्र- छात्राओं ने भाग लिया। चार दिवसीय अधिवेशन में राष्ट्रीय व अतंरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की गई तथा चार प्रस्ताव पारित किये गये। विद्यार्थी परिषद ने 'शिक्षा की समग्र एवं व्यापक नीति-समय की आवश्यकता' पर एक प्रस्ताव पारित कर शिक्षा में भारतीय जीवन मूल्यों के गौरवशाली इतिहास को शामिल करने की मांग की। इसके अलावा बजट का छह प्रतिशत शिक्षा पर खर्च करने की मांग की गई।
अधिवेशन में आतंकवाद व छद्म धर्मनिरपेक्षता के भारत विरोधी गठजोड के खिलाफ एकजुट होने की बात कही गई। साथ ही छात्र व युवा शक्ति से महाविद्यालय व विश्वविद्यालयों से लेकर समाज में वैचारिक बहस प्रारंभ करने और राष्ट्र विरोधी गठजोड़ को परास्त कर राष्ट्रवादी विचारों को स्थापित करने की अपील की गई।
परिषद ने केन्द्र सरकार व पूवार्ेत्तर की राज्य सरकारों से मांग की कि पूवार्ेत्तर के समग्र विकास के लिए व्यापक नीति बनाकर देश के विकास में पूवार्ेत्तर की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। पर्यावरण संबंधी प्रस्ताव में कहा गया कि पर्यावरण संरक्षण पर प्रभावी नेतृत्व करने की आवश्यकता है। अधिवेशन के अंतिम दिन भोपाल के युवा सामाजिक कार्यकर्ता इम्तियाज अली को इस वर्ष के प्रो़ यशवंत राव केलकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। केन्द्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने यह पुरस्कार प्रदान किया।
26 नवंबर को अधिवेशन का उद्घाटन वरिष्ठ अर्थशास्त्री तथा नीति आयोग के सदस्य विवेक देबराय ने किया। उन्होंने कहा कि देश को पहली बार ऐसा नेता मिला है जिसे भारत पर गर्व है । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि लेखक अमीश त्रिपाठी थे । अधिवेशन में प्रो. नागेश ठाकुर को एक बार फिर से अभाविप का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया जबकि विनय बिद्रे को राष्ट्रीय महामंत्री चुना गया । ल्ल समन्वय नंद
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