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पेरिस आतंकी हमले के बाद सीरिया में फ्रांस, रूस और दूसरे देशों ने तेजी से हमले शुरू कर दिए हैं। इससे घबराकर आईएसआईएस के आतंकियों के परिवारों ने सीरिया से भागना शुरू कर दिया है। वे सीरिया से इराक के सुरक्षित ठिकानों की ओर जा रहे हैं।
शिन्हुआ ने ब्रिटेन स्थित 'सीरियन आब्जरवेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स' के हवाले से गत 18 नवंबर को यह जानकारी दी। आतंकियों के परिवार आईएसआईएस की सीरिया स्थित स्वघोषित राजधानी अलरक्का छोड़कर इराक के मोसुल शहर की तरफ जा रहे हैं। इनमें अधिकांश विदेशी और अरब आतंकियों के परिजन हैं। उनका मानना है कि अब अलरक्का में ठहरना खतरनाक है। सुरक्षा के लिहाज से वह आईएसआईएस के कब्जे वाले मोसुल को ज्यादा सुरक्षित मान रहे हैं।
पेरिस में गत 13 नवंबर को हुए आतंकी हमले के बाद फ्रांस ने अलरक्का पर हवाई हमले तेज कर दिए हैं। इन हमलों में 33 से ज्यादा आतंकियों मारे जाने व दर्जनों के घायल होने की सूचना है। फ्रांस के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि विमानों ने आईएसआईएस के नियंत्रण केंद्र और प्रक्षिक्षण स्थलन पर भीषण हवाई हमले किए। ये हमले जार्डन और संयुक्त अरब अमीरात से एक साथ किए गए। रूस के लड़ाकू विमानों ने अल-रक्का पर भीषण बमबारी की। तुर्की के विदेश मंत्री फेरिदुन हादी सिनिरलिओग्लू ने इस्तांबुल में कहा कि आईएसआईएस के खात्मे के लिए अंकारा ने अमरीका के साथ मिलकर संयुक्त कार्रवाई करने की योजना बनाई है। फेरिदुन ने कहा, 'हम अपनी सीमा पर आईएसआईएस के आतंकियों की उपस्थिति को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।'
इससे पहले गत 17 नवंबर को एक साक्षात्कार में अमरीकी विदेश मंत्री जॉन कैरी ने कहा था कि सीरिया से लगती 98 किलोमीटर लंबी तुर्की की सीमा को आईएसआईएस से सुरक्षित करने के लिए हम अंकारा के साथ कार्रवाई करने जा रहे हैं। ल्ल
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