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अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम का कार्यकर्ता सम्मेलन नागपुर में 2 से 4 अक्तूबर तक आयोजित हुआ। सम्मेलन में अंदमान समेत देश के सभी राज्यों और नेपाल से कुल 1757 प्रतिनिधि शामिल हुए। सम्मेलन में विभिन्न सत्रों में राष्ट्रीय स्तर पर चले कायार्ें की समीक्षा की गई, साथ ही जनजातीय समाज के समसामयिक विषयों पर भी विचार-विमर्श हुआ।
सम्मेलन का उद्घाटन 2 अक्तूबर को महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री विद्यासागर राव एवं केन्द्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी ने किया। इस अवसर पर कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगदेवराम उरांव, उपाध्यक्ष द्वय श्रीमती नीलिमाताई पट्टे, श्री कृपा प्रसाद सिंह, स्वामी नरेन्द्रनाथ जी महाराज और नागपुर के महापौर उपस्थित थे। सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए श्री विद्यासागर राव ने कहा कि वनवासियों का इतिहास बहुत ही गौरवपूर्ण रहा है। उनके इतिहास को पाठ्यक्रम में शामिल कर बच्चों को उस इतिहास से परिचित कराना चाहिए।
सम्मेलन के दूसरे दिन कार्यकर्ताओं को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहसरकार्यवाह डॉ़ कृष्णगोपाल का मार्गदर्शन मिला। उन्होंने दीनदयाल जी के एकात्म मानववाद दर्शन को बहुत ही सरल भाषा में समझाया और कहा कि इसी दर्शन पर चलकर सभी का समुचित विकास किया जा सकता है। इस दिन महाराष्ट्र के जनजातीय मामलों के मंत्री श्री विष्णु सावरा ने भी सम्मेलन को सम्बोधित किया। समापन समारोह 4 अक्तूबर को आयोजित हुआ। इसके मुख्य अतिथि थे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फडणवीस। उन्होंने वनवासी महापुरुषों की शौर्य गाथाओं को याद करते हुए कहा कि उनसे हमें बहुत कुछ सीखना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार वनवासी समाज के लिए हो रहे कार्यों में हर तरह का सहयोग करने के लिए तैयार है। इस अवसर पर केन्द्रीय ग्रामीण राज्यमंत्री श्री सुदर्शन भगत, डॉ. कन्ना मडावी एवं मुंबई के उद्योगपति श्री अशोक गोयल उपस्थित थे।
-प्रतिनिधि
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