बंगलौर में जनसंघ का विशाल जुलूस
July 19, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

बंगलौर में जनसंघ का विशाल जुलूस

by
Oct 5, 2015, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 05 Oct 2015 11:04:47

बंगलौर। नया भारत अंगड़ाई ले रहा है। देश की तरुणाई जाग उठी। पुरानी पीढ़ी के शासनारूढ़ संगठन कांग्रेस की पिछली 11 वर्षों की असफलताओं के परिणामस्वरूप राष्ट्र जीवन में व्याप्त निराशा की अम्मा को चुनौती देने के लिए भारत के राजनीतिक क्षितिज पर नए रक्त का सूर्य प्रकाशमान हो उठा है, वह निरन्तर ऊपर चढ़ रहा है, उसकी प्रखरता दिनोंदिन बढ़ती जा रही है और आसेतु हिमालय भारत की कोटि-कोटि जनता उसकी तप्तता का अनुभव कर शांति और संतोष की सांस ले रही है।
मार्ग
मेरी इन भावनाओं के साक्षी हैं सुदूर दक्षिण में बंगलौर नगर के लक्ष-लक्ष नर-नारी जिन्होंने 26 दिसम्बर को मध्याह्न 4 बजे से शाम साढ़े सात बजे तक विशाल बंगलौर नगर के स्काउट ग्राउट से लेकर फोर्ट रोड, कृष्णा राजेन्द्र मार्केट (सिटी मार्केट), अचर स्ट्रीट, चिकपेट रोड, मैजिस्टिक साइकिल, ओपरपेट, मैसूर बैंक सर्किल, कैम्पे गोड़ा रोड, मार्केट स्क्वायर, कैलास पालयम स्ट्रीट, वसप्वा सर्किल, मालवी सर्किल होते हुए विख्यात लालबाग तक पहुंचाने वाले 7 मील लम्बे विशाल जनपथ को दोनों ओर खड़े होकर नरमुण्डों की 1-2 मील लम्बे काफिले को रेंगते हुए देखा।

शासन द्वारा अन्न व्यवसाय की योजना
कुछ विचार : कुछ सुझाव
राष्ट्रीय विकास परिषद् की इस सिफारिश को कि  अनाज का थोक व्यापार राज्य सरकारों ने मंजूर कर लिया है। इतनी ही नहीं तो कांग्रेसी समाजवाद के प्रवर्तक पंडित जवाहरलाल नेहरू का उस योजना को अंध समर्थन प्राप्त है। जिस नीति को पंडित जी का समर्थन प्राप्त हो उस योजना पर विचार करना कांग्रेसी बन्धुओं के स्वभाव के प्रतिकूल ही है।  इसलिए उस क्षेत्र से उस पर कोई विचार व्यक्त किया जाएगा। इसकी संभावना ही  दिखाई नहीं पड़ती। जनसंघ के महामंत्री पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने अवश्य उस पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। उन्होंने शासन की इस नीति को उनकी शंकास्पद मन:स्थिति का प्रतीक बताया है तथा यह भी कहा है कि इस कार्य के लिए आवश्यक विशाल धन राशि, कार्य करने वाले अनुभवी कर्मचारियों एवं गोदामों की आवश्यकता पर विचार नहीं किया गया है।
तानाशाही की ओर
जहां तक भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रश्न है, वह  शासन और सत्ता और अर्थोंत्पादन के अधिकारियों के एक व्यक्ति या व्यक्तियों के एक गुट के हाथों में केन्द्रीयकरण के विरुद्ध है। इससे वह गुट निरंकुश होकर, शेष समाज का शोषण करता है। फलस्वरूप समाज दीनहीन हो जाता है। उसमें चैतन्य का अभाव हो जाता है। अधिक समय तक केवल राज्याश्रित रहने के कारण उसकी प्रेरणाबुद्धि का नाश होकर वह केवल राज्य के हाथों की मशीन बन जाता है। किसी भी राष्ट्र समाज के चिरंजीवत्व के लिए यह स्थिति घातक है। चूंकि, प्रत्येक वस्तु के लिए शासन पर अवलम्बित रहने के कारण समाज की जागरूकता नष्ट हो जाती है, उस देश का राज्यकर्ता निरंकुश होकर मार्ग भ्रष्ट हो जाता है, वह तानाशाही की ओर बढ़ने लगता है। अत: अर्थोत्पादन के साधन शासन के हाथों केन्द्रित होना प्रजातंत्र के लिए अत्यंत घातक है। इस कारण समाजवादी देशों में भीषण तानाशाही पनपी हुई हम देखते हैं, वह मानवीय मूल्यों की सम्पत्ति हो गई है। इसलिए भारतीय विचारकों ने, राजकीय एवं आर्थिक साधनों के विकेन्द्रीकरण पर जोर दिया। इस आधार पर यदि शासन के थोक व्यापार को हाथ में लेने के कदम पर विचार किया जाए तो वह उचित प्रतीत नहीं होगा।
शासन की गलती
शासन ने पिछले दिनों बढ़ते भावों की जिम्मेदारी व्यवसायी वर्ग पर थोपने का प्रयास किया। परन्तु शासन व्यवसायी वर्ग के विरुद्ध द्वेषमात्र व्यक्त करके स्वयं निर्दोष सिद्ध नहीं हो सकता। पिछले वर्षों में श्री रफी अहमद किदवई द्वारा विनियंत्रण की योजना को कार्यान्वित किए जाने के बाद एक बार अनाज के भाव नीचे गिरे। उसी समय शासन ने भी अपना संग्रहित अनाज नीलाम किया। इसके पूर्व के वर्ष में वर्षा होने के कारण तथा दैवीय प्रकोप न होने के कारण फसल अच्छी हुई।  शासन ने इसका श्रेय  स्वयं के द्वारा चलाए गए 'अधिक अन्न उपजाओं' कागजी आंदोलन को दिया और यह घोषणा कर दी कि देश अन्न के विषय में स्वावलम्बी बन चुका है। शासन का संग्रहित अनाज विशेषकर चावल 8 से 12 मन तक नीलाम हुआ। बाद के वर्ष में  फसल का वह जोर नहीं रहा। परिणामस्वरूप जिन बड़े-बड़े व्यापारियों ने शासन का चावल 8 मन पर खरीदा था उन्होंने अपने दाम दुगुने कर दिए। शासन चुपचाप देखता रहा। यदि शासन ने अपना पुराना चावल व्यावसायियों से नए चावल के बदले में बदल लिया होता, जो कि संभव था, तो दूसरे वर्ष जब फसल में कमी होने के कारण कीमतें बढ़ने लगी, शासन को हाथ पर हाथ रखकर बैठने की नौबत नहीं आती। शासन व्यावसायिक स्पर्द्धा के मैदान में उतरकर, 'उचित मूल्यों की दुकानों' के द्वारा बढ़ती कीमतों पर रोक लगा सकता था। वर्ष: 12  अंक: 25    12 जनवरी 1959

विशेष प्रतिनिधि

सिद्धान्त

प्रत्येक स्वतंत्र राष्ट्र का यह प्राथमिक कर्तव्य है कि वह अपनी स्वतंत्रता की रक्षा कर उसे सुदृढ़ एवं स्थायी बनाने के प्रयत्न करे तथा अपने नागरिकों को एक ऐसा शासन प्रदान करे जिसके अन्तर्गत वे अपने जीवन की आवश्यकताओं को पूर्ण करते हुए समृद्ध, सोद्देश्य एवं सुखी समाज के संगठन में सचेष्ट रह सकें। भारत की स्वतंत्रता के उपरान्त जनमन में यह सहज आकांक्षा जाग्रत हुई थी और यह अपेक्षा की गयी थी कि सदियों से परतंत्र, अत: संघर्षरत राष्ट्र अब अपने स्वाभाविक स्वरूप एवं प्रतिष्ठा को प्राप्त कर अपने घर का नव-निर्माण कर सकेगा, रूढियां समाप्त होकर स्वस्थ चैतनमयी संस्थाएं जन्म लेंगी तथा आर्थिक दुर्व्यवस्था एवं सामाजिक अन्याय के पाटों में पिसने वाला जन-जीवन सम्पन्नता और समानता के वातावरण में संतोष की सांस ले सकेगा। बड़े-बड़े उद्घोषों और योजनाओं के बावजूद जनता की अपेक्षाएं पूर्ण नहीं हुईं। उल्टे अव्यवस्था और अनाचार, अभाव और असमानताएं,रक्षा और असामाजिकता पहले से अधिक तीव्र और व्यापक हैं।
—पंडित दीनदयाल उपाध्याय विचार दर्शन
खंड-7, पृष्ठ संख्या-57)

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Maulana Chhangur Conversion racket

Maulana Chhangur के खिलाफ फतवा: मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने की सामाजिक बहिष्कार की अपील

ED Summons Google Meta online gambling

मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला: गूगल, मेटा को ईडी का समन, 21 जुलाई को पूछताछ

टीआरएफ की गतिविधियां लश्कर से जुड़ी रही हैं  (File Photo)

America द्वारा आतंकवादी गुट TRF के मुंह पर कालिख पोतना रास नहीं आ रहा जिन्ना के देश को, फिर कर रहा जिहादी का बचाव

डिजिटल अरेस्ट में पहली बार कोर्ट ने दिया ऐतिहासिक फैसला, 9 को उम्रकैद की सजा

Managal pandey

स्व के शंखनाद और पूर्णाहुति के पुरोधा : कालजयी महारथी मंगल पांडे

RSS Chief mohan ji Bhagwat

महिला सक्षमीकरण से ही राष्ट्र की उन्नति- RSS प्रमुख डॉ. मोहन भागवत जी

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Maulana Chhangur Conversion racket

Maulana Chhangur के खिलाफ फतवा: मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने की सामाजिक बहिष्कार की अपील

ED Summons Google Meta online gambling

मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला: गूगल, मेटा को ईडी का समन, 21 जुलाई को पूछताछ

टीआरएफ की गतिविधियां लश्कर से जुड़ी रही हैं  (File Photo)

America द्वारा आतंकवादी गुट TRF के मुंह पर कालिख पोतना रास नहीं आ रहा जिन्ना के देश को, फिर कर रहा जिहादी का बचाव

डिजिटल अरेस्ट में पहली बार कोर्ट ने दिया ऐतिहासिक फैसला, 9 को उम्रकैद की सजा

Managal pandey

स्व के शंखनाद और पूर्णाहुति के पुरोधा : कालजयी महारथी मंगल पांडे

RSS Chief mohan ji Bhagwat

महिला सक्षमीकरण से ही राष्ट्र की उन्नति- RSS प्रमुख डॉ. मोहन भागवत जी

Nanda Devi Rajjat yatra

नंदा देवी राजजात यात्रा: विश्व की सबसे बड़ी पैदल यात्रा की तैयारियां शुरू, केंद्र से मांगी आर्थिक मदद

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : शाैर्य के जीवंत प्रतीक

Maharashtra Islampur to renamed as Ishwarpur

महाराष्ट्र: इस्लामपुर का नाम बदला, अब होगा ईश्वरपुर

Chhattisgarh Ghar Wapsi to Sanatan Dharma

Ghar Wapsi: 16 लोगों ने की सनातन धर्म में घर वापसी, छत्तीसगढ़ में 3 साल पहले बनाए गए थे ईसाई

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies