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गत दिनों मध्य प्रदेश में झाबुआ जिले के पेटलावद में एक रेस्टोरेन्ट के बाहर गैस सिलेण्डर के फटने से 88 लोगों की जान गई थी और अनेक लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए थे। संघ के 12 स्वयंसेवक भी कालकवलित हुए थे। वह सुबह का समय था। संघ के स्वयंसेवक शाखा से निकले ही थे कि धमाके की आवाज सुनाई दी। कुछ ही समय में अनेक स्वयंसेवक घटनास्थल पर पहुंचकर राहत कार्य करने लगे। स्वयंसेवकों ने घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया, लोगों को मलबे से बाहर निकाला। अस्पताल में घायलों के लिए रक्तदान किया। यातायात व्यवस्था को संभाला। इन सबके बाद स्वयंसेवकों ने मुक्तिधाम पर मृतकों का अन्तिम संस्कार भी किया।
इस घटना से लोग स्तब्ध थे, वहीं कांग्रेस के पूर्व सांसद कांतीलाल भूरिया सेवा कार्य में मदद करने के बजाय स्वयंसेवकांे पर लूट के आरोप लगाने में भी बाज नहीं आ रहे थे। इसके साथ ही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव, प्रदेश प्रवक्ता के. के़ मिश्रा तथा सचिव संजय श्रीवास्तव ने भोपाल में संवाददाता सम्मेलन कर यह स्थापित करने का असफल प्रयास किया कि इस घटना के लिए जिम्मेदार पेटलावद निवासी राजेन्द्र कासवा संघ के स्वयंसेवक हैं। इस झूठ को प्रस्थापित करने के लिए उन्होंने संघ के संचलन का एक चित्र जारी किया जिसमें चल रहे एक व्यक्ति को राजेन्द्र कासवा बताया गया। राजेन्द्र कासवा पेटलावद का निवासी है जो खदान एवं कुओं के खनन का कार्य करता है। उसी के गोदाम में विस्फोट हुआ था ।
कांगे्रस द्वारा जारी उक्त चित्र फर्जी था। यह पंजाब के फरीदकोट जिले के जेत्यू गांव के संचलन का चित्र है, जो चंडीगढ़ से प्रकाशित 'द ट्रिब्यून' के 7 अक्तूबर, 2014 के अंक में प्रकाशित हुआ था। संचलन में शामिल जिस व्यक्ति को राजेन्द्र कासवा बताया गया है वह जेत्यू के श्यामलाल गोयल हैं। समाज को भ्रमित करने का कांग्रेस का फर्जीवाड़ा अगले ही दिन खुल गया। काफी प्रयास करने के बाद पुलिस ने संवाददाता सम्मेलन करने वाले कांग्रेसी नेताओं के विरुद्ध आई. पी. सी. की धारा 469, 500, 34 एवं सूचना प्रौद्योगिकी की धारा 66 डी के तहत मामला दर्ज किया है। -प्रतिनिधि
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