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उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान के प्रशिक्षित आतंकवादियों का सामना करते हुए लांस नायक मोहननाथ गोस्वामी वीरगति को प्राप्त हो गए, लेकिन उससे पूर्व 11 दिनों तक चले ऑपरेशन में उन्होंने 10 आतंकवादियों को मौत के घाट उतारकर अपना और देश का नाम रोशन कर दिया। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार पैरा कमांडो दस्ते में शामिल मोहननाथ गोस्वामी ने आतंकवादियों के विरुद्ध शुरू हुए अभियान में आतंकवादी सज्जाद अहमद को जिंदा पकड़े जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
गत 3 सितम्बर को श्रीनगर के कुपवाड़ा में आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में गोस्वामी वीरगति को प्राप्त हो गए। 5 सितम्बर को उनका अंतिम संस्कार नैनीताल में हल्द्वानी के निकट बिंदुखाटा में उनके पैतृक स्थान पर किया गया। इससे पूर्व उनकी शव यात्रा में चार किलोमीटर तक जनसैलाब उमड़ा पड़ा। देश की रक्षा में प्राण न्योछावर करने वाले वीर सपूत की बहादुरी के किस्से सभी की जुबान पर थे।
इस अवसर पर सेना की ओर से उन्हें पूरे सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। उत्तराखंड के श्रम मंत्री हरीश दुर्गापाल, भाजपा के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रकाश पंत आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे। श्रम मंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि बिंदुखाटा से इन्द्रनगर उनके घर जाने वाले मार्ग का नाम अमर बलिदानी गोस्वामी के नाम पर रखा जाएगा। उनके परिवार में पत्नी व एक बेटी है। ल्ल प्रतिनिधि
ल्ल कुपवाड़ा में आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में हो गए लांस नायक वीरगति को प्राप्त
ल्ल एक आतंकवादी को जिंदा पकड़ने में भी निभाई थी गोस्वामी ने अहम भूमिका
ल्ल हल्द्वानी में वीर हुतात्मा के अंतिम दर्शन को उमड़ पड़ा जनसैलाब
बार-बार छली जा रही अमेठी
धीरज किशोर
ऐसा लगता है कि अमेठी भी अब नेहरू परिवार के मौजूदा उत्तराधिकारियों के झूठ और पाखंड से उकता गई है। शायद इसीलिए वह भी अब इनके पोल, पाखंड और झूठ को उजागर करने पर आमादा दिखाई देने लगी है। केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा राहुल पर अमेठी में सम्राट साइकिल के नाम पर किसानों की 65 एकड़ जमीन हड़प लेने के आरोपों का इंदिरा गांधी के वंशजों द्वारा जवाब देते नहीं बन पा रहा है।
जवाब देते बने भी तो कैसे जब तथ्य चीख-चीखकर सच्चाई का बयान कर रहे हैं। यह बता रहे हैं कि 1980 में सम्राट साइकिल के नाम पर अधिगृहीत की गई जमीन को इसी 24 जनवरी, 2015 को राजीव गांधी ट्रस्ट ने खरीद लिया है। पूरी खरीद प्रक्रिया पर जिस तरह यूपीएसआईडीसी ने सवाल खड़े कर दिए हैं। उससे यह बात फिर साबित हो गई कि सियासत की बिसात पर नेहरू-इंदिरा परिवार के उत्तराधिकारियों ने अमेठी और यहां के लोगों को अब तक छलने के अलावा और कुछ नहीं किया। इन्होंने विकास के जो भी नारे लगाए उनके पीछे सियासत की आड़ में स्वाथार्ें का ताना बाना बुना गया था। अब तक जो तथ्य सामने आए हैं उनके अनुसार, औद्योागिक क्षेत्र कौहार स्थित 65.57 एकड़ भूमि पर मैसर्स सम्राट बाइसाइकिल के नाम से उद्योग चलाने वाले जैन बंधुओं को लगभग 35 साल पहले दी गई थी। अभिलेखों के अनुसार, यूपीएसआईडीसी ने 8 अगस्त, 1986 को 65़ 57 एकड़ भूमि मैसर्स सम्राट बाइसाइकिल को पट्टे पर दी थी।
कंपनी ने इस पर उद्योग नहीं लगाया। ऊपर से उद्योग लगाने के नाम पर लिए गए ऋण का भुगतान भी नहीं किया। नतीजतन डीआरटी द्वारा इस जमीन की 24 फरवरी को नीलामी की गई। इसमें राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट ने 1़ 50 करोड़ रुपये स्टॉम्प ड्यूटी चुकाकर खरीद लिया। यूपीएसआईडीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक आर. एस़ पाठक ने दो महीने पहले 2 जून को जिलाधिकारी को पत्र लिखकर भूमि के क्रय-विक्रय को गलत बता दिया। उन्होंने तर्क दिया है कि जो भूमि पट्टे पर किसी को दी गई हो, उसे नीलामी के जरिये बेचा कैसे जा सकता है। हालांकि राहुल गांधी के प्रतिनिधि चंद्रकांत ने मीडिया को तर्क दिया है कि जो जमीन ली गई है वह किसानों की नहीं बल्कि यूपीएसआईडीसी की है। जाहिर है कि ईरानी के आरोप तथ्यों पर आधारित हैं। भाजपा प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक कहते हैं कि अमेठी और यहां के लोगों को कांग्रेस के इस शीर्ष घराने ने पहली बार नहीं छला है। सच तो यह है कि अमेठी हो या रायबरेली, दोनों जगह के लोगों को इस परिवार ने हमेशा ही छला है। यहां के लोगों ने भावना के चलते इस परिवार के लोगों पर खूब भरोसा किया। लेकिन राजनीति को व्यापार बनाने वाले इस परिवार ने न तो यहां के लोगों की भावनाओं को समझा और न कभी भरोसा बनाए रखने की जरूरत समझी। पाठक के मुताबिक यह पहला मामला नहीं है। हरियाणा में जमीन घोटाले में रॉबर्ट वाड्रा का नाम आने का मामला सभी को याद ही होगा जिसकी जांच अभी जारी है। इससे पूर्व 'फूड' पार्क को लेकर राहुल गांधी के झूठ की सच्चाई भी सबके सामने आ चुकी है।
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