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उड़ीसा के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी गौर हरि दास के संघर्ष पर बनी फिल्म 'गौर हरि दास्तान' 6 अगस्त को नई दिल्ली में प्रदर्शित की गई। इस फिल्म के निर्देशक हैं अनन्त महादेवन और निर्माता हैं सचिन खानोलकर।
उल्लेखनीय है कि गौर हरि दास का जन्म 1931 में बालासोर में हुआ था। 1946 में जब वे केवल 15 वर्ष के थे तभी महात्मा गांधी की प्रेरणा से स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ गए थे। वे महात्मा गांधी की वानर सेना के सदस्य थे। इस सेना का काम था एक जगह से दूसरी जगह तक सूचना पहुंचाना। एक बार वे अपने साथी सेनानियों के साथ एक विद्यालय में तिरंगा लहराना चाहते थे, पर अंग्रेजी सरकार ने उन्हें रोक दिया। लेकिन वे कहां मानने वाले थे। जैसे ही अवसर आया उन्होंने तिरंगा लहरा दिया। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उनके जेल से छूटने के कुछ दिन बाद ही देश स्वतंत्र हो गया। लेकिन उन्होंने न तो स्वतंत्रता सेनानी का प्रमाणपत्र लिया और न ही पेंशन। जीवन-यापन के लिए उन्होंने मुम्बई में खाद्यी ग्रामोद्योग में अपनी सेवाएं दीं। 30 वर्ष पूर्व उनके बेटे का इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला केवल 2 अंकों की कमी से नहीं हो पाया था। कॉलेज प्रबंधन ने उनके पुत्र से कहा कि यदि पिताजी का स्वतंत्रता सेनानी का प्रमाणपत्र दोगे तो नामांकन हो जाएगा। इस पर श्री दास ने कॉलेज प्रबंधन से कहा कि स्वतंत्रता सेनानी का प्रमाणपत्र तो नहीं है, लेकिन जेल से छूटने का प्रमाणपत्र अवश्य है। इस बात पर कॉलेज प्रबंधन ने कहा कि जेल से छूटने का प्रमाणपत्र तो कोई चोर भी ला सकता है। यह बात उन्हें बहुत बुरी लगी और उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े संगठनों से 30 वर्ष तक पत्राचार किया और अपने जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान की बात उठाई। इसमें उन्हें सफलता मिली और उन्हें स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा मिला। उनके इसी संघर्ष को इस फिल्म में दिखाया गया है।
फिल्म का प्रचार-प्रसार गैर सरकारी संगठन 'माई होम इंडिया' कर रहा है। पिछले दिनों नई दिल्ली में गौर हरि दास का सम्मान केन्द्रीय आयुष मंत्री श्रीपाद नाईक ने किया। इस अवसर पर 'माई होम इंडिया' के सुनील देवधर, सांसद द्वय विनोद सोनकर और वीरेन्द्र सिंह आदि उपस्थित थे।
– प्रतिनिधि
नेतृत्व कौशल विकसित करने के लिए युवा संसद
गत दिनों नई दिल्ली के हरिनगर स्थित महाशय चुन्नीलाल सरस्वती बाल मन्दिर में 'युवा संसद' आयोजित हुई। कार्यक्रम का आयोजन संसदीय कार्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार हुआ। इसमें विद्यालय की नौवीं से बारहवीं कक्षा तक के 50 छात्रों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में छात्रों को संसद की कार्यवाही के बारे में जानकारी दी गई। इसका उद्देश्य था छात्रों में नेतृत्व कौशल विकसित करना, उन्हें कर्तव्य परायण बनाना और राष्ट्र के प्रति समर्पण भाव जगाना। सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए 8 छात्र-छात्राओं का चयन किया गया। बारहवीं कक्षा के सुधांशु तिवारी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर पूर्व सांसद श्री विष्णु, मुख्य सचिव श्री ए.बी. आचार्य और शिक्षा निदेशालय की अधिकारी श्रीमती रोमी जौहरी सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित थे।
ल्ल प्रतिनिधि
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