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4 अगस्त को नई दिल्ली नगर पालिका परिषद् सभागार में गैर-सरकारी संगठन 'फोरम फॉर जस्टिस एंड डेवलपमेंट' ने एक चित्र प्रदर्शनी लगाई। इसमें चित्रों के माध्यम से केरल में कम्युनिस्टों के वास्तविक चरित्र, उत्पीड़न, हिंसा और उनकी कारगुजारियों को दर्शाया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने किया। इस अवसर पर उन्हांेने कहा कि केरल में जो लोग हिंसा की राजनीति करते हैं उन्हें समझना चाहिए कि उत्पीड़न और हिंसा कभी लोकतंत्र में साथ-साथ नहीं चलते। मैं केरल के भाजपा कार्यकर्ताओं और चित्र प्रदर्शनी के आयोजकों को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने राज्य में माकपा की हिंसा और उत्पीड़न की दर्दनाक घटनाओं को देश के सामने रखकर उनकी पोल खोली है। प्रदर्शनी के प्रमुख आयोजक दीपू नाम्बियार ने कहा कि इस प्रदर्शनी के जरिए हम जनता, विशेषकर दिल्लीवासियों को कम्युनिस्टों की असलियत बताना चाहते हैं। ध्यान रहे कि वर्ष 1969 से अब तक केरल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा के 200 से अधिक कार्यकर्ताओं को माकपाई तत्वों द्वारा मौत के घाट उतारा जा चुका है। इनमें से 76 कार्यकर्ताओं की हत्या केवल कन्नूर जिले में हुई है और 100 से ज्यादा कार्यकर्ताओं के हाथ-पैर काट डाले गए। राज्य में भाजपा की बढ़ती लोकप्रियता से माकपा के कार्यकर्ता बौखला गए हैं। इस कारण वे लोग आएदिन भाजपा और संघ के कार्यकर्ताओं पर हमला करते हैं। इस अवसर पर केन्द्रीय राज्यमंत्री राजीव प्रताप रूड़ी, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थनाथ सिंह, भाजपा के केरल प्रदेशाध्यक्ष वी. मुरलीधरन सहित अनेक लोग उपस्थित थे। – प्रतिनिधि
'सांस्कृतिक नेतृत्व की क्षमताओं से भरा है भारत '
गत दिनों विश्व संवाद केन्द्र, लखनऊ द्वारा प्रकाशित पत्रिका के विशेषांक 'सशक्त भारत' का लोकार्पण हुआ। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र कार्यवाह रामकुमार वर्मा ने कहा कि पूरे विश्व में भारत की भूमिका सांस्कृतिक नेतृत्व देने की बन रही है। योग संस्कृति ने पूरे विश्व को स्वत:स्फूर्त चमत्कृत किया है। आगे विश्व का नेतृत्व करने की क्षमता अकेले भारत में है, क्योंकि भारतीय संस्कृति की मूल अवधारणा विश्व एकता, भ्रातृत्व तथा सर्वमंगलकारी मानवता की है।
मुख्य अतिथि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश ने कहा कि जहां विश्व अशान्ति की ओर बढ़ रहा है, वहीं भारत विश्वबंधुत्व तथा विश्वकल्याण की बात कर रहा है। यही भावना सशक्त भारत का निर्माण कर रही है। कार्यक्रम की अध्यक्षता बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो़ आर.सी़ सोबती ने की। पत्रिका का परिचय देते हुए राकेश मंजुल ने कहा कि सशक्त भारत विशेषांक में समर्थ भारत निर्माण का सकारात्मक मार्ग, कारगिल की निर्णायक विजय, राष्ट्र का अर्थ, हिन्दी पत्रकारिता की तीन विभूतियां, आजाद हिन्द फौज की अमर कहानी, भारत ही विश्व का नेतृत्व करेगा जैसे विषयों के 28 लेख संकलित हैं। – प्रतिनिधि
'कांवड़ यात्रा का पौराणिक और धार्मिक महत्व है'
पिछले दिनों मेरठ में 'कांवड़ यात्रा' नामक पुस्तक का लोकार्पण हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि दिव्यानन्द महाराज ने कहा कि कांवड़ एक प्राचीन परम्परा है। इसका पौराणिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व है। त्रेता युग हो या द्वापर सभी में कांवड़ यात्रा किसी न किसी रूप में विद्यमान थी। इतिहास के संदर्भ में बात करें तो श्रवण कुमार इसका उदाहरण हैं, जिन्होंने अपने माता-पिता को तीर्थयात्रा के दौरान चारों धामों की यात्रा कराई, जोकि कांवड़़ यात्रा का ही एक स्वरूप है। 'राष्ट्रदेव' के सम्पादक अजय मित्तल ने कहा कि हमारी संस्कृति बड़ी समृद्ध है। हालांकि इसको प्रभावित करने के प्रयास भी लगातार होते रहे हैं, परन्तु 5 हजार वर्ष से हमारी संस्कृति को कोई क्षति नहीं पहुंचा सका है। कांवड़ यात्रा भी हमारी संस्कृति के पोषण का ही एक उदाहरण है।
पुस्तक के लेखक पं़ सुमंत्र कुमार ने कहा कि कुछ तत्वों द्वारा कांवड़ यात्रा के सन्दर्भ में फैलाई जा रही भ्रांतियों को दूर करने के लिए इसका लेखन किया गया है। पुस्तक में कांवड़ यात्रा के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हुए इसकी महत्ता और धार्मिक उपयोगिता की चर्चा की गई है। कार्यक्रम का आयोजन विश्व संवाद केन्द्र, मेरठ ने किया था। – प्रतिनिधि
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