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गुजरात के कच्छ में भारत-पाकिस्तान की सीमा पर एक गांव है नवानगर। इस गांव में 1971 में पाकिस्तान से भारत आए लोग रहते हैं। यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा 1989-90 में शुरू हुई थी। यह शाखा नियमित रूप से बड़ी अच्छी चलती है। पाकिस्तान की सीमा पर स्थित इस गांव में प्रतिदिन भारत माता की जय का घोष होता है। इस शाखा का वार्षिकोत्सव 15 मार्च को बड़ी धूमधाम से मनाया गया। उत्सव में गांव के लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। अच्छी संख्या मंे मातृशक्ति ने भी संघ स्थान पर पूर्ण समय उपस्थित रहकर स्वयंसेवकों का उत्साहवर्धन किया। भारत की सीमा पर उत्सव था इसलिए उसी के अनुरूप बौद्धिक भी सीमा जनकल्याण समिति, गुजरात के सह मंत्री श्री भरत गोरसीया का रहा। ल्ल प्रतिनिधि
कोलकाता में उजागर हुए विस्मृत तथ्य
कोलकाता के प्राचीनतम हिन्दी पुस्तकालय 'बड़ाबाजार लाइब्रेरी' में 15 मार्च को भंवरमल मल्लावत व्याख्यानमाला आयोजित हुई। विषय था 'कश्मीर समस्या या समाधान'। मुख्य वक्ता थे शिक्षाविद् श्री कुलदीप चन्द्र अग्निहोत्री। उन्होंने कश्मीर के सन्दर्भ में भारतीय इतिहास के कई विस्मृत तथ्यों को उजागर किया। इतना ही नहीं उन्होंने जिन्ना, नेहरू, शेख अब्दुल्ला और लॉर्ड माउंटबेटन की मिलीभगत के भी कच्चे चिट्ठे खोलकर तार-तार कर दिए। कार्यक्रम के प्रारंभ में पुस्तकालय के पूर्व अध्यक्ष एवं सुविख्यात रंगकर्मी श्री विमल लाठ ने विषय की प्रस्तावना रखी। कार्यक्रम की अध्यक्षता बंगला साप्ताहिक 'वर्तमान' के सम्पादक श्री रतिदेव सेनगुप्ता ने की। इस अवसर पर अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे। ल्ल प्रतिनिधि
बेटी नहीं, तो सृष्टि नहीं
कन्या भू्रण हत्या महापाप और आत्मघाती है, इस विषय पर लोगों को जागरूक करने के लिए पिछले दिनों अमृतसर के शहजादानन्द कॉलेज में एक कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसका आयोजन सामाजिक संस्था 'रानी झांसी सोशल सोसाइटी' द्वारा किया गया था। उल्लेखनीय है कि देश में कन्या भ्रूण हत्या के कारण कई गंभीर समस्याएं खड़ी हो गई हैं। महिला और पुरुष का अनुपात असन्तुलित हो गया है। हरियाणा, पंजाब जैसे कुछ राज्यों में बेटों के मुकाबले बेटियां बेहद कम हैं।
कार्यक्रम में राज्य की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री प्रो. लक्ष्मीकांता चावला मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुईं। उन्होंने कहा कि बेटियों को जन्म लेने का अधिकार मिले, इसके लिए सभी को एक मंच से शंखनाद करना होगा। पंजाब के माथे पर कन्या भू्रण हत्या एक कलंक के समान है। देश के कई हिस्सों में यह घिनौना कृत्य हो रहा है। इसे बन्द करना होगा। बेटी ही नहीं बचेगी तो यह सृष्टि आगे कैसे बढ़ेगी?
कार्यक्रम में कन्या भू्रण हत्या पर कटाक्ष करता नाटक 'सृजना' का मंचन मनदीप घई एवं समूह द्वारा किया गया। कलाकारों ने इस नाटक के माध्यम से भू्रण हत्या को सामाजिक बुराई बताते हुए कटाक्ष किया। इस अवसर पर विद्यार्थी श्वेता, नीरू, काजल, कुशल एवं लवप्रीत ने नारी सशक्तिकरण एवं कन्या भू्रण हत्या विषय पर विचार एवं कविताएं प्रस्तुत कीं। कॉलेज की प्राचार्या डॉ. हरबिंदर कौर ने प्रो. चावला व सोसाइटी के अध्यक्ष पवन कुंदरा को सम्मानित किया। प्रतियोगिता में विजेता बच्चों को सोसाइटी की ओर से सम्मानित भी
किया गया। प्रतिनिधि
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