मंगल पर हिन्दुस्थान की धमक
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मंगल पर हिन्दुस्थान की धमक

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Nov 1, 2014, 12:00 am IST
in Archive
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दिंनाक: 01 Nov 2014 15:27:21

अंक संदर्भ : 5 अक्तूबर, 2014
आवरण कथा 'क्षण…विलक्षण' से भारत ने सम्पूर्ण दुनिया को यह संकेत दिया है कि अब वह किसी भी क्षेत्र में किसी से पीछे नहीं है। साथ ही एक और बात से सब हैरत में हैं कि इतनी कम लागत में भारत ने यह करिश्मा कैसे कर दिखाया। इससे साबित हो गया है कि हमारे वैज्ञानिक परिश्रम करने में अन्य से कई गुना बेहतर हैं। अगर उन्हें अत्याधुनिक संसाधन दे दिये जायें तो वे क्या कर सकते हैं यह तो इस अभियान को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है।
-अनूप जोशी,संगम नगर,अलीगढ़(उ.प्र.)
० आज पूरा देश वैज्ञानिकों के इस अथक प्रयास को नमन कर रहा है। देश को आगे ले जाने की इच्छा से रात-दिन लगे हमारे वैज्ञानिकों के इस प्रयास को देखकर किञ्चित मात्र यह नहीं कहा जा सकता कि हम पाश्चात्य देशों के वैज्ञानिकों से कहीं भी पीछे हैं। साथ ही इस मौके पर प्रधानमंत्री ने उपस्थित होकर जिस प्रकार वैज्ञानिकों के उत्साह को बढ़ाकर करतल ध्वनि से उनका स्वागत किया उसे देखकर पूरा देश झूम उठा।
-शिवम तिवारी,डुंडाहेड़ा,गुड़गांव(हरियाणा)
० इसरो के वैज्ञानिकों की ऐतिहासिक सफलता से पूरा देश गदगद है। पहली ही कोशिश में इस अभियान में सफल होने वाला भारत पहला देश है। इससे कई चीजें सिद्ध होती हैं कि हमारे पास कितने ही कम संसाधन हों पर अगर लगन और दृढ़ इच्छाशक्ति से कार्य किया जाए तो संसाधनों के अभाव में भी अपने लक्ष्यों को पाया जा सकता है।
-सुधीर कुमार, पंसारी बाजार(हरियाणा)
स्पष्ट नीति
आज पूरे विश्व ने जान लिया है कि जब से भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हुए हैं तब से विदेश नीति पूरी तरह से स्पष्ट है। इस शासन में राष्ट्रहित सर्वोपरि है,यह स्पष्ट हो चुका है। प्रधानमंत्री मोदी और सुषमा स्वराज के चार माह के कार्यकाल में यह परिभाषित हो चुका है कि भारत अब किसी के पीछे चलने वाला नहीं है। वह अपनी नीति-अपने समाज और देश की जनता के हित को देखकर तय करेगा। विश्व शान्ति की दृष्टि से नरेन्द्र मोदी का यह कहना कि सीमा सेतु है, उन हेकड़ी पर उतारू राष्ट्रों के लिए एक चेतावनी है। सभ्यता के चरम पर पहुंच रही दुनिया के लिए एक संदेश है कि हर चीज की सीमा है,लक्ष्मण रेखा सभी के लिए समान है।
-भरतचंद्र नायक
अरेरा कालोनी,भोपाल(म.प्र.)
सवालों के घेरे में मीडिया
आज मीडिया का मतलब सिर्फ एक बात रह गया है दूसरों से सवाल पूछना… लेकिन कभी क्या वह मीडिया अपने को आइने मे देखता है? सच को जनता में पहुंचाने और झूठ को उजागर करने का दायित्व जिसे संविधान ने दिया है क्या वह अपने काम को सौ प्रतिशत ठीक ढंग से कर रहा है? क्या देश में आई किसी भी आपदा में मरने वालों को हिन्दू और मुसलमान में बांटने का काम मीडिया कर रहा है? साथ ही आज मीडिया उन समाचारों को प्रमुखता से छापता है जो सनसनीखेज होते हैं और समाज को ज्ञान देने वाले समाचार रद्दी की टोकरी में होते हैं। मीडिया समाज को प्रकाश दिखाने का काम तो लगभग भूल ही बैठा है।
-भूपाल सिंह रावत
रतनपुर,पौड़ी गढ़वाल(उत्तराखंड)
हमारा प्रेम,उनकी सत्यता
भारत सनातन धर्म की भूमि है। यही विश्व में पहला देश है जहां हर मत-पंथ को मानने वालों को उतनी ही तरजीह दी जाती है जितनी कि यहां के मूल निवासी को। लेकिन सवाल है कि क्या हमारे देश में जितनी स्वतंत्रता अन्य मत-पंथों को है उतनी ही स्वतंत्रता अन्य देश में उनको प्राप्त है? सच तो यह है कि अन्य देशों में यहां के मताबलंवियों को उतनी छूट नहीं दी जाती जितनी यहां है। हिन्दुओं के साथ इस्लामिक देशों और ईसाई देशों में क्या होता है यह बताने की जरूरत नहीं है।
-हरिहर सिंह चौहान
जंबरी बाग नसिया,इंदौर (म.प्र.)
दिन-प्रतिदिन निखरता पाञ्चजन्य
पाञ्चजन्य जब से पत्रिका स्वरूप में शुरू हुआ है तब से इसका स्वरूप दिन-प्रतिदिन निखरता चला जा रहा है। अनेक विशेष रपट,समसामयिक परिदृश्य पर चर्चा और प्रमुख लेखकों के स्तम्भ इसके शौर्य को और बढ़ाते हैं।
– सूर्य सिंह,साहिलपुर(उ.प्र.)
० पाञ्चजन्य के कृषि विशेषांक ने उन सभी को दिशा दी है जो रासायनिक खाद,उर्वरक आधारित कृषि,पेस्टीसाइड से क्रान्ति लाना चाहते हैं पर नहीं ला सके। दरअसल भारतभूमि की उर्वरा शक्ति, खाद्यान्न को प्रसाद का स्थान देनेवाला यह भारतीय समाज अनूठा है। क्योंकि भारतीय कृषक गोवंश के पंचगव्य से खेत में अन्न-धन पैदा करता है। साथ ही इस अंक के सम्पादकीय ने सभी की आंखें ही नहीं खोलीं बल्कि एक सही दिशा भी दी है। आज भारत जैसे कृषि प्रधान देश को गोवंश की शक्ति को पहचानना होगा। उसके गोवंश पंचगव्य के सदुपयोग से कृषि भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाकर उससे प्राप्त जैविक फल द्वारा लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा करनी होगी। जो किसान आज आत्महत्या को विवश हो रहा है उसको साधन सम्पन्न बनाना होगा। आशा है कि पाञ्चजन्य इसी प्रकार के लेखों से देश के विकास और मोदी के सपनों को साकार करने का संदेश देता रहेगा,इसके लिए सभी को बधाईं।
-महेशचन्द्र शर्मा, किशनगंज(दिल्ली)
० पाञ्चजन्य वर्षों से लव जिहाद के विषय को प्रमुखता से लेकर समाज को जागरूक करता रहा है। चंूकि कुछ समय पहले केन्द्र में कांग्रेस सरकार इस विषय को दबा दिया जाता था। लेकिन आज केन्द्र में हिन्दुत्वनिष्ठ सरकार के होने से ऐसे विषय प्रमुखता से सामने आ रहे हैं।
-कुंवरलाल श्रीवास्तव, झांसी(उ.प्र.)
बदले परिपाटी
आज देश में एक ऐसा बड़ा वर्ग भी है जो बिना मेहनत किए ही पैसे कमाना चाहता है। जिनमेंअध्यापक,चिकित्सक,दुकानदार,नेता, प्रशासनिक अधिकारी आदि शामिल हैं। ये लोग अलग-अलग क्षेत्रों में काम करके घूस को बढ़ावा देते हैं और भ्रष्टाचार को बढ़ाते हैं। यदि वास्तव में देशवासी इन समस्याओं व समाज के प्रत्येक क्षेत्र में फैले भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना चाहते हैं तो उन्हें स्वयं में कुछ चीजों में सुधार करना होगा और अपने काम को नियम और कानून के अनुसार ही करना-कराना होगा। जिस दिन यह नियम समाज के सभी व्यक्ति डाल लेंगे उस दिन समाज से इस समस्या का निदान हो जायेगा।
-राकेश उपाध्याय,उदयपुर(राज.)
आशा का संचार
एक लम्बे समय से भारत की जनता ऐसे प्रशासन का बोझ ढोती चली आ रही थी जिस का नेतृत्व विचार शून्य,दिशाहीन तथा निष्प्रभावी राजनीतिज्ञों के हाथ में था। प्रशासन जनता को सामान्य जीवन के साधन तथा सुविधाएं तक उपलब्ध कराने में अक्षम था। इसका फल यह हुआ कि देश की विराट जनता ने एक ऐसी सरकार को चुना जो देश के लोगों की आशाओं के अनुरूप है। इस जनसमर्थन में भारत मां की संतानों को किसी भी प्रकार की राजनीतिक प्रतिष्ठा या सांसारिक लाभ की इच्छा नहीं थी बल्कि उनका समर्पण था कि उन्हें इस भारतभूमि की सेवा करने का अनूठा अवसर प्राप्त हुआ।
-ब्रह्मदेव भाटिया
पश्चिम विहार  (नई दिल्ली)
तत्काल लगे रोक
वर्तमान में केन्द्र में विराजमान सरकार करोड़ोंं हिन्दुओं की अथक मेहनत और जागरूकता का परिणाम है। देश की जनता ने विकास के लिए नरेन्द्र मोदी को वोट दिया और आज परिणाम सामने है। वर्तमान सरकार को कुछ और स्थानों पर नजर रखनी होगी जिनसे हमारा देश और समाज प्रभावित होता है। आज देश के कई प्रदेशों में अवैध घुसपैठ एक बड़ी समस्या के रूप में उभर रहा है। ये घुसपैठिए देश के विभिन्न राज्यों में रहते हैं और यहीं से आतंक की खेती की शुरुआत करते हैं। सरकार को वक्फ बोर्ड की असीम संपत्ति, अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए चल रही विभिन्न योजनाओं पर रोक लगाकर उचित व्यक्ति तक सहायता पहुंचे ऐसी व्यवस्था करनी होगी।
-विजय कृष्ण प्रकाश,
वैशाली(बिहार)
सेना के शौर्य से बचे
विपदा में बचाया वीरों ने उन कश्मीरियों के लिए एक संदेश है जो अलगाववादियों के कहने पर पत्थरों को लेकर पागलों की तरह दौड़ने लगते हैं और यह नहीं सोचते कि उनका असली हितैषी कौन है। आज साबित हो गया है कि अगर कश्मीर में सेना ने पूरे तन-मन के साथ प्रयास न किया होता तो घाटी के लोगों का क्या होता, घाटी के लोगों से बेहतर कौन जान सकता है। जिस समय घाटी के लोग संकट में थे उस समय अलगाववादी कहां थे? क्या कश्मीरियों के पास इसका जवाब है?
– शाशिकान्त त्रिपाठी
आवास विकास कालोनी,गोरखपुर(उ.प्र.)
सफल होती नई परिपाटी
गांधी जयंती पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छता अभियान आरम्भ किया। वास्तव में यह सिर्फ प्रशंसनीय ही नहीं बल्कि अनुकरणीय भी है। सभी देशवासियों को इस मुहिम से जुड़कर अपनी सहभागिता दर्ज करानी चाहिए।
-कुंवर वीरेन्द्र सिंह ,कम्पू,लश्कर(म.प्र.)
याद आई मातृभूमि की
० प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विदेश यात्राओं ने भारत के गौरव में चार चांद लगा दिये हैं। इनमें से अमरीका यात्रा ने राजनीति में भावनाओं का एक नया अध्याय जोड़ दिया है। सभी ने देखा कि नरेन्द्र मोदी की प्रतिभा ही है कि अमरीका उनके सामने नतमस्तक हो रहा है।
-अर्चना दकवी,इन्दौर,(म.प्र.)

 

पुरस्कृत पत्र
विश्व आज गवाह है कि भारत ने कभी किसी पर राज करने और न ही कभी किसी को परेशान करने की राजनीति की है। अपनों को साथ लेकर चलना और कमजोरों की सदैव मदद करने का संदेश भारत ने दिया,यह आज किसी से छिपा नहीं है। लेकिन इन सबके बाद भी भारत पर विदेशी आक्रान्ताओं ने वर्षों तक राज किया और यहां की सभ्यता और संस्कृति को नष्ट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अभी तक विश्व के शक्तिशाली देश अन्य देशों को अपने अधीन करने का षड्यंत्र सामरिक शक्ति,व्यापारिक प्रभुत्व और राजनीतिक कुचक्र करते चले आए हैं। लेकिन आज समय बदल रहा है। आज हरेक व्यक्ति प्रबुद्ध है और स्पष्ट हो चुका है कि जो विश्व कल्याण के लिए सबको साथ लेकर चलेगा उसी के साथ विश्व के अन्य देश भी हैं, क्योंकि समस्त विश्व के हित में ही सबका हित निहित है। इस संदर्भ में स्पष्ट है कि भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जो सबके हित की कामना करता है और समस्त विश्व को सुखी और समर्थ बनाने की इच्छाशक्ति रखता है। भारत शोषण नहीं पोषण करता है, अंधकार नहीं प्रकाश बिखेरता है और किसी को दास नहीं बन्धु बनाता है। इन सभी चीजों का समावेश सिर्फ भारत में है अन्यत्र नहीं है इसलिए भारत आज विश्व शक्ति बनने के लिए तैयार है।
डॉ. ब्रह्मदत्त अवस्थी
1/ 239 नगलादीन फतेहगढ़,
जिला-फरूखाबाद(उ.प्र.)

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