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हाल ही में ईरान की एक अदालत ने ईरान के संचार मंत्री को आदेश दिए हैं कि वे देश में व्हाट्सऐप और टैंगों जैसे सोशल नेटवर्किंग साइटों पर तुरन्त प्रतिबंध लगाएं। कहा जा रहा है कि न्यायालय ने इन साइटों पर इस्लाम के सन्दर्भ में लगातार हो रही अपमानजनक टिप्पणियों को रोकने के लिए ऐसा किया है। एक ईरानी न्यूज एजेंसी के अनुसार ईरान के महाधिवक्ता गुलाम-हुसैन मोहसेनी एजेई ने संचार मंत्री से संदेश भेजने वाली ऐसी सेवाओं के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई करते हुए प्रतिबंध लगाने की मांग की। उन्होंने इस आदेश के लिए जारी करने वाले पत्र में लिखा है कि सोशल साइट्स के कारण इस्लाम और नैतिक मूल्यों के विरुद्ध अश्लील व आपराधिक सामग्रियों का प्रसार हो रहा है। विदेशी ताकतें ईरानी संस्कृति को छिन्न-भिन्न करने के लिए ऐसा कर रही हैं। उल्लेखनीय है इससे पूर्व 2006 में ईरान ने यूट्यूब पर प्रतिबंध लगाया था। उस समय भी यही कहा गया था कि कुछ बाहरी ताकतें ईरानी संस्कृति को खत्म करना चाहती हैं, लेकिन बाद में ऐसा कुछ भी नहीं पाया गया तो यूट्यूब से प्रतिबंध हटा लिया गया। 2012 में भी 'इनोसेंस ऑफ मुस्लिम्स' फिल्म के कुछ हिस्सों को दिखाने के बाद ईरान ने यूट्यूूब और गूगल पर भी प्रतिबंध लगा दिया था।
जलवायु परिवर्तन की निगरानी के लिए 325 मीटर ऊंचा टावर
जलवायु परिवर्तन से पूरी दुनिया परेशान है। जहां कभी बहुत ही कम वर्षा होती थी, वहां अब बाढ़ आ रही है और जहां बाढ़ आती थी वहां सूखा पड़ रहा है। स्वाभाविक है कि विज्ञान जगत इस खोज में लगा है कि आखिर जलवायु में किस तरह के परिवर्तन हो रहे हैं और क्यों हो रहे हैं? इन सब की जानकारी प्राप्त करने के लिए ब्राजील सरकार अमेजन बेसिन के बीचों-बीच एक विशाल निरीक्षण टावर बनवा रही है। इसकी ऊंचाई धरती से 325 मीटर होगी। यह टावर ग्रीनहाउस गैस और मौसम के बारे में आवश्यक जानकारियां एकत्रित करेगा। यह भी कह सकते हैं कि यह टावर जलवायु परिवर्तन से सम्बंधित प्रश्नों के उत्तर खोजने में सहायता करेगा। उल्लेखनीय है कि अमेजन जंगल विश्व के सबसे संवेदनशील पारिस्थितिक क्षेत्रों में से एक है। वायुमंडल में कार्बन उत्सर्जन पर अमेजन जंगल का बहुत प्रभाव है। प्रस्तुति : अरुण कुमार सिंह
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