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13 एवं 14 सितम्बर 2014 को पाञ्चजन्य एवं आर्गनाइजर का द्विदिवसीय राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन सरस्वती बाल मन्दिर नेहरू नगर में सम्पन्न हुआ। इसमें देशभर से आए समाचार एवं विज्ञापन प्रतिनिधियाों ने भाग लिया। पत्रिका स्वरूप में दोनों समाचार पत्रों के प्रकाशन का स्वागत करते हुए प्रतिनिधियों ने इनकी बढ़ती लोकप्रियता और प्रसार पर खुशी व्यक्त की। सुदूर कर्नाटक, केरल, प. बंगाल, महाराष्ट्र और जम्मू कश्मीर सहित देश के सभी क्षेत्रों से आए प्रतिनिधियों ने विचार पक्ष की मजबूती को तो सराहा ही साथ ही विभिन्न स्तंभों एवं और अधिक संपादकीय सामग्री संजोने का सुझाव दिया।
प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए भारत प्रकाशन (दिल्ली) लि. के निदेशक और वरिष्ठ पत्रकार श्री जगदीश उपासने ने कहा कि लगभग सात दशकों की सफल यात्रा कर चुके पाञ्चजन्य और आर्गनाइजर देश के मीडिया में विशिष्ट भूमिका निभा रहे हैं। खाली आलोचना में रचनात्मकता नहीं होती जबकि समालोचना में स्वीकार्यता के साथ सुझाव भी दिए जाते हैं। मुख्यधारा का मीडिया एक पक्ष है और हम उससे इतर हैं, यह विचार नहीं आना चाहिए क्योंकि मीडिया भी उसी समाज को संबोधित कर रहा है जिसको हम पत्रिका के रूप में आकर हमारी आत्मा नहीं बदली है, हम राष्ट्रीय विचारों के संवाहक केवल परिवार के लिए नहीं अपितु राष्ट्र के लिए भी हैं। हमारे विचार केन्द्र में हिन्दू समाज है और उस पर हमें गर्व है। रूप, आकार, प्रस्तुति और सामग्री की नवीनता के साथ हम न्यू मीडिया के साथ ही अपने नए और युवा पाठकों तक पहुंच रहे हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डा. मनमोहन वैद्य ने कहा कि आज देश में स्वाभाविक चिंतन, अभिव्यक्ति और स्वीकृति का वातावरण है। सेकुलरों द्वारा देश और समाज में प्रचारित धारणाएं और नारे नष्ट हो रहे हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेन्द्र मोदी जब काशी में गंगा आरती करने गए तो करोड़ों लोगों ने चैनलों पर सीधा प्रसारण देखकर यह संदेश दिया कि बिना किसी उद्घोषणा या कमेंट्री के यह कार्यक्रम चलता रहना चाहिए। यह इस देश और समाज का सहज स्वर है और पाञ्चजन्य एवं आर्गनाइजर उसी की अभिव्यक्ति करते हैं। हम सब विचार के लिए कार्य कर रहे हैं और वह वैयक्तिक नहीं राष्ट्र से जुड़ा है। अपने सत्य की ताकत और तथ्य के वजन से लोगों के मन तक विशेषकर युवा शक्ति को हमें ये पत्र पहुंचाने चाहिए।
पाञ्चजन्य के संपादक श्री हितेश शंकर ने प्रतिनिधियो की जिज्ञासा और उनके द्वारा उठाए गए प्रश्नों का समाधान करते हुए बताया कि हमारा प्रयत्न यही है कि कलेवर तो बदले किन्तु विचार कायम रहे और मीडिया या न्यू मीडिया से भी किसी स्तर पर हम पीछे न रहें। अलग-अलग आयु वर्ग के पाठकों की रुचि के स्तंभों के साथ देश समाज में घटित होने वाली प्रत्येक गतिविधि पर हम नजर रखें। देश-समाज के मध्य संवाद कायम करते हुए ठोस नीति निर्माण में अपनी भूमिका निभाएं। पाञ्चजन्य में देश की संस्कृति, परंपरा, इतिहास, दर्शन, शिक्षा,राजनीति, अर्थव्यवस्था, कृषि और स्वास्थ्य सहित सभी क्षेत्रों पर सामग्री दी जाती है।
आर्गनाइजर के संपादक श्री प्रफुल्ल केतकर ने कहा कि हमारे समाचार पत्रों ने वैचारिक आंदोलन की लड़ाई लड़ी है। जम्मू कश्मीर में धारा 370 से लेकर देश के महत्व के प्रत्येक मुद्दे पर सामग्री दी हैं।
इस सम्मेलन में भारत प्रकाशन (दिल्ली) लि. के प्रबंध निदेशक श्री विजय कुमार ने सभी प्रतिनिधियों का स्वागत किया और संचालन महाप्रबंधक जितेन्द्र मेहता ने किया। ल्लप्रतिनिधि
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