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गत दिनों भोपाल में राज्य जलवायु परिवर्तन ज्ञान प्रबंधन केन्द्र द्वारा दो दिवसीय एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का विषय था 'पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और भारतीय दर्शन-संकट से समाधान की ओर।' संगोष्ठी के अन्तिम दिन के मुख्य वक्ता थे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह श्री सुरेश सोनी। संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए श्री सोनी ने कहा कि अंधाधुंध प्रगति की दौड़ से मानव जाति सर्वाधिक संक्रमित काल से गुजर रही है। यदि इसे रोका नहीं गया तो सदी के अन्त तक मानव जाति के समक्ष अस्तित्व का प्रश्न खड़ा हो सकता है।
इस संकट से निकलने के लिए मनोवैज्ञानिक, दार्शनिक, राजनीतिक और आर्थिक सभी आयामों में परिवर्तन के प्रयास करने होंगे। भारत की वैश्विक दृष्टि और चिन्तन से ही पर्यावरणीय मानसिकता और पर्यावरण मित्र तकनीकी विकसित होगी। इसके लिए समाज, शासन और प्रशासन को एक साथ आगे आना होगा। प्रकृति के साथ रहने और जितनी भरपाई हो सके उतने दोहन के प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश देश और दुनिया को इस मामले में दिशा-दर्शन करा सकता है। यहां प्राकृतिक सम्पदा की बहुतायत है। उन्होंने नर्मदा नदी को अमरकंटक से प्रदूषणमुक्त करने, उसके किनारे पर रहने वालों को जागरूक करने के प्रयासों के साथ ही मृत जल संरचनाओं के पुनर्जीवन के प्रयासों की जरूरत बताई।
राज्य के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रकृति में गहरी श्रद्धा और आदर भाव रखना ही जलवायु परिवर्तन के खतरों को रोकने का भारतीय समाधान है। प्रकृति में सभी जीवित प्राणियों के जीवन के लिए पर्याप्त संसाधन हैं। इन संसाधनों के अंधाधुंध शोषण से जलवायु परिवर्तन और 'ग्लोबल वामिंर्ग' जैसी गंभीर पर्यावरणीय समस्याएं उत्पन्न हुई हैं।
इस अवसर पर श्री सुरेश सोनी और श्री शिवराज सिंह चौहान ने जलवायु परिवर्तन ज्ञान प्रबंधन केन्द्र द्वारा जलवायु परिवर्तन पर तैयार की गई कार्य-योजना के दस्तावेज का लोकार्पण और केन्द्र की वेबसाइट का उद्घाटन भी किया।
इससे पहले संगोष्ठी के पहले दिन आवास एवं पर्यावरण मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि वर्तमान में जलवायु परिवर्तन विश्व के सामने गंभीर चुनौती बन चुका है। जलवायु में हो रहा परिवर्तन भारत में भी चिंता का विषय है। जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौती से निपटने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। दूसरे देशों ने अपने हितों के लिए जिस तेजी से प्रकृति का दोहन किया, उससे जलवायु तेजी से परिवर्तित हो रही है। संगोष्ठी को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह, स्वास्थ्य मंत्री डॉ़ नरोत्तम मिश्र आदि ने भी सम्बोधित किया। -अनिल सौमित्र
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