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अभी दो वर्ष पहले ही कांग्रेस के नेता ओमान चांडी को मुस्लिम संगठन इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और ईसाई समर्थित कांग्रेस की मदद से केरल का मुख्यमंत्री बनाया गया था। इन दो वर्षों में केरल में रहने वाले हिन्दू अंतिम कगार पर पहंुच चुके हैं।
दरअसल केरल की राज्य सरकार मुस्लिम अल्पसंख्यकों के दबाव में लगातार काम कर रही है। राज्य में साम्प्रदायिक दंगे हों या फिर आतंकवाद, सभी को लेकर गलत रपट तैयार कर मोटे तौर पर भ्रांतियां फैलायी जा रही हैं। मुख्यमंत्री साम्प्रदायिक तनाव बनाने वालों को न केवल संरक्षण दे रहे हैं, बल्कि आतंकियों से जुड़ी सभी रपट में उनके कृत्यों को छिपाया जा रहा है। हिन्दू एक्या वेदी की बैठक में मुख्यमंत्री ओमान चांडी को 'फर्जी खबरों का ब्रांड एम्बेसडर' करार दिया गया।
हाल ही में केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी रपट में कहा गया कि पिछले तीन वर्षों से केरल में आंतकी गतिविधियों को लेकर कोई भी मामला दर्ज नहीं किया गया है, जबकि यह सच्चाई नहीं है। केरल सरकार ने राज्य की आंतरिक सुरक्षा को लेकर केन्द्र को सौंपी रपट में देशद्रोह आदि को लेकर गलत आंकड़े प्रस्तुत किए थे क्योंकि कनौर और नाडाक्कावु पुलिस थाने में आतंकवाद से संबंधी दो मामले वर्ष 2013 में दर्ज किए जा चुके हैं। इसके बावजूद केरल की राज्य सरकार ने इन तथ्यों को छिपाकर गलत रपट प्रस्तुत की। हिन्दू एक्या वेदी संगठन का कहना है कि अकेेले कासरकोड जिले में देशद्रोह के 25 मामले दर्ज हो चुके हैं, लेकिन उनकी जांच नहीं की गई। संगठन की ओर से इस संबंध में एक ज्ञापन गृह राज्यमंत्री को सौंपा भी गया था और जल्द से जल्द इनकी जांच कराने को कहा है।
ओमान चांडी की सरकार ने केरल को आंतकियों के लिए अति सुरक्षित स्थान बना दिया है। मराड दंगा मामले में विशेष जांच दल ने पाया था कि कुछ कांग्रेसी नेताओं के तार उसमें जड़े थे, लेकिन तब जांच से जुड़े सदस्यों को हटा दिया गया था। ठीक इसी तरह कासरकोड, नादापुरम और कान्हागढ़ में हिंसा के दौरान किया गया था।
ऐसी रपट भी मिली थीं कि आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, इंडियन मुजाहिदीन और अन्य जिहादी संगठनों के सदस्यों की केरल में इस्लामी संगठनों और मंत्रियों से करीबी बातचीत है। मुख्यमंत्री ओमान चांडी ने खुद बेंगलुरू जेल में जाकर आतंकी मो. अदानी से मुलाकात की थी जिसका स्पष्टीकरण सरकार को देना चाहिए। केरल में हिन्दुओं की जागरूकता के लिए हिन्दू एक्या वेदी संगठन ने आगामी 30 सितम्बर से पूर्व करीब 10 लाख घरों में जाकर लोगों से राज्य में हिन्दुओं को लेकर उत्पन्न हुई चुनौतियों के विषय में संपर्क करने का संकल्प लिया है।
इसके अतिरिक्त केरल सरकार पूरी तरह से शिक्षा के क्षेत्र में आत्मसमर्पण कर चुकी है, जाति और धर्म के मामले में पूरी तरह से तुष्टीकरण की नीति अपनाई जा रही है। शिक्षा के क्षेत्र में चाहे बारहवीं कक्षा के स्कूलों का विस्तार हो या विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति का मामला हो, धन के बल पर शिक्षण संस्थाएं चलाने वाले ऐसे कुलपतियों की नियुक्ति करवा रहे हैं जिन पर उनका दबाव आसानी से बना रहे है।
केरल में मुस्लिम और ईसाइयों का बढ़ता वर्चस्व बहुसंख्यक हिन्दुआंे को हर क्षेत्र में पिछड़ा हुआ बना देगा। -प्रदीप कृष्णन
पानीपत की ईदगाह मस्जिद में गूंजे वंदेमातरम् के स्वर
पिछले दिनों पानीपत स्थित ईदगाह मस्जिद एक कार्यक्रम के दौरान भारत माता और वंदेमातरम् के जयकारों से गूंज उठी। कार्यक्रम का आयोजन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच और जम्मू-कश्मीर पीस फाउंडेशन के तत्वावधान में किया गया था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इन्द्रेश जी ने 'कुरान-ए-पाक' के शब्दों का अर्थ विस्तार से समझाते हुए कहा कि 'दूसरों के पंथ की इज्जत करो, नशा मुक्त समाज बनाओ और अच्छी शिक्षा पाकर ही भारत को विकसित व दंगामुक्त बनाने में सभी को योगदान देना चाहिए।' उन्होंने कुरान को कुदरत की नियामत बताते हुए उसमें वर्णित 27 वनस्पतियों का जिक्र किया और जन्नत की राह में 'रेहान' नामक जन्नती पौधे का उल्लेख किया जिसे हम तुलसी कहते हैं। मक्का तीर्थ में इन सभी पौधों का पार्क बनने की प्रक्रिया में हमें अपने घरों से शुरुआत करनी चाहिए। उन्होंने भू्रण हत्या को कलंक बताते हुए महिलाओं का सम्मान करने को कहा और साथ ही समाज में सौहार्द्र बिगाड़ने वाले तत्वों से सावधान करते हुए कहा कि यदि गाय की बलि मुसलमानों के लिए कुरान में सही होती तो उसकी शुरुआत सबसे पहले मक्का तीर्थ में कर दी गई होती, तभी तो कुरान में सूरा-ए-बकर नामक पूरा अध्याय लिखा गया है। अत: कुरान के विपरीत कार्य करने वाला व्यक्ति मुसलमान नहीं हो सकता है। उन्होंने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम मंे शहीद हुए 46000 सेनानियों में मौलवियों के योगदान की सराहना की। कार्यक्रम के शुरू में राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया और ग्रामीण क्षेत्र में स्थित मुसलमानों के बीच राष्ट्रीय गान संपन्न हुआ। इस पहले प्रयास को राष्ट्रीय तथा सामाजिक संदर्भों के रूप में सार्थक माना जा रहा है। इस अवसर पर बिहार के पूर्व मंत्री एबरार अहमद ने मुस्लिम समाज को जागृत करते हुए कहा कि हमें छद्म पंथनिरपेक्षता के नारे नहीं, बल्कि शिक्षा की बहुत आवश्यकता है। इसके लिए स्वयं को राष्ट्र की मुख्यधारा के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने की जरूरत है। मंच के राष्ट्रीय संयोजक गिरीश जी ने हिन्दुस्थान की आजादी के लिए बलिदान देने वाले मुस्लिम नायकों को याद करते हुए समाज से वायदा किया कि वे आधी रोटी खाएंगे और बच्चों को पढ़ाएंगे। -प्रतनिधि
सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे जारी
छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में अलग-अलग गांवों में बड़ी तेजी से मतांतरित ईसाई कार्यकत्ताओं द्वारा चर्च एवं कब्रिस्तान बनाकर अबाध गति से कब्जा किया जा रहा है। इसी संदर्भ में गांव जशपुर तहसील के गांव पोरतेंगा, जो कि जिला मुख्यालय से मात्र 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां ईसाई पंथ के नन व पादरी द्वारा एक असहाय भूमि स्वामी से सस्ती खेती योग्य भूमि को खरीदकर उसके आसपास शासकीय भूखण्ड को बलपूर्वक सीमेंट कंक्रीट से तैयार कर कब्जा कर लिया गया है। इन दिनों यह प्रकरण चर्चा का विषय बना हुआ है। ऐसे ही जशपुर जिले की ग्राम पंचायत में कहीं चर्च तो कहीं दरवाजे और कब्रिस्तान तैयार कर कब्जा जारी है। ऐसा ही मतांतरण ईसाइयों द्वारा सरकारी नजूल की भूमि पर कब्जा करने के क्रम में जारी है। इससे भविष्य में जशपुर में अनेक तरह की आर्थिक व दूसरी समस्याएं खड़ी हो सकती हैं। – प्रतनिधि
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