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आज दुनिया के तमाम देशों के डाक्टर ईबोला नाम सुनते ही चौकन्ने हो जाते हैं। यह वही खतरनाक वायरस है जो इतनी तेजी से असर करता है कि संभलने से पहले ही रोगी की मौत हो जाती है। अब तक 1500 लोग इसके शिकार हो चुके हैं और ये तादाद बढ़ती जा रही है। मोटा अंदाजा है कि इस पर काबू पाने में कामयाबी मिलने तक 20,000 लोग इसकी चपेट में आ चुके होंगे। यह वायरस इतनी तेजी से फैलता है कि उसे ही करीब 9 महीने के अंदर काबू करने में 3700 यूरो का खर्च आएगा। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन के कान खड़े होना स्वाभाविक था। उसने दुनिया के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। अभी तक सिर्फ चार देशों-नाइजीरिया, सीएरा लियोन, लाइबेरिया और गिनी-में 1552 लोग इस रोग के चलते सिधार चुके हैं। इस वायरस का सबसे ज्यादा खतरा 54 अफ्रीकी देशों में है। वहां की सरकारें फूंक फंूक कर कदम रख रही हैं।
भारत की राजधानी नई दिल्ली में 27 अगस्त को लाइबेरिया
से पहंुची उड़ान में एक संभावित रोगी के उतरने के बाद हवाई अड्डे पर गहमागहमी बढ़ गई, उसे खास लिबास ओढ़ाकर सबसे अलग करके ले जाया गया। फोटो खींचे जाने लगे। खतरा हो तो उससे सावधान रहना जरूरी भी है, इसी लिहाज से भारत सरकार भी खासी चौकन्नी है।
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