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सुन्नी आतंकवादियों के जुल्मों से परेशान होकर इराक से पलायन करने वाले ईसाइयों को फ्रांस ने शरण दी है। ये ईसाई मुख्य रूप से उत्तरी इराक के मोसुल शहर के हैं। फ्रांस सरकार ने यह भी कहा है कि इराक की अन्य जगहों पर फंसे ईसाई भी फ्रांस आ सकते हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों आई.एस.आई.एस. के आतंकवादियों ने अपने कब्जे वाले मोसुल शहर के ईसाइयों से कहा था कि वे या तो मुसलमान बन जाएं नहीं तो मोसुल छोड़ दें। इसके बाद लाखों ईसाइयों ने मोसुल छोड़ दिया था। ये लोग इराक के अन्य स्थानों पर शरणार्थी जीवन बीता रहे थे। अब ये लोग फ्रांस में रह रहे हैं। फ्रांस ने इन ईसाइयों को मानवीय आधार पर शरण दी है। कहा जा रहा है कि फ्रांस सरकार इराक में फंसे अन्य ईसाइयों की भी जानकारी इराक सरकार से ले रही है।
सीरिया में निकाह पंजीकरण केन्द्र
खबर है कि आतंकवादी संगठन आई.एस.आई.एस. ने सीरिया के अल बाब शहर में निकाह पंजीकरण केन्द्र खोला है। इसके साथ ही उसने कहा है कि निकाह लायक लड़कियां यहां आकर अपना नाम, पता लिखाएं। विधवाएं भी वहां अपना विवरण लिखा सकती हैं। बाद में इस आतंकी संगठन के गुर्गे लड़कियों और महिलाओं से सम्पर्क कर उनका निकाह आतंकवादियों से कराएंगे। इससे पहले यह खबर आई थी कि ये आतंकवादी सीरिया और इराक के अपने कब्जे वाले इलाकों से जबरन महिलाओं को उठाकर ले जा रहे हैं और उनका किसी आतंकवादी से निकाह भी करा रहे हैं। आतंकवादियों की इन हरकतों से वहां के लोगों में काफी दहशत है, खासकर शिया मुसलमानों में। इसके ठोस कारण भी हैं। इन आतंकवादियों ने अब तक हजारों शियाओं को मौत के घाट उतार दिया है और शिया महिलाओं को अपने कब्जे में कर रखा है। इन महिलाओं के साथ ये आतंकवादी सामूहिक बलात्कार करते हैं। उल्लेखनीय है कि सीरिया में जो आतंकवादी लड़ रहे हैं, उनकी औसत आयु 35 वर्ष है। ये आतंकवादी वर्षों से अपने-अपने घरों से बाहर हैं। अपने इन लड़ाकों के लिए यह आतंकवादी संगठन बराबर लड़कियों और महिलाओं का अपहरण करता रहा है। कहा जा रहा है कि आई.एस.आई.एस. के कब्जे में इस समय सैकड़ों लड़कियां और महिलाएं हैं।
आई.एस.आई.एस. का बढ़ता मकड़जाल
आतंकवादी संगठन आई.एस.आई.एस. का संजाल दुनियाभर में फैलता जा रहा है। इसमें भारत भी शामिल है। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने इस खबर की पुष्टि कर दी है कि महाराष्ट्र और तमिलनाडु के कई भटके हुए मुसलमान युवक सीरिया और इराक में आई.एस.आई.एस. के आतंकवादी बन कर जिहाद कर रहे हैं। चीन, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया जैसे देशों के मुसलमान भी सीरिया में जिहाद कर रहे हैं। हाल ही में पता चला है कि चीन के सिक्यिांग प्रान्त के अनेक मुसलमान युवक सीरिया और इराक में जिहाद करते हुए मारे गए हैं। जबकि बंगलादेश, पाकिस्तान, नाइजीरिया, बहरीन, सऊदी अरब, अफगानिस्तान, मलेशिया जैसे मुसलमान देशों के युवक तो काफी पहले से दुनिया के कई हिस्सों में जिहाद कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ की एक रपट के अनुसार अब तक सीरिया में 93,000 से भी अधिक लोग मारे गए हैं।
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