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दिल्ली में हुए बम धमाकों के बाद मामले की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने दो संदिग्धों को कनॉट प्लेस इलाके से, जबकि अन्य को बटला हाउस इलाके से गिरफ्तार किया था। बटला हाउस में हुई मुठभेड़ के दौरान दिल्ली पुलिस के जांबाज इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा दो आतंकवादियों को ढेर करने के दौरान शहीद हो गए थे। इसके बाद स्पेशल सेल ने मुंबई और यूपी पुलिस के सहयोग से आईएम के पांच आतंकियों को गिरफ्तार किया था जिनमें सादिक शेख, अफजल उस्मानी, आरिफ शेख, मो. जाकिर शेख और मो. अंसार शेख शामिल थे। इनमें से अंसार और सादिक मुंबई की सॉफ्टवेयर कंपनी में इंजीनियर थे। गिरफ्तार हुए आतंकियों से हुई पूछताछ के बाद पता चला कि देशभर में आईएम अपना पूरा नेटवर्क बिछा चुका है। इस दौरान यह भी खुलासा हुआ था कि आईएम ने ऑपरेशन 'बीएडी' के नाम से धमाकों को अंजाम दिया है यानी 'बेंगलुरू-अमदाबाद-दिल्ली' में धमाके एक ही ऑपरेशन के तहत किए गए थे। तमाम खुफिया एजेंसियां और दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल लगातार आतंकियों के पीछे लगी थीं। आईएम के आतंकी मेजर शदाब बेग, डा. शाहनवाज और इकबाल नेपाल में छिपते रहे। नेपाल के रास्ते ये लोग दुबई भागने में कामयाब रहे और आईएसआई के संपर्क में आ गए। पाकिस्तान में बैठा मोसिन चौधरी आईएम को अपडेट करता रहता था।
वर्ष 2011-2012 में आईएम ने यासीन भटकल, कतील सिद्दिकी और गोहर के नेतृत्व में काम करना शुरू कर दिया। इसी संगठन ने बिहार के बोधगया में धमाका किया था। मार्च 2013 में जांच एजेंसियों को बड़ी कामयाबी मिली-आईएम के भारत के सरगना यासीन भटकल को पकड़ लिया गया।
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