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अमरीका में इन दिनों भारत विरोधी तत्व एक बार फिर से सक्रिय हो गए हैं। इन लोगों ने अमरीकी सरकार से मांग की है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अमरीका न बुलाया जाए। ये लोग हैं तो मुट्ठी भर, लेकिन भारतीय मूल के हैं। एक ओर करीब 100 अमरीकी सांसद कह रहे हैं कि सितम्बर में जब नरेन्द्र मोदी अमरीका आएं तो उन्हें अमरीकी कांग्रेस को सम्बोधित करना चाहिए। वहीं दूसरी ओर कुछ भारतीय ही ऐसे हैं, जो नरेन्द्र मोदी की अमरीका यात्रा का विरोध कर रहे हैं। दरअसल, ये लोग भारत के उन सेकुलरों के अमरीकी प्रतिनिधि हैं, जो संघ विचार परिवार का विरोध करने में ही अपना समय और दिमाग खर्च करते हैं। उल्लेखनीय है कि इन्हीं लोगों ने अमरीका सहित अन्य देशों में कुछ वर्ष पहले इंडिया डवलपमेन्ट रिलीफ फंड (आई.डी.आर.एफ.) का विरोध किया था। उस समय इन लोगों ने अफवाह फैलाई थी कि आई.डी.आर.एफ. के जरिए भारत गए पैसे से वहां के अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा दिया जा रहा है। जबकि उस पैसे से संघ विचार परिवार से जुड़े लोग भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा के प्रकल्प चलाते थे। अमरीका में भारत विरोधियों का नेतृत्व बर्कले विश्वविद्यालय की प्रोफेसर अंजना चटर्जी और कुछ अन्य लोग करते हैं। इन्हीं लोगों ने मई में चुनाव परिणाम आने से पहले अमरीका में एक कार्यक्रम किया था और उसमें कहा गया था कि यदि भारत में भाजपा की सरकार आई तो अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ सकते हैं।
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