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डॉ.ल्फिन व्हेल मछली की तरह एक ऐसा स्तनधारी प्राणी है जो पानी में रहता है। आज डॉल्फिन का अस्तित्व खतरे में है। नदियों में बढ़ते प्रदूषण और इनके अवैध शिकार के चलते डॉल्फिनों की संख्या दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है। हमारे देश में डॉल्फिन गंगा में पाई जाती है, इसे गंगा की गाय भी कहा जाता है। डॉल्फिन बेहद समझदार होती है, यह पर्यावरण के प्रति भी बेहद संवेदनशील होती है। जब यह समूह में आकर पानी में तैरते हुए छलांग लगाकर तैरती है तो वह दृश्य बड़ा ही मोहक होता है। गंगा में तैरती हुई डॉल्फिन के समूह दिखाई देना पहले आम बात थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। गंगा में डॉल्फिनों की संख्या काफी कम रह गई है।
डॉल्फिन की चर्बी से तैयार होने वाला तेल बेहद कीमती होता है और इसी लालच में शिकारी डॉल्फिन का शिकार करते हैं। अवैध शिकार की वजह से भारत में इन डॉल्फिनों की संख्या सिर्फ 2000 रह गई है। देश में डॉल्फिन का अस्तित्व खतरे में माना जा रहा है । बनारस में गंगा के घाटों पर भी पहले कभी-कभी डॉल्फिन दिख जाती थी लेकिन अब डॉल्फिन बनारस में गंगा के घाटों पर नहीं दिखाई देती। डॉल्फिन का अस्तित्व संकट में देख कर भारत सरकार ने वर्ष 2010 में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत डॉल्फिन को राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया था। डॉल्फिन की आबादी या उनकी संख्या देखकर नदी की सेहत या उसके जल की शुद्धता का अनुमान लगाया जा सकता है। डॉल्फिन की एक बड़ी खासियत यह है कि यह कंपन वाली आवाज निकालती है जो किसी भी चीज से टकराकर वापस डॉल्फिन के पास आ जाती है। इससे डॉल्फिन को अंदाजा हो जाता है कि शिकार कितने करीब है। डॉल्फिन एक दूसरे से आवाज और सीटियों के माध्यम से बात करती हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार डॉल्फिन बीस वर्ष के बाद भी ध्वनि तरंग को याद रखने में समर्थ होती है। कोई डॉल्फिन साथी बिछड़ जाये तो वर्षों बाद भी वह ध्वनि तरंगों से उसे पहचान लेती है। डॉल्फिन 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तैर सकती है। डॉल्फिन 10-15 मिनट तक पानी के अंदर रह सकती है, हालांकि व्हेल की तरह सांस लेने के लिए उसे सतह पर आना पड़ता है। डॉल्फिन को अकेले रहना पसंद नहीं होता है। यह एक समाजिक प्राणी है। डॉल्फिन के एक समूह में 10 से 12 सदस्य होते हैं। हम सभी को नदियों को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए प्रयास करना चाहिए ताकि आने वाले समय में यह जीव विलुप्त हो जाए। प्रतिनिधि
1. एक उपकरण ऐसा होता-पड़ता जिसमें पारा, इससे ताप देह का पल में जाना जाता सारा।
2. कहो कौन वह पहलवान है जो खाई पर खड़ा, हाथ पैर को छोड़ हमेशा मूंछो से ही लड़ा।
3. मां तो एक सभी की केवल किंतु बेटियां सात, मधुर रागिनी गाए लेटी मस्ती में दिन रात।
4. एक महल में चोर अनेकों सबका मुखड़ा काला, पूंछ पकड़कर घिस डाला तो झटपट हुआ उजाला।
5. बांध दिया पहले रस्सी से फिर भू पर दे मारा, घूम-घूम कर नाच दिखाता हंसता यह जग सारा।
6. सबका समय बचाया करती सबको समय बताती, बने हाथ की शोभा यह तो घर में भी मुस्काती।
(घमंडीलाल अग्रवाल)
उत्तर- 1-तापमापी, 2-पेन, 3- बांसुरी,
4- दियासलाई, 5-लट्टू, 6-घड़ी
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