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पाकिस्तान में कठमुल्लापन इतना बढ़ गया है कि मात्र एक अफवाह को लेकर मिनटों में उन्मादियों की भीड़ कभी भी और कहीं भी इकट्ठी हो जाती है और गैर-मुस्लिमों एवं उनके उपासना स्थलों पर टूट पड़ती है। होली से एक दिन पहले सिंध प्रान्त के लरकाना शहर में उन्मादियों की एक भीड़ ने एक मन्दिर और धर्मशाला को आग के हवाले कर दिया। इस कारण पूरे पाकिस्तान के हिन्दू कई दिनों तक भयभीत होकर अपने घरों में दुबके रहे। वे लोग इस बार होली भी नहीं मना पाए। (वैसे तो पाकिस्तान में हिन्दू अपना कोई भी पर्व खुलेआम नहीं मना सकते हैं। हिन्दू घर के अन्दर ही कोई त्योहार मनाते हैं,लेकिन इस होली में पाकिस्तानी हिन्दू ऐसा भी नहीं कर पाए।) घटना के सम्बंध में कहा जा रहा है कि किसी ने यह अफवाह फैला दी कि एक हिन्दू ने कुरान के कुछ पन्नों को जला दिया है। यह अफवाह चंद मिनटों में पूरे शहर में फैल गई और हकीकत जाने बिना उन्मादियों की भीड़ सड़कों पर उतर आई। इसी भीड़ ने पहले मन्दिर और धर्मशाला में तोड़फोड़ की और बाद में आग लगा दी। यह भीड़ उस आरोपी हिन्दू को भीड़ को सौंपने की मांग को लेकर भी घंटों जमी रही। पुलिस की सक्रियता से उस आरोपी हिन्दू की जान तो बच गई,पर उसके विरुद्ध ईश निन्दा कानून के तहत मुकदमा दायर हो गया है। आज तक ईश निन्दा कानून के फंदे में जो भी आया है उसका बचना मुश्किल ही रहा है। इस कानून के तहत मासूम बच्चों को भी सजा दी गई है। ऐसा लगता है कि यह कानून गैर-हिन्दुओं को आतंकित और प्रताडि़त करने के लिए ही बनाया गया है। ल्ल
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