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गत दिनों असम के तेजपुर में त्रिदिवसीय नव भारत युवा शक्ति संगम आयोजित हुआ। इसका आयोजन स्वामी विवेकानन्द की सार्द्धशती के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थानीय इकाई ने किया था। शिविर में असम,नागालैण्ड और मेघालय के तीन हजार से भी अधिक युवाओं ने भाग लिया। शिविर के समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने दो तरह के उपदेश दिए हैं-एक,पूरे विश्व के लिए और दूसरा,हम भारतीयों के लिए। उन्होंने कहा कि स्वामी जी ने शेष विश्व के लोगों के लिए कहा था कि अशान्ति से बचने के लिए अहंकार का त्याग करो और अध्यात्म की ओर बढ़ो। और भारतीयों के लिए उन्होंने कहा था कि अपने गौरवमय इतिहास का स्मरण कर अध्यात्म के जरिए चरित्रवान बनो और देश के लिए कार्य करो। श्री भागवत ने उपस्थित युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि वे निर्भीकता के साथ अपने महापुरुषों द्वारा बताए गए रास्ते का अनुकरण करें और आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि विविधता में एकता ही हिन्दू संस्कृति है और इस आधार पर भारत एक हिन्दू राष्ट्र है।
समारोह को सम्बोधित करते हुए शिक्षाविद् डॉ. अमरज्योति चौधरी ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी के विचारों को पूरे विश्व ने स्वीकार किया है। हमें गर्व है कि ऐसे महापुरुष का जन्म भारत में हुआ था। इस अवसर पर अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे। प्रतिनिधि
जयपुर में विशिष्ट पूर्व छात्र सम्मेलन
ह्यभारत की वर्तमान शिक्षा पद्घति आज चिन्ताजनक स्थिति में है, अंग्रेजी हिन्दी पर भारी होती जा रही है।ह्ण यह कहना था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत का। श्री भागवत 31 जनवरी को जयपुर में विद्या भारती, राजस्थान द्वारा आयोजित विशिष्ट पूर्व छात्र सम्मेलन में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। श्री भागवत ने कहा कि पहले बच्चों को विद्यालय एवं परिवार में संस्कार दिए जाते थे,पर अब दोनों स्थानों पर संस्कार देने का अभाव पाया जा रहा है। आज के माता-पिता भी बच्चों का भविष्य केवल आर्थिक दृष्टि से ही बनाने में लगे हंै, उनका संस्कारों पर ध्यान नहीं है। इसके परिणाम हमें अपराध के विभिन्न रूपों में देखने को मिल रहे हंै। वहीं इसके विपरीत विद्या भारती आज भी संस्कारपूर्ण शिक्षा प्रदान करने का कार्य कर रही है। उन्हांेने कहा कि संचार और देशाटन के लिए अन्य भाषा का ज्ञान आवश्यक है, किन्तु मातृभाषा का स्वाभिमान भी आवश्यक है। सम्मेलन को जगद्गुरु पीठाधीश्वर श्री श्रीजी महाराज, डॉ़ राघवाचार्य जी वेदान्ती ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पंजाब पुलिस के पूर्व महानिदेशक व विद्या भारती के पूर्व विद्यार्थी श्री अनिल कौशिक ने की। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि विद्या भारती के संगठन मंत्री श्री प्रकाशचन्द थे। सम्मेलन में अनेक पूर्व छात्रों का सम्मान भी किया गया। प्रतिनिधि
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