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-सुरेंद्र सिंघल
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और दिल्ली में भाजपा को मिली भारी सफलता ने मुस्लिम हितों से सरोकार रखने वाले देवबंदी मुस्लिम उलेमाओं की उलझन बढ़ा दी है। उलेमा इस सफलता का श्रेय भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेंद्र मोदी को देते हैं। वे अब 80 सीटों वाले उत्तर प्रदेश की राजनीति पर पड़ने वाले इसके प्रभाव का आंकलन करने में लगे हैं। बदले राजनीतिक हालात के चलते लोकसभा चुनाव में मुस्लिम अपनी रणनीति बदल सकते हैं।
दारूल उलूम वक्फ के विद्वान एवं लेखक 75 वर्षीय मौलाना अब्दुल्ला जावेद कहते हैं कि नरेंद्र मोदी ने भाजपा को फिर से खड़ा कर दिया है। वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तरह खुद की उदार छवि भी तेजी के साथ पेश करते दिख रहे हैं। भाजपा नेतृत्व ने नरेंद्र मोदी का जिस रणनीति के तहत इस्तेमाल किया वह अचूक साबित हुई। उससे समीक्षक लोकसभा चुनाव 2014 के सम्भावित नतीजों का सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं। उनका कहना है कि राज्यों में भाजपा का मुकाबला क्षेत्रीय दलों से होगा। यूपी में सपा का जनाधार और लोकप्रियता दोनों गिर रही है। मुजफ्फरनगर हिंसा के बाद मुसलमानों का भरोसा सपा नेतृत्व से टूटा है। ऐसे में मुस्लिम बसपा के साथ जा सकते हैं। मायावती किस तरह से अपनी चालें चलती हैं उस पर भी उनकी सफलता तय होगी।
भाजपा से संवाद बनाने के प्रबल हिमायती उत्तर प्रदेश मुस्लिम मजलिस के प्रांतीय उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता और प्रमुख उर्दू लेखक बदर काजमी कहते हैं कि लोग बदलाव चाहते हैं। इसलिए कांग्रेस का जाना तय है। ऐसे में लोगों के सामने राष्ट्रीय स्तर पर विकल्प के रूप में अकेली भाजपा होगी। क्षेत्रीय दलों के साथ उसके रिश्तों से सरकार का स्वरूप सामने आएगा। वह कहते हैं कि उ.प्र. में मुस्लिमों का रूझान कांग्रेस और सपा के बजाए नए विकल्प की ओर रहेगा।
मौजूदा दौर में देवबंदी मुस्लिमों की दो धाराएं काम कर रही हैं। दारूल उलूम के हदीस के वरिष्ठ उस्ताद एवं जमीयत उलेमा हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी धड़े को कट्टर मोदी विरोधी माना जाता है। अरशद मदनी के विरोध के चलते गुजरात के मौलाना गुलाम मोहम्मद वस्तानवी को दारूल उलूम के मोहतमिम का पद गंवाना पड़ा था। मौलाना अरशद मदनी कंाग्रेसी विचार धारा के हैं।
दूसरी ओर मौलाना महमूद मदनी का नरमपंथी और समन्वयवादी व्यक्तित्व एवं नेतृत्व है। वह राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं। सियासी अनुभव होने के कारण उनकी राजनीतिक सोच परिपक्व एवं व्यावहारिक मानी जाती है।
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