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श्रीनगर में गोपाद्रि पहाड़ी है। धर्म ग्रन्थों के अनुसार कश्मीर की यात्रा के समय आद्य शंकराचार्य ने इस पहाड़ी पर कुछ दिनों तक साधना की थी। उसके बाद इस पहाड़ी पर एक बहुत ही विशाल मन्दिर बनाया गया और इस पहाड़ी का नाम शंकराचार्य पहाड़ी रखा गया। सरकारी दस्तावेजों में भी इस पहाड़ी का नाम सैकड़ों वषोंर् से शंकराचार्य पहाड़ी ही है। पर अब इस पहाड़ी को सुलेमान टॉप बुलाया जाने लगा है। इस मन्दिर का इतिहास लगभग डेढ़ हजार साल पुराना है। कुछ वर्ष पहले इस मन्दिर में स्थापित शिवलिंग को जिहादियों ने तोड़ दिया था। इस मन्दिर की वास्तुकला इतनी अच्छी है कि श्रद्घालु इसे देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। इस पहाड़ी और मन्दिर की देखरेख की जिम्मेदारी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ए.एस.आई) के पास है। पर दुर्भाग्य से ए एस आई ने ही इस पहाड़ी का नाम बदलने का बोर्ड वहां लगा दिया है। ए एस आई की श्रीनगर इकाई द्वारा लगाए गए बोर्ड पर साफ-साफ लिखा हुआ है-सुलेमान टॉप। उल्लेखनीय है कि ए एस आई केन्द्र सरकार के अधीन काम करता है। इसका अर्थ तो यही है कि शंकराचार्य पहाड़ी का नाम सुलेमान टॉप रखने में भारत सरकार की भी सहमति है।
श्रीनगर में ही हरि पर्वत है। अब इस पर्वत का भी नाम बदलकर 'कोह महरान' किया गया है। इस पर्वत के पास अकबर ने एक किला बनवाया था। यह किला भी ए.एस.आई. के अधीन है। नियमानुसार स्थानीय प्रशासन इस किले के किसी भी भाग में तोड़फोड़ नहीं कर सकता है। पर सारे नियम-कानून को तोड़कर इस किले के मुख्य दरवाजे को तोड़ दिया गया है और उस पर एक बोर्ड लगाया गया है जिस पर लिखा गया है 'मीरवाइज का गेट'।
कश्मीर घाटी में ही अनन्तनाग के नाम से एक जिला है। वहां के लोग अब अनन्त नाग को इस्लामाबाद कहने लगे हैं। वे लोग अपनी दुकानों के ऊपर भी इस्लामाबाद लिखने लगे हैं। अनन्तनाग के लोगों ने कई बार इस बात को लेकर आन्दोलन भी किया है कि सरकार अनन्तनाग का नाम बदलकर इस्लामाबाद रख दे। इसकी पूरी संभावना भी है। अनन्तनाग जिले में एक प्रसिद्घ तीर्थ स्थान है उमानगरी। इसका भी नाम बदलकर शेखपुरा कर दिया गया है।
जम्मू-कश्मीर सरकार को राज्य की राजधानी का नाम श्रीनगर भी हजम नहीं हो रहा है। सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार श्रीनगर का नाम 'शहर ए खास' रखने पर कई बार विचार कर चुकी है। लोग यह भी कहने लगे हैं कि आगामी विधान सभा चुनाव से पहले शायद श्रीनगर का नाम बदल दिया जाएगा। श्रीनगर की कई कालोनियों और चौराहों के नाम बदल भी दिए गए हैं। श्रीनगर की जामा मस्जिद जिस चौराहे पर है उस चौराहे का नाम मदीना चौक कर दिया गया है। पहले इस चौक को कुछ और कहा जाता था।
एक कश्मीरी विस्थापित हिन्दू, जिनका जन्म श्रीनगर में हुआ है, ने पाञ्चजन्य को बताया कि कश्मीर घाटी में नदियों के नाम भी बदले जा रहे हैं। किशन गंगा नदी को दरिया ए नीलम कहा जाने लगा है। बहुत से लोगों का कहना है कि कश्मीर घाटी में जो लोग सनातन धर्म की पहचान को खत्म करने में लगे हैं उन्हें दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम देश इंडोनेशिया से कुछ सीखना चाहिए। मुस्लिम देश इंडोनेशिया अपनी प्राचीन संस्कृति को सुरक्षित रखने में सबसे आगे है। इंडोनेशिया ने अपनी एयरलाइंस का नाम 'गरुड़ा इन्टरनेशनल' रखा है। इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता के हवाई अड्डे के बाहर रथ पर सवार अर्जुन और श्रीकृष्ण का चित्र लगा हुआ है। जब विश्व के सबसे बड़े मुस्लिम देश में ऐसा हो सकता है तो फिर कश्मीर घाटी में यह नफरती हवा क्यों चल रही है?
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