आस्ट्रेलिया में विश्वविद्यालय युवा शिविर
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गत दिनों आस्ट्रेलिया में 3 दिन का विश्वविद्यालय युवा शिविर सम्पन्न हुआ। इसका आयोजन हिन्दू स्वयंसेवक संघ की प्रेरणा से चल रहे नेशनल हिन्दू स्टूडेन्ट्स फोरम, आस्ट्रेलिया ने किया था। शिविर में 4 अलग अलग विश्वविद्यालयों-न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय, सिडनी तकनीकी विश्वविद्यालय,मैक्वायर विश्वविद्यालय और पश्चिम सिडनी विश्वविद्यालय-के 20 युवाओं ने भाग लिया। तीन दिन के सत्रों में हिन्दू दृष्टिकोण से जुड़े कई विषयों पर चर्चा हुई और युवाओं को अपनी पढ़ाई-लिखाई को पर्याप्त समय देते हुए समाज कार्य और सामाजिक सरोकारों के लिए कुछ वक्त निकालने के लिए कहा गया। शिविरार्थियों को वक्त का सदुपयोग, कार्यों की प्राथमिकताएं, योग के जरिए तनाव दूर करने, नियमाधारित जीवन जीने, हिन्दू संस्कृति के सकारात्मक पहलुओं आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
शिविर की सुबह से शाम तक की दिनचर्या में युवा ऐसे रमे कि तीन दिन भी कम मालूम देने लगे। साथ साथ नाश्ता करने, खाना खाने और खेलकूद में दौड़-भाग के बीच आपस में खूब घुलना-मिलना हुआ। सबके साथ योग करने का सबको अच्छा अनुभव हुआ। शाम को हल्के-फुल्के रंगारंग कार्यक्रमों ने आपस में संबंधों को और मजबूती दी।
अमरीका के रक्षा मंत्री चक हेजल की यह बात सहज ही गले नहीं उतरती कि अमरीका अपनी सेना की छंटनी करने जा रहा है। हेजल ने हालांकि अपने बयान में 'सकता है' शब्द प्रयोग किए हैं, लेकिन क्या अमरीका मौजूदा भूराजनीतिक माहौल को देखते हुए ऐसा करना गवारा कर सकता है, खासकर तब जब एशिया से चीन उसको घुड़काता रहता है और अपनी फौज में दिन दूनी-रात चौगुनी बढ़ोत्तरी कर रहा है?
हेजल ने वह बयान पेंटागन में एक अध्ययन के नतीजों की जानकारी देते हुए 31 जुलाई को दिया था। उनकी मानें तो, अध्ययन के मुताबिक अमरीका के खास अभियानों को 420,000 से 450,000 सक्रिय फौजियों के सहारे संभाला जा सकता है, जबकि अभी इसके लिए 490,000 फौजी लगे हुए हैं। तब हेजल का रास्ता क्या है? हेजल का रास्ता है फौजियों की तादाद में 15 फीसदी छंटनी। उनका कहना है कि इससे 150 अरब डालर की बचत हो जाएगी। यह बचत अमरीकी बजट के खस्ताहाल होने के चलते बड़े काम आएगी। लेकिन हेजल के इस 'सुझाव' को अमली जामा पहना दिया जाएगा, इसको लेकर देश-विदेश के रक्षा विशेषज्ञ संशय में हैं।
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