संत गोपालदास को हुड्डा ने फिर दिया धोखा
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हरियाणा सरकार ने एक बार फिर संत गोपालदास के गोचरान भूमि मुक्ति आंदोलन को चालाकी से खत्म करने का रास्ता अपनाया। मंगलवार (16 जुलाई) को सरकार के प्रतिनिधि एवं हरियाणा गोसेवा आयोग के अध्यक्ष के.एल. शर्मा ने संत गोपालदास से मिलकर उनकी मांग माने का जो आश्वासन दिया था, 18 जुलाई को उसकी विधिवत घोषणा एवं लिखित में देने की बात कही थी, उस पर फिर सरकार पीछे हट गई। संत गोपालदास के आंदोलन में साथ-साथ चल रहे सुरेश कुमार ने पाञ्चजन्य को बताया कि सरकार उन्हें इस प्रकार गुमराह करके पहले भी चार बार धोखा दे चुकी है, जिससे प्रदेश के हजारों गोभक्तों में रोष पनप रहा है और हुड्डा सरकार की नीयत पर सवाल उठने लगे है। उन्होंने बताया वायदे के मुताबिक संत गोपाल दास को सोनीपत में उनके सहयोगी रविंद्र जन्धेड़ी से मुलाकात कराने और आगे निर्णय लेने की बात हुई थी, लेकिन सरकार का कोई प्रतिनिधि नहीं आया बल्कि उपजिलाधिकारी स्तर के एक अधिकारी ने उन्हे जबरन गाड़ी में बिठाया और सोनीपत न ले जाकर पी.जी.आई. (रोहतक) में दाखिल करा दिया। उन्होंने कहा कि संत गोपाल दास अपने संकल्प पर अडिग हैं, जब तक उन्हें पूर्ण विश्वास नहीं होगा, वे अनशन जारी रखेंगे। उल्लेखनीय है कि संत गोपाल दास हरियाणा में पिछले 67 दिनों से गोचरान भूमि खाली कराने और गोचर विकास बोर्ड के गठन को लेकर गोहाना में आमरण अनशन कर रहे हैं। डॉ. गणेश दत्त वत्स
भारतीय रिजर्व बैंक ने देश के 22 प्रमुख बैंकों पर 49.5 करोड़ का जुर्माना लगाया है। इनमें भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक आदि नामी बैंक शामिल हैं। रिजर्व बैंक ने इन बैंकों को ग्राहक की पहचान मानकों के उल्लंघन और मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त रहने का दोषी पाया है। बैंकों पर यह कार्रवाई करीब दो माह पूर्व एक वेबसाइट द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन के बाद की गई जांच के बाद हुई है। सभी बैंकों पर 50 लाख रुपये से तीन करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया है।
करीब दो माह पूर्व एक वेबसाइट ने बैंकों पर जो आरोप लगाए थे, उसकी जांच के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने सरकारी व निजी क्षेत्र के 22 बैंकों पर जुर्माना लगाया है। सबसे अधिक तीन-तीन करोड़ रुपए का जुर्माना भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया जैसे सरकारी बैंकों पर लगाया गया है। निजी क्षेत्र के रत्नाकर बैंक, यस बैंक, लक्ष्मी विलास बैंक, आइएनजी वैस्या, धनलक्ष्मी बैंक पर 50-50 लाख का जुर्माना लगाया गया है। स्टैंडर्ड चार्टर्ड, सिटी बैंक सहित सात बैंकों को सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया गया है। रिजर्व बैंक की ओर से कहा गया है कि इन बैंकों पर छह तरह के आरोप साबित हुए हैं। लेकिन मनी लांडिंग (गैरकानूनी तरीके से धन का लेनदेन) का आरोप साबित नहीं हुआ है।
निजी क्षेत्र के बैंकों पर पहले भी लगा था जुर्माना चार महीने पहले भी कोबरापोस्ट ने आइसीआइसीआइ, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस को निशाना बनाया था। आरबीआइ ने इन पर 10.5 करोड़ का जुर्माना लगाया था।
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