मुन्ना के साथ 11 को मिली मोहलत
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पता नहीं क्यों, एक प्रश्न मन में कौंध रहा है। अगर विस्फोट करने से पहले ये दोषी लोग निर्दोष लोगों को थोड़ा वक्त दे देते तो न जाने कितने निर्दोष मरने से बच जाते। वे भी तो अपने घर–परिवार की जिम्मेदारी पूरी करने निकले थे और इन लोगों के षड्यंत्र का शिकार हो गए। उन्हें अपना घर–परिवार संभालने के लिए एक क्षण को भी मोहलत नहीं मिली तो इन्हें क्यों?
सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय सर्वोपरि है, उसकी निंदा नहीं की जा सकती। हां, न्याय प्रक्रिया के अन्तर्गत उसे चुनौती दी जा सकती है, और जन-मंच पर उसकी समीक्षा होती है। 1993 के मुम्बई बम कांड में 5 साल की सजा पाए संजय दत्त को 18 अप्रैल तक आत्मसमर्पण करना था, ताकि वे जेल जाकर अपनी बाकी बची साढ़े तीन साल की सजा पूरी कर सकें। पर एक तरफ कुछ लोग माफी-माफी की मुहिम चला रहे थे तो दूसरी तरफ संजय दत्त ने समर्पण के लिए सर्वोच्च न्यायालय में रहम की गुहार लगाई। शर्मनाक यह है कि 1993 में गैरकानूनी हथियार खरीदने, रखने और गैरकानूनी हथियारों की आवाजाही की खबर रखने वाले, 178 निरपराध लोगों के मारे जाने और 298 के घायल होने के अमानवीय कृत्य में जाने-अनजाने में शामिल दत्त ने 'मानवीयता' के आधार पर रहम मांगी, और उन्हें आंशिक रहम मिल भी गई। इस चेतावनी के साथ कि चार हफ्ते बाद अदालत उन पर और कोई रहम नहीं दिखाएगी, उन्हें जेल जाना ही होगा।
17 अप्रैल को संजय दत्त को आत्मसमर्पण करने के लिए 4 हफ्ते की मोहलत मिली तो उसी आधार पर 18 अप्रैल को संजय दत्त के साथी यूसुफ नलवाला, इस्सा मेमन और आफताब अली को भी 4-4 हफ्ते की मोहलत मिल गयी है। आफताब अली की पत्नी गर्भवती है, इस्सा मेनन को ब्रेन ट्यूमर का इलाज कराना है और यूसुफ नलवाला की पुनर्विचार याचिका लंबित है-इस आधार पर मोहलत मिली है। पर संजय को क्यों, इसलिए कि उनके वकील हरीश साल्वे ने सर्वोच्च न्यायालय की खंडपीठ से कहा 'मानवीय आधार पर, उनके मुवक्किल पर फिल्म इंडस्ट्री का 278 करोड़ रुपया लगा है, कई फिल्में अटकी पड़ी हैं, 6 महीने का समय मिले तो…।'…तो क्या होता, संजू देश को कुछ अच्छी मनोरंजक फिल्में देकर जेल जाते, लोगों का 'टाइम पास' हो जाता। वे ऐसे ही जेल चले जाते तो देशवासी मनोरंजन से वंचित रह जाते। और न्यायालय इस आधार पर रहम क्यों करे कि उन पर फिल्मी व्यवसायियों का पैसा लगा है। सजा तो संजू को 2007 में ही हो गई थी, क्यों लगाया उस पर पैसा? क्यों बनाया उसे अपनी 'फिल्म का हीरो?' संजय दत्त और कुछ और को मोहलत मिली तो जैबुन्निसा की बेटी ने भी अपनी मां के खस्ताहाल होने का रोना रोया। सर्वोच्च न्यायालय ने उनकी और अन्य 7 की फरियाद पर सबको 4-4 हफ्ते का समय दे दिया है।
'संजय दत्त के कारण करोडों के प्रोजक्ट फंसे हुए हैं इसके लिए उनको मोहलत दी गई है। सवाल यह उठता है कि अगर कोई अपने परिवार का इकलौता कमाने वाला हो और वह ऐसे संगीन अपराध करे तो क्या वह न्यायालय में अपने परिवार को पालने का हवाला देकर ऐसी गुहार लगाता रहे तो क्या उसे भी पैसे कमाने के लिए मोहलत दी जाएगी?'
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