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नवंबर, 2012 में हमने जैविक खेती से तैयार सब्जियों को सिलिगुड़ी में 'प्रयास' नामक केन्द्र के माध्यम से बेचना शुरू किया। जैसे-जैसे लोगों को केन्द्र के बारे में पता चला यहां आने वाले लोगों की संख्या बढ़ती गई। आज इस केन्द्र पर पूरे दिन खरीददारों की कतार लगी रहती है। नक्सलबाड़ी क्षेत्र के किसानों द्वारा जैविक खाद से तैयार सब्जियों को खरीदकर हम इस केन्द्र पर बेचते हैं। किसानों को जैविक खेती के लिए हमने ही प्रोत्साहित किया था।
बाजार में आमतौर पर रासायनिक खाद से तैयार सब्जियां सस्ती मिलती हैं। लेकिन विभिन्न सर्वेक्षणों में रासायनिक खाद से तैयार सब्जियों के सेहत पर पड़ने वाले दुष्परिणाम सामने आने के बाद लोग जैविक खाद से तैयार सब्जियां महंगी होने के बावजूद भी खरीद रहे हैं। लेकिन अभी भी लोगों को जैविक खेती से उपजने वाली सब्जियों एवं अन्य फसलों के बारे में जागरूक करने की जरूरत है। केन्द्र पर हम जैविक खेती से तैयार सब्जियों को बेचने के अलावा पारम्परिक फूल और हस्तशिल्प की वस्तुएं भी बेचते हैं।
सब्जियां खराब होने के डर से हम यहां ज्यादा सब्जियां नहीं रख पाते, अगर सब्जियों को ठंडक में रखने की व्यवस्था हो जाए तो जैविक खाद से तैयार सब्जियों की बिक्री और बढ़ सकती है। सिलिगुड़ी की आबादी 6 लाख से अधिक है, लेकिन सीमित साधनों की वजह से अभी हम उतनी तरकारी नहीं रख पा रहे हैं जितनी रखना चाहते हैं। 'प्रयास' के माध्यम से जैविक खेती को बढ़ावा देने का हमारा यह छोटा सा प्रयास है। इस तरह के प्रयास यदि हर जगह हों तो हानिकारक रासायनिक खाद से सेहत पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव से लोग बच सकते हैं। उनके साथ समूह में देविका, मोना, पुष्पा, शिखा, ज्योत्सना और मणिका हैं, जोकि केन्द्र के संचालन से जुड़ी हुई हैं। प्रस्तुति: बासुदेब पाल
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