सेवा को सम्मान
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हम समाज से जितना प्राप्त करते हैं उससे अधिक देने की लालसा रखें। निर्धन एवं जरूरतमंदों के बीच ऐसे लोगों की संख्या बढ़े जो सेवा कार्य कर सकें।
-दत्तात्रेय होसबले
जब हम सभी वस्तुओं का उपभोग करते हैं तो सेवा कार्य को कैसे छोड़ सकते हैं। हम अपने जीवन को सेवा का आधार बनाएं।
-स्वामी कैलाशानन्द
कोई काम मुश्किल नहीं है, कठिन अवश्य है। नर सेवा नारायण सेवा का भाव मन में हो तो असम्भव को सम्भव बनाया जा सकता है।
-लामानवांग पालजूर
असम एक जनजाति बहुल क्षेत्र है। सन् 2004 में यहां विद्या भारती के सहयोग से एक एकल विद्यालय प्रारम्भ हुआ, जिनकी संख्या आज बढ़कर 270 पहुंच गई।
-रविराम ब्रह्मा
18वां भाऊराव देवरस सेवा सम्मान रविराम ब्रह्मा और लामानवांग पालजूर को
स्वामी विवेकानन्द की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में गत 20 मार्च को गाजियाबाद (उ.प्र.) स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में 18वां भाऊराव देवरस सेवा सम्मान समारोह सम्पन्न हुआ। भाऊराव देवरस सेवा न्यास द्वारा आयोजित समारोह में एकल विद्यालय अभियान, असम की पूर्वोत्तर जनजाति शिक्षा समिति के अध्यक्ष श्री रविराम ब्रह्मा तथा कारगिल, लेह-लद्दाख में शिक्षा एवं सामाजिक क्षेत्र में सेवा कार्य करने वाले श्री लामानवांग पालजूर को सम्मानित किया गया। यह सम्मान न्यास द्वारा हर साल दो लोगों को समाजहित में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया जाता है।
कार्यक्रम का शुभारम्भ अध्यक्षता कर रहे एयरमार्शल (से.नि.) डा. रमेश चन्द्र बाजपेयी, मुख्य अतिथि श्री सिद्ध तीर्थ, दक्षिण काली मंदिर, चंडीघाट, हरिद्वार के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानन्द ब्रह्मचारी तथा मुख्य वक्ता रा.स्व.संघ के सह सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबले ने भारतमाता, स्वामी विवेकानन्द एवं स्व. भाऊराव देवरस के चित्रों के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पार्चन कर किया।
कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत के बाद श्री रविराम ब्रह्मा तथा श्री लामानवांग पालजूर को श्री दत्तात्रेय होसबले एवं स्वामी कैलाशानन्द ने 51 हजार रुपए का चैक, प्रतीक चिह्न एवं अभिनन्दन पत्र देकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम में सरस्वती विद्या मन्दिर के छात्रों ने अतिथियों के स्वागत में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। साथ ही कार्यक्रम के शुरू होने पर सरस्वती वन्दना एवं समापन पर वन्देमातरम् का गान भी किया।
कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती के पश्चिम उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्रीय सचिव श्री तेजपाल सेठी ने किया, जबकि आभार व्यक्त किया श्री अतुल गर्ग ने। इस अवसर पर विद्या भारती के संरक्षक श्री ब्रह्मदेव शर्मा उपाख्य भाईजी सहित विद्या भारती के पदाधिकारी एवं गाजियाबाद के नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। n प्रतिनिधि
विश्व हिन्दू परिषद द्वारा संचालित हिन्दू हेल्प लाइन की दूसरी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में गत 23 मार्च को नई दिल्ली में भव्य समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में प्रसिद्ध उद्योगपति श्री विष्णुहरि डालमिया एवं जनता पार्टी के अध्यक्ष डा. सुब्रह्मण्यम स्वामी को 'हिन्दू रत्न' सम्मान देकर सम्मानित किया गया। साथ ही हिन्दू न्यूज नेटवर्क का भी इस अवसर पर शुभारम्भ हुआ।
समारोह का शुभारम्भ विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों से हुआ। सबसे सुंदर प्रस्तुति त्रिपुरा के वनवासी बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए गए कोजागिरि नृत्य की रही।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बाद हिन्दू संस्कृति के उत्थान के लिए कार्य करने वाले श्री विष्णुहरि डालमिया एवं डा. सुब्रह्मण्यम स्वामी को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। इसके बाद मंचस्थ अतिथियों ने हिन्दू न्यूज नेटवर्क
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किया। इस अवसर पर श्री विष्णुहरि डालमिया ने कहा कि हिन्दू हेल्प लाइन से अभी तक हजारों लोग लाभ उठा चुके हैं। डा. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि हिन्दू हेल्प लाइन एक महत्वपूर्ण कदम है जो हिन्दू समाज को हर क्षेत्र में सहायता उपलब्ध कराने में सहायक होगी।
कार्यक्रम में विश्व हिन्दू परिषद के महामंत्री श्री चम्पतराय, उपाध्यक्ष श्री ओम प्रकाश सिंहल, हिन्दू हेल्प लाइन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रणजीत नातू सहित राजधानी दिल्ली के गण्यमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। n प्रतिनिधि
समाज की भरोसेमंद साथी
तीर्थयात्रा के दौरान हिन्दू समाज के सामने आने वाली विभिन्न प्रकार की समस्याओं के समाधान के लिए दो साल पहले हिन्दू हेल्प लाइन की शुरुआत हुई थी। अब इसके माध्यम से लोगों को अस्पतालों में भी सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। साथ ही गरीब लोगों को कानूनी सहायता भी इसके माध्यम से उपलब्ध कराई जाती है। हेल्प लाइन का मुख्यालय पुणे में है। यहां कॉल सेंटर में 020-66803300, 075886822181 पर फोन कर लोग देश में कहीं भी सहायता प्राप्त करते हैं। धर्मशाला की व्यवस्था से लेकर रास्ते में वाहन खराब होने पर उसे ठीक कराने की व्यवस्था तक हेल्प लाइन के जरिए की जाती है। अस्पताल में रोगी के लिए खून की व्यवस्था हो या फिर रोगी के परिजनों के लिए ठहरने या भोजन की व्यवस्था, सबकुछ एक फोन पर उपलब्ध होता है। n
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