धरोहर है रामसेतु
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चैत्र कृष्ण 12 रवि 7 अप्रैल, 2013
” ” 13 सोम 8 ” “
” ” 14 मंगल 9 ” “
चैत्र अमावस्या बुध 10 ” “
चैत्र शुक्ल 1 गुरु 11 ” “
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” ” 2 शुक्र 12 ” ”
” ” 3 शनि 13 ” “
आवरण कथा 'रामसेतु तोड़ने के लिए तर्कों के तीर' बताती है कि रामसेतु को तोड़ना न धार्मिक दृष्टि से ठीक है और न ही आर्थिक दृष्टि से। फिर यह बात समझ नहीं आती कि सरकार रामसेतु तोड़ने के लिए आमदा क्यों है? इसी सरकार ने कुछ वर्ष पहले सर्वोच्च न्यायालय में शपथपत्र देकर कहा था कि राम तो पैदा ही नहीं हुए थे। भारी विरोध के बाद सरकार ने वह शपथपत्र वापस ले लिया था। यह सरकार हिन्दुओं का अपमान कर रही है।
–दयाशंकर मिश्र
लोनी, गाजियाबाद (उ.प्र.)
n ºÉäiÉÖ समुद्रम परियोजना तत्काल बन्द होनी चाहिए। पर्यावरणविद्, मौसम विज्ञान व पुरातत्वीय दृष्टिकोण सभी एक समान रूप से रामसेतु को अमूल्य निधि सिद्ध करते हैं। रामसेतु का क्षेत्र थोरियम और यूरेनियम का भी खजाना है, जिसके बल पर हम दुनिया के बेलगाम और ताकतवर राष्ट्र के लिए चुनौती बनने की सामर्थ्य रखते हैं।
–हरिओम जोशी
चतुर्वेदी नगर, भिण्ड (म.प्र,)
n ®úɨɺÉäiÉÖ भारत की अखण्डता का प्रतीक है। कुछ साल पहले सुनामी आया था। इससे दक्षिण भारत के समुद्र तटीय क्षेत्रों में जान-माल का बड़ा नुकसान हुआ था। किन्तु रामसेतु के क्षेत्र में यह नुकसान कम हुआ था। रामसेतु की वजह से समुद्री लहरें बलवती नहीं हो पाईं।
–ठाकुर सूर्यप्रताप सिंह सोनगरा
कांडरवासा, जिला–रतलाम
457222 (म.प्र.)
n näù¶ÉʽþiÉ में रामसेतु का रहना जरूरी है। रामसेतु तोड़कर समुद्री जहाजों के लिए जो रास्ता बनाया जाएगा वह उतना महत्व नहीं रखता जितना कि देश की सुरक्षा। किन्तु विदेशी ताकतों के इशारे पर काम करने वाली संप्रग सरकार देशहित से जुड़े मुद्दों को साम्प्रदायिक मानती है। इसलिए वह रामसेतु को तोड़ने के लिए कुतर्कों का तीर चला रही है।
–राममोहन चंद्रवंशी
अभिलाषा निवास, विट्ठल नगर, टिमरनी
जिला–हरदा (म.प्र.)
n =kÉ®ú में हिमालय और दक्षिण में रामसेतु भारत के लिए रक्षा कवच हैं। रामसेतु को तोड़ने की मंशा पालने वाले कभी सफल नहीं होगे। रामसेतु ईश्वरीय कृपा से बना और उन्हीं की कृपा से अभी भी है, और आगे भी रहेगा।
–जमालपुरकर गंगाधर
श्री नीलकण्ठ नगर
जियागुडा, हैदराबाद (आं.प्र.)
n ÊVÉºÉ मूल बिन्दु के विरोध में रामसेतु पर इतना सुन्दर लेख प्रकाशित किया गया, अन्त में उसी का समर्थन किया गया है। संभवत: यह असावधानीवश हो गया हो। कृपया इस साप्ताहिक गई गरिमा बनाए रखें।
–आर.के. शर्मा
rupendra.sharma@gmail.com
ललकारो आतंकवादियों को
मंथन में देवेन्द्र स्वरूप ने अपने लेख 'आतंकवाद' के सामने भारत बेबस क्यों?' में तथ्यों के साथ आतंकवाद को लेकर सरकार की भूमिका को स्पष्ट किया है। देश में अनेक मजहबी संगठन अलगाववाद व अराजकता के बीज बो रहे हैं। उन्हें ललकारने अथवा चुनौती देने के बजाय सरकार 'हिन्दू आतंकवाद', जिसका कोई अस्तित्व ही नहीं है, पर बयानबाजी कर रही है। यह सरकार पंथनिरपेक्षता के नाम पर असली आतंकवादियों को पकड़ना ही नहीं चाहती है और जो पकड़े गए हैं उन्हें छोड़ने के रास्ते निकाले जा रहे हैं।
–मनोहर 'मंजुल'
पिपल्या–बुजुर्ग
प. निमाड़-451225 (म.प्र.)
मजार पर फूल
सेकुलरवाद की आड़ में कांग्रेस खतरनाक खेल खेल रही है। हैदराबाद बम विस्फोट में मारे गए लोगों के परिजनों का हालचाल जानने के लिए राहुल गांधी नहीं गए। किन्तु वे उ.प्र. के कुंडा में मारे गए डी.एस. पी. जिया उल हक की मजार पर फूल चढ़ाने पहुंच गए। किसी शहीद सैनिक के परिजनों की भी सुध उन्होंने नहीं ली। क्या यही सेकुलरवाद है?
–प्रदीप सिंह राठौर
एम.आई.जी. 36, बी ब्लॉंक
पनकी, कानपुर (उ.प्र.)
साधुवाद!
श्री मुजफ्फर ½ÖþºÉèxÉ xÉä स्वातंत्र्यवीर सावरकर के साथ हुए भेदभावों को बहुत ही रोचक तरीके से उठाया है। इस आलेख के लिए लेखक और पाञ्चजन्य परिवार को साधुवाद! वीर सावरकर से जुड़े अन्य तथ्यों को भी प्रकाशित करें।
–जगदीश प्रसाद अग्रवाल
तेज उद्योग, महीवार स्थान
सिलीगुड़ी-734004 (प. बंगाल)
प्रेरक स्तम्भ
पिछले दिनों पाञ्चजन्य के 16 अंकों में चित्रकथा के माध्यम से कुन्ती के उत्कृष्ट चरित्र का वर्णन किया गया। कुन्ती को प्राप्त वरदान, हस्तिनापुर के राजकुमार पाण्डु से विवाह, विवाह के पूर्व कर्ण और विवाह के बाद युधिष्ठिर, अर्जुन और भीम का जन्म, माद्री से नकुल, सहदेव का जन्म, पाण्डु की मृत्यु इन घटनाओं को बहुत ही रुचिकर ढंग से प्रस्तुत किया गया। इस स्तम्भ से हर वर्ग का पाठक लाभान्वित हो रहा है।
–उदय कमल मिश्र
गांधी विद्यालय के समीप
सीधी-486661 (म.प्र.)
खतरनाक षड्यंत्र
छत्तीसगढ़, झारखण्ड व उड़ीसा में नक्सलियों का दुस्साहस खतरनाक ढंग से बढ़ रहा है। अर्द्धसैनिक बलों व सेना के समक्ष वे लगातार नयी चुनौतियां खड़ी कर रहे हैं। आधुनिक हथियारों के साथ-साथ उन्होंने राकेट का प्रयोग शुरू कर दिया है। यह देश की आन्तरिक सुरक्षा हेतु अत्यन्त खतरनाक है। सत्ता के भूखे कांग्रेसी व कम्युनिस्ट गठजोड़ ने सदैव नक्सलियों के प्रति हमदर्दी का रवैया अपनाया है। जिस प्रकार तिब्बत के बाद नेपाल को हथियाने का कूटनीतिक प्रयास चीन कर रहा है, उसी तरह वह भारत में भी वैचारिक परिवर्तन करके राजनीतिक सत्ता हस्तान्तरण का खतरनाक षड्यंत्र रच रहा है।
–रमेश कुमार मिश्र
ग्राम–कान्दीपुर, पोस्ट–कटघरमूसा
जिला–अंबेडकरनगर (उ.प्र.)
घोटाले पर घोटाले
संप्रग सरकार के राज में अब तक करीब एक दर्जन घोटाले हो चुके हैं। 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाला, राष्ट्रमण्डल खेल घोटाला, आदर्श हाउसिंग, सोसायटी घोटाला, अन्तरिक्ष-देवास घोटाला, कोयला घोटाला, अगस्ता हेलीकॉप्टर खरीद घोटाला…। 2014 के मार्च- अप्रैल में आम चुनाव होगा। इस बीच पता नहीं और कितने घोटाले हो जाएंगे। जागरूक जनता ही इस सरकार को सबक सिखाएगी और भ्रष्टाचारी जेल जाएंगे।
–हरेन्द्र प्रसाद साहा
नया टोला, कटिहार-854105 (बिहार)
नई पीढ़ी संस्कारवान बने
आज की पीढ़ी अपने पारिवारिक संस्कारों और रिवाजों से वंचित हो रही है। समय के साथ चलना जरूरी है, पर अपने संस्कारों को सहेजना भी कम जरूरी नहीं है। यदि बच्चे अपने कुल की परम्परा को ही नहीं जानेंगे तो आगे उन्हें ही दिक्कत होगी। पेड़ से टूटी हुई टहनी कब तक हरी-भरी रह सकती है? इसलिए बच्चों को अपने संस्कार अवश्य दें, ताकि वे अपनी जड़ों से कट न पाएं।
–रमेश भाटिया
3 न्यू मार्केट, पश्चिमी पटेल नगर
नई दिल्ली-110008
घुसपैठिए भगाओ, असम बचाओ
असम में राभा जनजाति की दयनीय दशा पर केन्द्रित रपट 'पुलिस ने चलाई गोलियां, घुसपैठियों ने फूंके घर' पूर्वोत्तर को लेकर चिन्ता पैदा करती है। असम में बंगलादेशी घुसपैठियों की इतनी संख्या हो चुकी है कि वे लोग वहां के स्थानीय लोगों को खदेड़ने लगे हैं। राभा जनजाति को भी ये घुसपैठिए असम से उजाड़ना चाहते हैं। पिछले वर्ष जुलाई-अगस्त माह में असम में करीब 500 हिन्दू गांवों पर हमले किए गए। हिन्दुओं के मकानों और दुकानों में आग लगाई गई। यदि बंगलादेशियों को नहीं-रोका गया तो असम मुस्लिम-बहुल राज्य हो जाएगा।
–सुहासिनी प्रमोद वालसंगकर
द्वारकापुरम, दिलसुखनगर
हैदराबाद-60 (आं..प्र.)े
n ¤ÉÆMɱÉÉnäù¶ÉÒ मुस्लिम घुसपैठियों, कथित सेकुलरों, भ्रष्टाचारियों और देशद्रोहियों के कारण भारत आज चौतरफा संकटों का सामना कर रहा है। इस हालत में राष्ट्रवादी ताकतों को एकजुट होकर समाज जागरण करना होगा। लोगों को बताना होगा कि घुसपैठियों की वजह से यह देश किस प्रकार घिर गया है।
–सच्चानन्द चेलानी
कटनी (म.प्र.)
खतरनाक जिहादी मंशा
पिछले दिनों पाकिस्तान में अल्पसंख्यक ईसाइयों के 200 घरों और दुकानों में आग लगा दी गई। जिहादियों ने एक साजिश के तहत इस घटना को अंजाम दिया। ये जिहादी कभी हिन्दुओं पर हमले करते हैं, तो कभी अहमदियों पर। ये लोग अहमदियों को मुसलमान भी नहीं मानते हैं। जिहादियों की एक ही मंशा है पाकिस्तान से हिन्दुओं, ईसाइयों और अन्य कमजोर वर्गों को भगाना। दुर्भाग्य से कोई मानवाधिकारी पीड़ित लोगों के लिए कुछ बोलता भी नहीं है।
–हरीश चन्द्र धानुक
बशीरतगंज, लखनऊ (उ.प्र.)
राहुल गांधी ने कहा है कि वे विवाह की गलती नहीं करेंगे, क्योंकि इससे व्यक्ति यथास्थितिवादी बनकर अपनी संतानों को स्थापित करने की कोशिश में लगा रहता है। दुरुस्त फरमाया। मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू, इन्दिरा गांधी, राजीव गांधी और सोनिया गांधी की गलतियों पर विराम लगना चाहिए। पर हम राहुल गांधी व जनता के ध्यान में कुछ तथ्य लाना चाहेंगे। वे याद करें कि सरदार पटेल ने अपनी एकमात्र पुत्री मणी बेन को राजनीति में स्थापित करने के लिए कुछ नहीं किया। यह पं. नेहरू के इंदिरा को स्थापित करने के प्रयासों के एकदम विपरीत था। इसी प्रकार डा. राजेन्द्र प्रसाद व राजगोपालाचारी से लेकर लालकृष्ण आडवाणी तक अनेक ख्यातनाम राजनेता उसी श्रेणी में हैं। बाबा साहब अम्बेडकर, जिनकी पांच में से केवल एक सन्तान यशवन्त (भैया साहब) जीवित बचे थे, ने तो इस बारे में बेहद उल्लेखनीय कठोरता बरती। उन्होंने यशवंत को राजनीतिक परिदृश्य से दूर रखा। साथ ही, कानून मंत्री रहते हुए उन्होंने यशवंत की सिफारिश-परस्ती की भावना पहली ही घटना में कुचल डाली। भैया साहब बम्बई के दो उद्योगपतियों के साथ उन्हीं के यान में दिल्ली आए और पिता से उनके लिए एक सिफारिशी पत्र मांगा। बाबा साहब ने भड़कते हुए कहा-'मूर्ख! मैं यहां तेरा पिता नहीं, भारत का कानून मंत्री हूं। तूने यह सोचा भी कैसे कि मैं किसी की सिफारिश करूंगा?' यशवन्त अपना सा मुंह लेकर वापस लौट गए। इसके बाद पिता-पुत्र में बातचीत भी बन्द हो गई थी।
–अजय मित्तल
खंदक, मेरठ (उ.प्र.)
समझौता चुपचाप
परदे के पीछे किया, समझौता चुपचाप
जनता को बहला रहे, मूर्ख मानकर आप।
मूर्ख मानकर आप, मामला है इटली का
वही किया, आदेश हुआ जो मैडम जी का।
कह 'प्रशांत' कानून बना डाला है नौकर
आने दो चुनाव, जनता मारेगी ठोकर।।
–प्रशांत
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