महाराजा दाहरसेन के 1300वें बलिदान दिवस पर श्रद्धाञ्जलि समारोहसनातन विचार की रक्षा के लिए दिया बलिदान-मोहनराव भागवत, सरसंघचालक, रा.स्व.संघ
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

महाराजा दाहरसेन के 1300वें बलिदान दिवस पर श्रद्धाञ्जलि समारोहसनातन विचार की रक्षा के लिए दिया बलिदान-मोहनराव भागवत, सरसंघचालक, रा.स्व.संघ

by
Jun 23, 2012, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 23 Jun 2012 15:18:47

भारत की पश्चिमी प्राचीर के रक्षक सिंधुपति महाराजा दाहरसेन के राष्ट्ररक्षार्थ 1300वें बलिदान दिवस पर गत दिनों पुष्कर (राजस्थान) रोड स्थित दाहरसेन स्मारक पर विशाल श्रद्धाञ्जलि समारोह का आयोजन किया गया। सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन समारोह समिति और भारतीय सिन्धु सभा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, दिल्ली, गुजरात एवं राजस्थान के 26 जिलों से बड़ी संख्या में संतों एवं गण्यमान्य लोगों ने भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव       भागवत थे।

श्री भागवत ने अपने उद्बोधन में महाराजा दाहरसेन के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राजा दाहरसेन ने किसी भूभाग पर हमले के विरोध में बलिदान नहीं दिया, बल्कि उनका बलिदान एक सनातन विचार की रक्षा के लिए था। महाराजा दाहरसेन को लगा कि अरबों का आक्रमण सनातन धर्म और संस्कृति पर हमला है, इसलिए उन्होंने आक्रमणकारियों के खिलाफ तलवार उठाई।

श्री भागवत ने कहा कि भारत वीरों की भूमि है। इस धरा ने पूरी दुनिया के सुख और समृद्धि की कामना की है। भारत दुनिया का अकेला ऐसा देश है जो विविधताओं से भरा है। उन्होंने कहा कि किसी भी देश की पहचान उसकी संस्कृति और गौरवशाली इतिहास से होती है। समाज उन्हीं लोगों को याद रखता है, जिन्होंने मूल्य आधारित शासन करते हुए मातृभूमि के लिए अपने प्राणों को न्योछावर किया है और महाराजा दाहरसेन उनमें से एक हैं। श्री भागवत ने कहा कि दुनिया के कुछ देश पूरी दुनिया को एक बाजार बनाना चाहते हैं लेकिन भारत ऐसा नहीं सोचता है। भारत शुरू से ही 'वसुधैव कुटुंबकम' के मूल्यों पर आधारित विचार के साथ चल रहा है। भारत दुनिया को बाजार नहीं, एक परिवार मानता है। संतों के सान्निध्य में चलने वाली भारत की व्यवस्था पूरी दुनिया के लिए मार्गदर्शक है। जब सारी दुनिया भटकती है तब भारत उसका मार्ग प्रशस्त    करता है।

सरसंघचालक ने कहा कि भारत विविध भाषाओं का देश है। अगर सिंधी समाज के लोग सिंधी भाषा को बचाने का प्रयास कर रहे हैं तो यह भारत को ही बचाने का प्रयास है। भारत एक भाषा, प्रांत या पंथ-संप्रदाय नहीं हैं, बल्कि सबको जोड़कर बना है। श्री भागवत ने कहा कि भारत के पास समृद्ध भाषा है। ऐसी भाषा है, जिसमें भाव शामिल हैं। इसलिए जिस जगह हम रहते हैं उसे मातृभूमि कहते हैं। उन्होंने युवा पीढ़ी का आह्वान करते हुए कहा कि यदि भाव का विकास करना है तो अपनी भाषा को समझें और महत्व दें। अपने पूर्वजों और संस्कृति को नहीं भूलें। अपनी विरासत को आगे बढ़ाएं।

श्री भागवत ने कहा कि दुनिया हजारों साल से सुखों के लिए दौड़ रही है, लेकिन हार चुकी है। अब उसकी नजर भारत पर है। देश को अपनी सारी शक्ति एकजुट करनी होगी। सारी दुनिया में कट्टरवाद और उदारता के बीच लड़ाई चल रही है। कपट और सरलता के बीच संघर्ष चल रहा है। देश को अपने मूल्यों को स्थापित करने के लिए सेनापति की भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि दाहरसेन स्मारक केवल स्मारक नहीं, बल्कि इतिहास की जीवंतता के साथ प्रस्तुति है। दाहरसेन स्मारक हमें अपने गौरवशाली अतीत को समझने एवं भविष्य में राष्ट्रधर्म के लिए सर्वस्व न्योछावर करने की प्रेरणा देता है।

श्री भागवत ने कहा कि कहा जाता है कि पुरानी बातों को भूल जाओ, मगर कुछ बातें ऐसी होती हैं जिनको जीवनपर्यंत याद रखना पड़ता है। दाहरसेन का प्रसंग भी ऐसा ही है। दाहरसेन का जीवन हिन्दू आचरण का उदाहरण है। हिन्दू जीवन का आदर्श है। हम भारत को अखंड भारत मानते हैं। सिंध में आज भी सिंधी हिन्दू रहते हैं। वहां आज भी भारत जीवंत है। कश्मीरी पंडितों की समस्या पूरे हिन्दू समाज की समस्या है।

श्री भागवत ने आह्वान किया कि सिंधी समाज न तो अपनी भाषा को भूले और न ही अपने पूर्वजों एवं सिंध के इतिहास को। इस अवसर पर सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत तथा मंचासीन संतों ने श्री ओंकार सिंह लखावत द्वारा लिखित पुस्तक 'संसार का सिरमोर सिंध व महाराजा दाहरसेन' तथा पाथेय कण के विशेषांक का लोकार्पण किया। कार्यक्रम का संचालन भारतीय सिन्धु सभा के प्रान्त मंत्री श्री महेंद्र कुमार तीर्थानी ने किया। समारोह में सिंध दर्शन प्रदर्शनी और पुस्तक प्रदर्शनी भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही थीं। दाहरसेन स्मारक संग्रहालय में सिन्धु घाटी की सभ्यता, सिन्ध के जनजीवन एवं धरोहर स्मृति को भव्य रूप से प्रदर्शित किया गया है। साथ ही सिन्ध के भौगोलिक एवं सांस्कृतिक स्वरूप को भी जमीन पर उकेरा गया है। विसंके, जोधपुर

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वाले 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies