मानवता का स्पर्श
|
औरंगाबाद का डा. हेडगेवार रुग्णालय
कोई एक व्यक्ति चिकित्सा जैसा भरपूर लाभ कमाने वाला व्यवसाय सेवा भाव से आरम्भ करे और बीस वर्ष तक करता रहे तो भी यह एक उल्लेखनीय घटना ही कही जानी चाहिए। लेकिन जब सात चिकित्सक साथ मिलकर एक अत्याधुनिक चिकित्सालय बीस वर्ष तक सेवाभाव से चलाएं तो इसे सेवाभाव का अनुपम आदर्श ही कहना होगा। महाराष्ट्र के औरंगाबाद के सात चिकित्सकों ने डा. बाबासाहब आंबेडकर वैद्यकीय प्रतिष्ठान के माध्यम से यह कर दिखाया है।
डा. बाबासाहब आंबेडकर वैद्यकीय प्रतिष्ठान औरंगाबाद में सामाजिक काम करने वाली एक संस्था है। इस संस्था से संबंधित 6-7 चिकित्सकों ने 1988-89 में सात लाख रुपए कर्ज लेकर डा. हेडगेवार रुग्णालय शुरू किया। प्रारंभ में इस रुग्णालय के बारे में समाज के मन में कौतुहल, संदेह, भय और अवहेलना के भाव थे। लेकिन सब चिकित्सक उत्साह में थे और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्कारों में पले होने के कारण दृढ़ थे। आगे चलकर इसी समाज ने रुग्णालय का दृढ़ता से साथ दिया तथा सराहा भी। चिकित्सकों की भी हिम्मत बढ़ी। समाज के लिए जीवनभर काम करना, यह भाव मन में रखकर वे आज भी रुग्णालय चला रहे हैं।
केवल 10 रोगियों की व्यवस्था से आरंभ किए गए इस रुग्णालय का विस्तार होकर, अब यह 150 रोगियों की व्यवस्था का रुग्णालय बन गया है। सफेद रंग की भव्य इमारत के इस रुग्णालय में अच्छे बड़े साफ बरामदे, भरपूर सूर्य-प्रकाश, खुली हवा की व्यवस्था है। रुग्णालय के सामने एक सुन्दर बगीचा भी है। विविध विषयों के 35 अनुभवी चिकित्सक यहां सेवा देते हैं। वे रोज करीब दस घंटे काम करते हैं। वेतन में मध्यमवर्गीय जीवन जीने के लिए आवश्यक राशि ही लेते हैं। किसी का भी निजी व्यवसाय या आय का अन्य कोई स्रोत नहीं है।
आज व्यावसायिक क्षेत्र में चिकित्सकीय व्यवसाय को प्राप्त हुए स्वरूप को देखकर यह आश्चर्य लगता है कि गत करीब बीस वर्षों में यहां के किसी भी चिकित्सक को उसके काम के वेतन का हिसाब लगाते नहीं देखा गया। डा. सतीश कुलकर्णी यहां के सबसे वरिष्ठ चिकित्सक हैं। उन्हें सब सम्मान देते हैं, सबके मन में उनके प्रति आदर का भाव है, लेकिन सब उन्हें अपना मित्र मानते हैं। सब से भरपूर प्रेम करना, सबको संभालना यही उनकी वृत्ति बन गई है। एक अन्य चिकित्सक डा. नरेन्द्र कुलकर्णी दिन-रात काम करते हैं। भावना प्रधान लेकिन कर्तव्य कठोर व्यक्तित्व। मराठवाड़ा क्षेत्र के सर्वोत्कृष्ट न्यूरोसर्जन हैं।
यहां रुग्णालय का शुल्क भी एक विशेषता है। सामान्य कक्ष (जनरल वार्ड) के रोगियों से कोई शुल्क नहीं लिया जाता। अब तक लाखों रोगियों ने इस रुग्णालय का लाभ उठाया है। उत्तम और परिणामकारक सामाजिक सेवा देने वाली संस्था निर्माण करने के लिए जिन बातों का ध्यान रखना और प्रयास आवश्यक होते हैं, वह सब यहां सब ने मिलकर किए। इस कारण रुग्णालय को यह सफलता मिली है।
डा. बाबा साहब आंबेडकर चिकित्सकीय प्रतिष्ठान का उद्देश्य समाज को उत्तम चिकित्सकीय सेवा देने के साथ-साथ समाज के पिछड़े वर्गों को सक्षम बनाना भी है। इस उपक्रम के अंतर्गत सेवा बस्ती में रहने वाली जो लड़कियां स्कूल नहीं जातीं उनके लिए कढ़ाई, सिलाई, जूट का सामान बनाने तथा फैशन डिजायनिंग का प्रकल्प शुरू किया गया है। इसके अलावा और भी अनेक प्रकल्प प्रतिष्ठान द्वारा चलाए जा रहे हैं।
डा. बाबासाहब आंबेडकर वैद्यकीय प्रतिष्ठान के सब प्रकल्पों को समाज की ओर से बहुत अच्छा सहयोग मिल रहा है। रक्तपेटी के रक्तदान शिविरों का आयोजन सेवाभावी संस्थाएं करती हैं। डा. हेडगेवार रुग्णालय में रोज 50 वरिष्ठ नागरिक सेवाव्रती के रूप में स्वागत कक्ष, जानकारी कक्ष, पंजीयन, पूछताछ कक्ष, सलाह कक्ष का काम देखते हैं। इतना ही नहीं, वे रोगी के रिश्तेदारों के छोटे-मोटे काम भी करते है। न्यूजभारतीडॉटकॉम
टिप्पणियाँ