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उत्तराखण्ड
खंडूरी ने संभाली कमान, आते ही भ्रष्टाचार पर वार
मजबूत लोकपाल बिल के साथ ही प्रदेश में बेनामी संपत्ति को सरकार से संबद्ध करने की घोषणा
मनोज गहतोड़ी
तेजी से घटे घटनाक्रम में मेजर जनरल (से.नि.) भुवन चंद्र खंडूरी ने दो साल 75 दिन बाद गत 11 सितम्बर को पुन: उत्तराखंड के छठे मुख्यमंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। मुख्यमंत्री के साथ राज्यपाल माग्र्रेट अल्वा ने पूर्व कैबिनेट मंत्रियों- त्रिवेंद्र सिंह रावत, दिवाकर भट्ट, राजेंद्र भंडारी, खजान दास, बंशीधर भगत, मातबर सिंह कंडारी, बलवंत सिंह भौर्याल, प्रकाश पंत, गोविंद सिंह, श्रीमती विजया बडथ्वाल तथा मदन कौशिक को भी पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। देहरादून के रेंजर्स मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राज्य के कई जिलों से आए हजारों लोगों ने भाग लिया। इससे पूर्व निवर्तमान मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल व्निशंकव् ने अपना इस्तीफा राज्यपाल भवन में राज्यपाल श्रीमती मार्गेरेट अल्वा को सौंपा।
विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आम जनता में श्री भुवन चंद्र खडूरी (से.नि.) की ईमानदार एवं साफ-सुथरी छवि को देखकर भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश की राजनीति में यह बड़ा परिवर्तन किया है। भारतीय जनता पार्टी विधानमंडल दल की बैठक में सदन का नेता चुने जाने के बाद मे. जन. (से.नि.) खंडूरी ने दोपहर बाद सवा तीन बजे शपथ ग्रहण कर राज्य की बागडोर संभाली। शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तराखंड के चुनाव प्रभारी श्री राजनाथ सिंह, सह प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रवि शंकर प्रसाद, प्रदेश प्रभारी थावरचंद गहलौत सहित राज्य के चार पूर्व मुख्यमंत्री- रमेश पोखरियाल निशंक, नारायण दत्त तिवारी, नित्यानंद स्वामी एवं भगत सिंह कोश्यारी, विधानसभा अध्यक्ष हरबंश कपूर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बिशन सिंह चुफाल, कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल आर्य के अलावा भाजपा के अनेक वरिष्ठ कार्यकर्ता उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन मुख्य सचिव सुभाष कुमार ने किया।
राज्य की बागडोर संभालने के चंद घंटों बाद ही मुख्यमंत्री ने कैबिनेट की पहली औपचारिक बैठक कर सचिवालय परिसर में एक पत्रकार सम्मेलन का आयोजन किया। आत्मविश्वास से भरपूर मुख्यमंत्री खंडूरी ने पत्रकार वार्ता में यह साफ कर दिया कि वह राज्य में भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। इससे यह साफ हो गया कि भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना उनकी पहली प्राथमिकता होगी। श्री खंडूरी ने कहा कि एक महीने के भीतर सरकार के सभी मंत्री और आईएएस व आईपीएस स्तर के अधिकारी अपनी संपत्ति की घोषणा करेंगे। उन्होंने बताया कि बेनामी संपत्ति को बिहार की तरह ही सरकार अपने कब्जे में ले लेगी। राज्य में प्रभावशाली लोकायुक्त कानून बनाने के लिए लोगों से सुझाव लिए जाएंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री को भी लोकायुक्त के भीतर लाने के लिए नया विधेयक तैयार करने की घोषणा की। इसके लिए सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृ#ृत न्यायाधीश की सेवाएं ली जाएंगी। उन्होंने कैबिनेट बैठक के फैसलों को सार्वजनिक करते हुए कहा कि बेनामी संपत्ति मिलने पर उसे जब्त किया जाएगा। एक सवाल के जवाब में श्री खंडूरी ने साफ कहा कि यदि किसी पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें मिलीं तो उसकी जांच कराने में सरकार लापरवाही नहीं करेगी। कोई भी व्यक्ति चाहे वह कितना ही बड़ा हो, उसे माफ नहीं किया जाएगा। उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कैबिनेट बैठक के तीन बिंदुओं- मजबूत लोकायुक्त बिल बनाने, मुख्यमंत्री को लोकायुक्त के दायरे में लाने और बेनामी संपत्ति को जब्त करने के फैसलों से जनता को अवगत कराया। पत्रकार वार्ता में कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत, बंशीधर भगत, मुख्य सचिव सुभाष कुमार, उमाकांत पंवार, देवेंद्र भसीन तथा रविंद्र जुगरान मौजूद थे।
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