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–स्वामी विश्वेशतीर्थ, प्रमुख, पेजावर मठ
प्रतिनिधि
हिन्दू धर्म में अस्पृश्यता के लिए कोई स्थान नहीं है। हम सब हिन्दू बराबर हैं। जाति उच्चता का मापदंड नहीं है, बल्कि अच्छे गुण इसका आधार हैं।व् उक्त उद्गार पेजावर मठ के प्रमुख स्वामी विश्वेशतीर्थ ने गत दिनों फतेहनगर (हैदराबाद) में सम्पन्न हुए चातुर्मास दीक्षा के कार्यक्रम में व्यक्त किए।
स्वामी विश्वेशतीर्थ ने आगे कहा कि श्रीमद् भागवद् में एक कहानी आती है। एक व्यक्ति जन्म से ब्रााहृण है, वह सनातन साहित्य का अच्छा जानकार है, लेकिन भक्ति नहीं करता। वहीं दूसरी ओर एक व्यक्ति जन्म से हरिजन है, जिसने किसी भी पुस्तक का अध्ययन नहीं किया, लेकिन उसका ह्मदय भक्ति से ओतप्रोत है। उन्होंने प्रश्न किया कि बताइए इन दोनों में से कौन महान है? स्वामी विश्वेशतीर्थ ने उत्तर दिया कि श्रीमद् भागवद् के अनुसार वह अशिक्षित हरिजन महान है, जिसका ह्मदय भक्ति से ओतप्रोत है। उन्होंने कहा कि श्रीराम, श्रीकृष्ण, दुर्गा माता आदि देवी-देवताओं की पूजा हर हिन्दू द्वारा की जाती है। हिन्दू धर्म में भेदभाव, अस्पृश्यता के लिए कोई स्थान नहीं है। हमें इन कुरीतियों को समाप्त करना होगा। आपमें से किसी को भी यदि अस्पृश्यता का अनुभव हो, यदि कोई समस्या हो तो मुझसे कहें। मैं आपकी समस्याओं का समाधान करने के लिए तैयार हूं। विश्व हिन्दू परिषद् का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि विहिप समाज से अस्पृश्यता को समाप्त करने के लिए संकल्पित है। अगर आपकी कोई समस्या है तो आप अपनी समस्या विहिप कार्यकर्ताओं के ध्यान में लाएं।
कार्यक्रम के बाद स्वामी जी डा. अंबेडकर जगजीवन राम कॉलोनी के लोगों से मिले। 30 अगस्त को उन्होंने मदनपेट्टा में पदयात्रा की। वे कुछ लोगों के घर गए और उनके पूजा घर में दीप प्रज्ज्वलित किया। भारी बारिश होने के बावजूद स्वामी जी की पदयात्रा एवं कार्यक्रम चलते रहे। स्थानीय लोगों ने मदनपेट्टा आने पर उनका जोरदार स्वागत किया। पदयात्रा और सभाएं सामाजिक समरसता मंच द्वारा आयोजित किए गए।
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