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देसी गाय का दूध ही स्वास्थ्यवर्धक-कुप्.सी.सुदर्शन, निवर्तमान सरसंघचालक, रा.स्व.संघगो-ग्राम सेवा समिति, हरियाणा द्वारा गत दिनों जींद (हरियाणा) के गोपाल विद्या मंदिर में गाय, गांव और खेती बचाने के लिए 2 दिन का प्रान्तीय प्रशिक्षण वर्ग आयोजित किया गया। वर्ग का उद्देश्य हरियाणा के सभी ग्रामों में गो संवर्धन, जैविक खेती एवं गांव में सामाजिक कार्य करने वाले समर्पित लोगों को तैयार करना है। इसमें हरियाणा के 211 गांवों के 436 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।वर्ग का उद्घाटन रा.स्व.संघ के निवर्तमान सरसंघचालक श्री कुप्.सी.सुदर्शन एवं अखिल भारतीय गो सेवा प्रमुख श्री शंकर लाल ने संयुक्त रूप से किया। वर्ग को संबोधित करते हुए श्री सुदर्शन ने कहा कि 1857 की क्रांति के मूल में गाय थी। अंग्रेज गाय की चर्बी से बना कारतूस मुंह से छीलकर प्रयोग करते थे। जिसका शहीद मंगल पाण्डे ने विरोध किया और यहीं से 1857 की क्रान्ति का बिगुल बजा। उन्होंने कहा कि मात्र देसी गाय का दूध ही स्वास्थ्यवर्धक है, जर्सी का नहीं। प्राकृतिक खेती के संबंध में अपने विचार रखते हुए उन्होंने कहा कि हमें प्रकृति आधारित खेती करनी चाहिए, इससे धरती उर्वरक बनी रहेगी और किसान का खर्च भी बचेगा। वर्ग में देसी गाय की नस्ल सुधार कर दूध कैसे बढ़ाया जाए, पंचगव्य चिकित्सा, पंचगव्य से निर्मित दवाइयां एवं दैनिक उपयोग का सामान-साबुन, धूपबत्ती, शैम्पू, मच्छर क्वायल आदि विषयों पर देशभर से आए विशेषज्ञों ने प्रशिक्षण दिया। प्रतिनिधि32
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