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कश्मीर घाटी से विस्थापित हुए कश्मीरी हिन्दुओं के प्रमुख संगठन पनुन कश्मीर ने जम्मू में 27 दिसम्बर को “21वां होमलैंड दिवस” मनाया, इस अवसर पर प्रस्ताव पारित कर कश्मीर घाटी में अलग “होमलैंड” की मांग दोहराई गई। इस मौके पर न्यायमूर्ति सगीर अहमद कार्यदल की रपट को देशविरोधी बताते हुये उसे सिरे से खारिज कर दिया गया। “होमलैंड दिवस” पर आयोजित नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस मौके पर श्री शिवराज सिंह ने कहा कि केन्द्र-राज्य संबंधों के संदर्भ में आई कार्यदल की रपट आग में झोंकने के लायक है। जम्मू-कश्मीर को स्वायत्तता देने की सिफारिश करने वाली इस रपट का भारतीय जनता पार्टी देशभर में विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि रपट अपने आप में एक धोखा है, पर हम भारत को बेचने और मिटने नहीं देंगे। कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, दुनिया की कोई भी ताकत इसे भारत से अलग नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि जहां “एक विधान-एक निशान- एक प्रधान” के लिए डा. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने अपने प्राणों का बलिदान दिया वहां देश तोड़ने वाली साजिश को कामयाब नहीं होने दिया जायेगा। इसके साथ ही उन्होंने कश्मीर समस्या के लिए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की गलत नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुये कहा कि श्री नेहरू ने कश्मीर मसले पर जो ऐतिहासिक भूल की उसका खमियाजा आज पूरा देश भुगत रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने शुरू से ही राज्य में लागू धारा 370 का विरोध किया है और अब समय आ गया है कि नेहरू की गलती को सुधारते हुये कश्मीर में पूरे सम्मान के साथ हिन्दू विस्थापितों की वापसी हो। मानवाधिकार पर दोहरे मापदंड अपनाने, अफजल गुरू की सजा को टालने व आतंकियों के खिलाफ नर्म रुख अपनाने का विरोध करते हुये उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण ही कश्मीरी हिन्दू समाज आज भी विस्थापित जीवन जी रहा है। उन्होंने कहा कि जब बाबरी ढांचा गिराया गया तो देशभर के सेकुलरों में बवाल मच गया, लेकिन कश्मीर में लगभग 200 मंदिरों को जला दिया गया तो कहीं से कोई आवाज नहीं उठी। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 1953 से पहले की स्थिति को बहाल करने वाली, स्वायत्तता की सिफारिश वाली रपट को आग के हवाले किया जायेगा। कश्मीरी हिन्दू समाज अपना संघर्ष जारी रखे, पूरा देश उनके साथ है।पनुन कश्मीर के संयोजक डा. अग्निशेखर ने कहा कि कश्मीरी हिन्दुओं को न तो “सेल्फरूल” चाहिए और न ही स्वायत्तता। अलग “होमलैंड” की मांग को दोहराते हुये उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री व वहां के लोगों ने जिस तरह से अलग “होमलैंड” का प्रस्ताव सर्व सम्मति से पारित किया है उसके लिए कश्मीरी हिन्दू समाज उनका आभारी है। “होमलैंड” में भारतीय संविधान लागू हो और इसको केन्द्र शासित क्षेत्र का दर्जा दिया जाये। द प्रतिनिधि9
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